- फ़िल्टर करें :
- सैद्धांतिक प्रश्न
- केस स्टडीज़
-
प्रश्न :
प्रश्न: "नैतिक व्यवहार न केवल सिखाया जा सकता है, बल्कि इसे सीखा भी जा सकता है।" परिवारों में रोल मॉडलिंग और नैतिक विकास पर इसके प्रभाव के आलोक में इस विचार का मूल्यांकन कीजिये। (150 शब्द)
07 Nov, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
दृष्टिकोण:
- प्रश्न में प्रयुक्त कथन का औचित्य सिद्ध करते हुए उत्तर प्रस्तुत कीजिये।
- परिवारों का नैतिक व्यवहार सिखाने में अहम स्थान होता है, स्पष्ट कीजिये।
- परिवारों में नैतिक व्यवहार किस तरह से प्रभावित होता है, उल्लेख कीजिये।
- उचित निष्कर्ष निकालिये।
परिचय:
"नैतिक व्यवहार न केवल सिखाया जा सकता है, बल्कि इसे सीखा भी जा सकता है", यह सुझाव देता है कि नैतिक मूल्यों को स्पष्ट रूप से निर्देश के द्वारा सिखाया जा सकता है, लेकिन उन्हें अवलोकन और अनुकरण के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है। परिवार इस दोहरी प्रक्रिया में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो शिक्षण और अचेतन भूमिका मॉडलिंग के माध्यम से एक व्यक्ति के नैतिक ढाँचे को आकार देता है।
मुख्य भाग:
नैतिक व्यवहार सिखाने में परिवार की भूमिका:
- निर्देश और बातचीत के माध्यम से प्रत्यक्ष शिक्षण: माता-पिता ईमानदारी, दयालुता तथा ज़िम्मेदारी जैसे नैतिक मूल्यों के महत्त्व को समझाते हुए इनका प्रत्यक्ष रूप से संचार करते हैं।
- उदाहरण के लिये, जब माता-पिता बड़ों का सम्मान करने पर ज़ोर देते हैं, तो वे एक नैतिक आधार स्थापित करते हैं।
- कहानियों और सांस्कृतिक आख्यानों का प्रयोग: कई परिवार नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने के लिये पारंपरिक कहानियाँ सुनाते हैं या प्रचलित कहावतों का इस्तेमाल करते हैं।
- उदाहरण के लिये, महाभारत या रामायण जैसे भारतीय महाकाव्य कर्त्तव्य, सत्य और निष्ठा का ज्ञान कराते हैं, जो बच्चों को नैतिक मानदंडों को समझने तथा आत्मसात करने में मदद करते हैं।
रोल मॉडलिंग- परिवारों में नैतिक व्यवहार कैसे अपनाया जाता है:
- अवलोकनात्मक कार्यों का प्रभाव: जब बच्चे अपने माता-पिता को दैनिक जीवन में सहानुभूति, धैर्य या ईमानदारी का प्रदर्शन करते हुए देखते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से इन मूल्यों को ग्रहण कर लेते हैं।
- उदाहरण के लिये, किसी माता-पिता को पड़ोसी की मदद करते हुए या कठिन परिस्थितियों में भी सत्य बोलते हुए देखना नैतिकता का मौन शिक्षा का उदाहरण होता है।
- पारिवारिक संस्कृति के माध्यम से अचेतन सीख: पारिवारिक परंपराएँ, जैसे भोजन साझा करना या आपसी सम्मान के साथ त्योहार मनाना, अपनेपन, विश्वास और देखभाल की भावना को बढ़ावा देती हैं।
- ये अनुभव सहयोग को बढ़ावा देते हैं, जो नैतिक व्यवहार का मूल घटक है।
- पारिवारिक संवाद के दौरान बच्चे भावनाओं के प्रबंधन, सहानुभूति और आत्म-नियंत्रण जैसे नैतिक गुण विकसित करते हैं, जो उनके नैतिक आचरण का आधार बनते हैं।
निष्कर्ष:
नैतिक विकास के लिये सीखने और सिखाने की प्रक्रिया दोनों अनिवार्य हैं। स्पष्ट शिक्षण बच्चों को मूल्यों की एक व्यवस्थित समझ प्रदान करता है, जबकि रोल मॉडलिंग इन मूल्यों को अनुभव के माध्यम से आत्मसात करने में मदद करती है। परिवार इस प्रक्रिया में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, नैतिकता की पहली "शिक्षा संस्थान" के रूप में कार्य करते हुए। बचपन में स्थापित ये नैतिक आधार व्यक्ति के पूरे जीवन को दिशा देने का काम करते हैं।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print