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प्रश्न :
हाल ही में आप टियर-2 शहर के एक सरकारी अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक के रूप में नियुक्त हुए हैं, जो आपकी वर्षों की निष्ठापूर्ण सेवा और समर्पण का परिणाम है। अस्पताल को अभी ही अत्याधुनिक कार्डियक केयर यूनिट स्थापित करने के लिये पर्याप्त अनुदान प्राप्त हुआ है, जो एक महत्त्वपूर्ण विकास है क्योंकि निकटतम कार्डियक सेंटर 200 किलोमीटर दूर स्थित है। चिकित्सा उपकरणों की खरीद प्रक्रिया के दौरान, आपको यह जानकारी मिलती है कि आपके तत्काल वरिष्ठ, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक ने कुछ ठेकेदारों के साथ मिलकर, हेरफेर किये गए टेंडरों के माध्यम से उपकरणों की लागत में 40% की वृद्धि की है। अंतर लगभग ₹12 करोड़ की राशि का है, जिसका उपयोग बाल चिकित्सा वार्ड को अपग्रेड करने के लिये किया जा सकता था, जहाँ वेंटिलेटर की बहुत ज़रूरत है।
जब आप इस मुद्दे को उठाते हैं, तो निदेशक आपको आपकी हाल ही में हुई नियुक्ति और इस तथ्य की याद दिलाता है कि आपके पति या पत्नी, जो एक डॉक्टर भी हैं, को तीन वर्ष के अलगाव के बाद अभी ही इस शहर में स्थानांतरित किया गया था। वह सुझाव देते हैं कि आपके परिवार की स्थिरता के लिये "प्रशासनिक सामंजस्य" बहुत महत्त्वपूर्ण है। इस बीच, एक प्रतिष्ठित चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्त्ता निविदा हेरफेर के दस्तावेज़ी साक्ष्यों के साथ निजी तौर पर आपके पास आता है। आपको यह जानकारी भी मिलती है कि "सिस्टम को चालू रखने" के लिये आपके पूर्ववर्तियों द्वारा इसी तरह के मुद्दों की अनदेखी की गई है। अब, आप नैतिक दायित्वों और व्यक्तिगत स्थिरता की दुविधा में हैं और इस स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता खोजने की ज़रूरत है।
1. इस स्थिति में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?
15 Nov, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
2. इस मामले में नैतिक मुद्दे क्या हैं?
3. चिकित्सा अधीक्षक के रूप में आप इस स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये क्या कदम उठाएंगे?उत्तर :
परिचय:
चिकित्सा अधीक्षक ने कार्डियक केयर यूनिट परियोजना में उपकरणों की लागत में धोखाधड़ी से की जाने वाली 40% की वृद्धि का पर्दाफाश किया। 12 करोड़ रुपए की यह अतिरिक्त राशि बाल चिकित्सा वार्ड को अपग्रेड करने के लिये प्रयोग की जा सकती थी। स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक, कदाचार के बारे में जानते हुए भी, चिकित्सा अधीक्षक पर इस मुद्दे को अनदेखा करने का दबाव डालते हैं, जिससे प्रशासनिक सामंजस्य का महत्त्व पता चलता है, विशेषकर जब व्यक्तिगत और पारिवारिक स्थिरता दाँव पर लगी हो। इससे नैतिक दायित्वों और व्यक्तिगत विचारों के बीच असंगतता उत्पन्न होती है।
मुख्य भाग:
1. शामिल हितधारक:
हितधारक
परिस्थिति में रुचि/भूमिका
चिकित्सा अधीक्षक (मुख्य)
सार्वजनिक धन का कुशल उपयोग सुनिश्चित करना, हृदय देखभाल इकाई की स्थापना करना तथा नैतिक शासन को बनाए रखना।
स्वास्थ्य सेवा निदेशक
अनैतिक कार्यों में संलिप्त होना, सार्वजनिक कल्याण की अपेक्षा व्यक्तिगत लाभ को प्राथमिकता देना।
ठेकेदार
बढ़ी हुई लागतों से लाभ उठाना, प्रणाली में भ्रष्टाचार को कायम रखना।
अस्पताल के मरीज़
विशेषकर हृदय और बाल रोगी, जो उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की समय पर उपलब्धता पर निर्भर रहते हैं।
हॉस्पिटल कर्मचारी
जो प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिये बेहतर बुनियादी ढाँचे पर निर्भर करते हैं।
प्रतिष्ठित चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्त्ता
कदाचार के साक्ष्य प्रस्तुत करना और निष्पक्ष खरीद प्रथाओं की वकालत करना।
जीवनसाथी और परिवार
संभावित संघर्ष और प्रशासनिक नतीजों से व्यक्तिगत रूप से प्रभावित।
बड़े पैमाने पर समाज
स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे और सेवाओं को बढ़ाने के लिये सार्वजनिक धन के कुशल उपयोग की अपेक्षा की जाती है।
2. केस स्टडी में नैतिक मुद्दे:
- लोक कल्याण बनाम व्यक्तिगत स्थिरता: महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के विकास को पारिवारिक सद्भाव की सुरक्षा के साथ संतुलित करना, विशेष रूप से जब व्यक्तिगत और व्यावसायिक दबाव एक दूसरे से जुड़े हों।
- ईमानदारी बनाम भ्रष्टाचार: खरीद प्रक्रियाओं में नैतिक ईमानदारी और पारदर्शिता को बनाए रखना बनाम भ्रष्ट प्रथाओं को सहन करना जो व्यक्तिगत या प्रशासनिक सुविधा के लिये स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को कमज़ोर करती हैं।
- रोगी कल्याण बनाम वित्तीय कुप्रबंधन: वित्तीय कुप्रबंधन और अत्यधिक निविदा लागत के कारण होने वाले संसाधनों के दुरुपयोग की तुलना में रोगियों, विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देना।
- व्हिसल-ब्लोइंग बनाम नौकरी की सुरक्षा: अनैतिक प्रथाओं (व्हिसल-ब्लोइंग) की रिपोर्ट करने का निर्णय बनाम कॅरियर की संभावनाओं को खतरे में डालने और प्रतिशोध या पेशेवर परिणामों का सामना करने का जोखिम।
- जवाबदेही बनाम निष्क्रियता: संस्था को उसके कार्यों के लिये जवाबदेह ठहराने की नैतिक ज़िम्मेदारी बनाम सुचारू कार्य वातावरण बनाए रखने के लिये अनैतिक प्रथाओं को नज़रअंदाज़ करने का प्रलोभन।
- सार्वजनिक विश्वास बनाम व्यक्तिगत दबाव: यह सुनिश्चित करना कि सार्वजनिक धन का उपयोग उसके इच्छित उद्देश्य के लिये किया जाए तथा संस्थागत विश्वसनीयता बनाए रखना, न कि वरिष्ठों या पारिवारिक चिंताओं के कारण व्यक्तिगत दबाव के आगे झुक जाना।
3. कार्रवाई के दौरान:
तत्काल:
- वस्तुस्थिति का निष्पक्ष मूल्यांकन करें: स्वीकार किया जाना चाहिये कि प्रणालीगत भ्रष्टाचार से सीधे उलझने की बजाय सावधानीपूर्वक निपटने की आवश्यकता हो सकती है।
- उपकरण आपूर्तिकर्त्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्य और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज़ों को एकत्रित करें एवं सुरक्षित रूप से संग्रहीत करें।
- विवेकपूर्ण संवाद में शामिल हों
- निदेशक से चतुराई से बात करें: निदेशक के साथ निजी, पेशेवर संवाद करें।
- बढ़ी हुई लागतों के बारे में चिंता व्यक्त करें और धन के पुनर्आवंटन का प्रस्ताव करें (उदाहरण के लिये, बाल चिकित्सा उन्नयन के लिये बढ़ी हुई लागतों को आंशिक रूप से वापस लेने का सुझाव दें)।
- समझौता वार्ता करें: यदि निदेशक "प्रशासनिक सामंजस्य" पर ज़ोर देते हैं, तो बीच का रास्ता अपनाएँ- अधिशेष निधि का कुछ हिस्सा अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में लगाए जाएँ, जिससे मरीज़ों को कुछ लाभ मिल सके।
- निदेशक से चतुराई से बात करें: निदेशक के साथ निजी, पेशेवर संवाद करें।
- खरीद प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करना
- अंतिम निर्णय में विलंब: "तकनीकी मुद्दों" या अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता का हवाला देते हुए निविदाओं के पुनर्मूल्यांकन का अनुरोध करें, ताकि तत्काल टकराव के बिना कदाचार को दूर करने के लिये समय मिल सके।
- तटस्थ लेखा परीक्षकों को शामिल करें: निविदाओं की समीक्षा के लिये तीसरे पक्ष के लेखा परीक्षकों या समितियों को शामिल करने का समर्थन करें, जिससे किसी भी व्यक्ति पर सीधे दोषारोपण के विरुद्ध सुरक्षा कवच प्रदान किया जा सके।
लघु अवधि:
- प्रतिशोध के लिये तैयार रहें: जीवनसाथी के साथ खुली चर्चा करें, संभावित परिणामों के बारे में बताएँ और लिये गए निर्णयों के लिये आपसी सहयोग मांगें।
- वार्ता विफल होने की स्थिति में नैतिक रिपोर्टिंग में संतुलन बनाए रखें: यदि वार्ता विफल हो जाती है, तो उच्च अधिकारी (जैसे- स्वास्थ्य सचिव) को साक्ष्य के साथ कदाचार की रिपोर्ट करें, लेकिन प्रतिक्रिया को कम करने के लिये शुरू में सार्वजनिक रूप से मुखबिरी करने से बचें।
दीर्घकालिक:
- बाल चिकित्सा वार्ड को प्राथमिकता दें: सार्वजनिक धन का रचनात्मक रूप से लाभ उठाते हुए बाल चिकित्सा वार्ड को उन्नत करने पर समानांतर ध्यान केंद्रित करना सुनिश्चित करें (उदाहरण के लिये, CSR फंडिंग, स्थानीय गैर सरकारी संगठन)।
निष्कर्ष:
इस स्थिति से निपटते हुए, एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जाए, यह सुनिश्चित करते हुए कि व्यक्तिगत और प्रशासनिक संघर्ष को कम करते हुए तत्काल सार्वजनिक कल्याण को प्राथमिकता दी जानी चाहिये। सतर्क वार्ता, वृद्धिशील सुधार और नैतिक निर्णय के मिश्रण से, अपनी पेशेवर ज़िम्मेदारियों को पूरा करते हुए एवं व्यक्तिगत स्थिरता की रक्षा करते हुए प्रणालीगत भ्रष्टाचार से निपटा जा सकता है।
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