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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    हाल ही में जारी की गई वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट के अनुसार ‘राष्ट्रों के मध्य असमानता का स्तर घट रहा है किंतु प्रत्येक देश के भीतर असमानता में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है।’ देश में बढ़ती असमानता को कम करने के लिये किसी देश द्वारा किन सुधारों की अपेक्षा की जा सकती है? चर्चा करें।

    10 May, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट की चर्चा करें
    • असमानता को कम करने के लिये किसी देश द्वारा किस प्रकार के प्रभावी सुधार किये जा सकते हैं उल्लेख करें

    पेरिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स तथा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के संयुक्त प्रयास द्वारा वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट जारी की गई, जिसके अनुसार विभिन्न राष्ट्रों मध्य असमानता का स्तर कम हो रहा है, क्योंकि परंपरागत रूप से निर्धन देश अन्य विकसित देशों से आगे निकल रहे हैं, हालाँकि प्रत्येक देश के भीतर असमानता में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है।

    • इस रिपोर्ट के अनुसार विश्व के 0.1% लोगों के पास दुनिया के कुल धन का 13% हिस्सा है।
    • असमानता की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आय की सर्वोच्च श्रेणी में गिने जाने वाले शीर्ष 1% लोगों की कुल संख्या केवल 7.5 करोड़ है, जबकि सबसे नीचे के 50% लोगों की कुल संख्या 3.7 अरब है।
    • 1980 के बाद से लागू आर्थिक सुधारों के बावजूद नवीन उभरते देशों में यह असमानता अधिक बढ़ रही है।
    • निर्धनता और आय की असमानता के चलते सम्पत्ति के वितरण में असमानता बढ़ी।
    • इस रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि विश्व की कुल आय का 10% टैक्स-हैवेंस में छिपाकर रखा गया है।

    असमानता को कम करने के लिये निम्न उपाय किये जा सकते हैं-

    • यह रिपोर्ट देशों में शिक्षा नीतियों, कॉर्पोरेट गवर्नेंस और वेतन संबंधी नीतियों के दोबारा आकलन की आवश्यकता पर जोर देती है,जिसे सभी देशों को गंभीरता से लागू करना चाहिये।
    • आय की समानता के लिये वैश्विक स्तर पर समन्वयनात्मक प्रयास करने होंगे।
    • विश्व में कहीं भी जाने वाले निवेश का लक्ष्य आमदनी और संपत्ति की इस असमानता से निपटने और भविष्य में इसमें वृद्धि को रोकने के उद्देश्य पर केंद्रित होना चाहिये।
    • प्रगतिशील कर व्यवस्था (Progressive Taxation) भी इस असमानता का एक उपाय हो सकता है। अर्थात  सर्वाधिक धनी सर्वाधिक कर दे क्योंकि वह अधिक कर देने में सक्षम हैं। इससे उच्चतम आय वाले लोग अधिकाधिक धर्नाजन के प्रति हतोत्साहित होंगे।
    • भारत सहित पूरे विश्व को अपनी आर्थिक नीतियों में व्यापक परिवर्तन करने होंगे, तभी आर्थिक असमानता की इस समस्या को सुलझाया जा सकता है।

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