1. संवेदनशीलता ही नवप्रवर्तन, सृजनशीलता और परिवर्तन की आधारशीला है। 2. नैतिक विश्व का आयाम विस्तृत है, लेकिन इसकी प्रवृत्ति हमेशा न्याय के पक्ष में होती है।
प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।