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प्रश्न :
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेशों की जेलों की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘कैदियों को जेल में जानवरों की तरह नहीं रखा जा सकता’। जेलों की दयनीय स्थिति को स्पष्ट करते हुए जेल-सुधार के व्यावहारिक उपाय सुझाएँ।
09 May, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी का संदर्भ क्या है।
- जेलों की स्थिति
- सुधार के लिये उपाय
सर्वोच्च न्यायलय ने जेल में क्षमता से अधिक कैदियों को रखने के कारण उत्पन्न हुई भीड़ के संदर्भ में कहा कि कैदियों को जेल में जानवरों की तरह न रखा जाए। इस संदर्भ में पुलिस महानिदेशकों (जेल) को इस समस्या से निपटने के आदेश दिये गए हैं।
वर्तमान स्थितिः
- वर्तमान में 3-81 लाख क्षमता वाली जेलों में 4-33 लाख कैदी हैं।
- 2015 से कैदियों में तो लगातार बढ़ोतरी हो रही है, किंतु जेलों की संख्या ज्यों की त्यों है।
- नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2015 की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जेलों में क्षमता के मुकाबले 114.4% अधिक कैदी बंद हैं। कुछ मामलों में तो यह 600% तक है।
- ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैदियों की हालत कितनी बदहाल होगी, यदि इस संबंध में राज्यों की बात करें तो ज्ञात होता है कि दादरा और नगर हवेली में 276.7% से अधिक कैदी जेलों में बंद हैं।
- एक आंकड़े के अनुसार इस एक वर्ष में 51 महिला कैदियों की मृत्यु हुई है। इनमें 48 प्राकृतिक मौतें थीं जबकि 3 की मौत अप्राकृतिक रूप से हुई।
उपरोक्त समस्या से निपटने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं-
- जेलों में कैदियों की अधिक संख्या का कारण न्यायालयों में लंबित मुकदमें है, ऐसे में अधिक से अधिक संख्या में फास्ट-ट्रेक अदालतों का गठन कर लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाना होगा।
- जहाँ एक तरफ जेल में अधिक भीड़ है , वहीं दूसरी ओर जेलकर्मियों की संख्या में भारी कमी है ऐसे में सही अनुपात में जेलकर्मियों की संख्या बढ़ानी होगी।
- जेल अधिकारियों को संवेदनशील बनना होगा, क्योंकि एक जीवित व्यक्ति को वह चाहे जेल में हो या जेल से बाहर उसे पूर्ण रूप से सम्मान से जीने का अधिकार है।
- जेलों में बुनियादी ढाँचे में सुधार की आवश्यकता है, जहाँ तक संभव हो खुली जेलों का निर्माण करना होगा।
- जेल में बंद कैदियो को वृहद स्तर पर शिक्षा तथा विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से जोड़ना होगा।
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