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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    एक समर्पित IPS अधिकारी प्रिया, जो अपनी ईमानदारी के लिये जानी जाती है, को एक ऐसे ज़िले में पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाता है जहाँ अपराध दर बहुत अधिक है और राजनीतिक हस्तक्षेप भी बहुत अधिक है। बार-बार तबादलों का सामना करने के बावजूद, वह स्थानीय विधायक के मानव तस्करी गिरोह में संलिप्तता के सबूतों को उजागर करती है। विधायक के राज्य के गृह मंत्री के साथ प्रगाढ़ संबंध हैं, जिससे राजनीतिक दबाव के बिना काम करने के उसके प्रयास जटिल हो गए हैं।

    प्रिया को एक वरिष्ठ पत्रकार अतिरिक्त आपत्तिजनक सूचना प्रदान करता है और अगर वह जाँच की पुष्टि करती है तो एक खुलासा प्रकाशित करने का प्रस्ताव देता है। वह संकेत देता है कि इससे उसका कॅरियर बेहतर हो सकता है और उसे एक प्रतिष्ठित पद मिल सकता है। हालाँकि प्रिया पत्रकार के उद्देश्य और समय से पहले विवरण लीक करके जाँच से समझौता करने तथा संभावित पेशेवर प्रतिशोध के जोखिम से सचेत हो गई है। अब उनके सामने एक दुविधा है कि क्या वे साहसिक कदम उठाएँ या जाँच की विश्वसनीयता बनाए रखें।

    1. इस स्थिति में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?
    2. प्रिया के समक्ष नैतिक दुविधाएँ क्या हैं?
    3. एक सिद्धांतवादी पुलिस अधीक्षक के रूप में, इस स्थिति में प्रिया के पास क्या विकल्प उपलब्ध हैं तथा कौन-सा कदम सबसे उपयुक्त होगा?

    18 Oct, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    परिचय:

    • एक आईपीएस अधिकारी प्रिया, राजनीतिक हस्तक्षेप के बीच एक स्थानीय विधायक की मानव तस्करी के गिरोह में संलिप्तता का पता लगाती है। एक पत्रकार विधायक को दोषी ठहराने वाले साक्ष्य पेश करते हुए सुझाव देता है कि इस पर्दाफाश से प्रिया के कॅरियर बेहतर हो सकता है और उसे एक प्रतिष्ठित पद मिल सकता है। हालाँकि प्रिया संभावित पेशेवर प्रतिशोध, पत्रकार के इरादों और जाँच को खतरे में डालने के बारे में चिंतित है। वह निर्णायक रूप से कार्य करने और जाँच की विश्वसनीयता की रक्षा करने के बीच एक गंभीर दुविधा का सामना करती है।

    मुख्य भाग:

    1. इस स्थिति में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?

    हितधारक

    भूमिका/रुचि

    प्रिया (आईपीएस अधिकारी)

    कानून और निष्ठा को कायम रखना, राजनीतिक दबाव तथा संभावित प्रतिशोध का सामना करना।

    स्थानीय विधायक

    मानव तस्करी गिरोह का कथित नेता, सत्ता और प्रभाव बनाए रखने को लेकर चिंतित।

    राज्य के गृह मंत्री

    विधायक का राजनीतिक सहयोगी, राजनीतिक संबंधों और अधिकार की रक्षा में रुचि रखने वाला।

    वरिष्ठ पत्रकार

    भ्रष्टाचार को उजागर करने का प्रयास, प्रिया के करियर को बढ़ावा देने के लिये व्यक्तिगत उद्देश्य हो सकता है।

    मानव तस्करी के शिकार

    अपराध से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित; सुरक्षा और न्याय के लिये कानून प्रवर्तन पर निर्भर।

    स्थानीय समुदाय

    अपराध दर से प्रभावित; सुरक्षा और भ्रष्टाचार मुक्त शासन में रुचि।

    पुलिस विभाग

    संस्थागत प्रतिष्ठा दाँव पर; राजनीतिक दबावों के साथ जाँच की विश्वसनीयता को संतुलित करना।

    मीडिया संगठन

    कहानी प्रकाशित करने की संभावना; जवाबदेही के लिये भ्रष्टाचार को सार्वजनिक करने में रुचि।

    राजनीतिक विरोधी

    राजनीतिक लाभ के लिये स्थिति का फायदा उठा सकते हैं; विधायक और गृह मंत्री को कमज़ोर करने में रुचि रखते हैं।

    2. प्रिया के सामने नैतिक दुविधाएँ क्या हैं?

    • सार्वजनिक हित बनाम व्यावसायिक नैतिकता: एक ओर, खुलासा प्रकाशित करने से मानव तस्करी को उजागर करके और MLA को जवाबदेह बनाकर सार्वजनिक हित की पूर्ति हो सकती है।
      • दूसरी ओर, प्रिया को यह भी विचार करना आवश्यक है कि क्या पत्रकार के साथ सहयोग करना उसकी व्यावसायिक नैतिकता का उल्लंघन है, क्योंकि इससे जाँच की अखंडता को खतरा हो सकता है और संवेदनशील सूचनाएँ उजागर हो सकती हैं।
    • विधि के प्रति निष्ठा बनाम राजनीतिक दबाव: प्रिया कानून को बनाए रखने और न्याय सुनिश्चित करने के लिये बाध्य है।
      • हालाँकि विधायक और गृह मंत्री के राजनीतिक संबंध उनके प्रयासों में एक बड़ी बाधा उत्पन्न करते हैं।
      • यह दुविधा उसे एक पुलिस अधिकारी के रूप में अपने कर्त्तव्य और शक्तिशाली राजनीतिक हस्तियों की अवहेलना के संभावित नतीजों के बीच संघर्ष से निपटने के लिये बाध्य करती है।
    • ईमानदारी बनाम कैरियर में उन्नति: पत्रकार के खुलासे के माध्यम से कॅरियर में उन्नति की संभावना प्रिया के लिये आकर्षक है।
      • इससे यह नैतिक प्रश्न उठता है कि क्या उसे अपने व्यावसायिक विकास को प्राथमिकता देनी चाहिये या अपनी ईमानदारी को बनाए रखते हुए ऐसे किसी भी कार्य से बचना चाहिये जो उसके मूल्यों या जाँच से समझौता कर सकता हो।
    • गोपनीयता बनाम पारदर्शिता: पत्रकार द्वारा आपत्तिजनक जानकारी प्रकाशित करने की पेशकश, चल रही जाँच में गोपनीयता की आवश्यकता और शासन में पारदर्शिता की मांग के बीच तनाव उत्पन्न करती है।
    • उपयोगितावादी दृष्टिकोण बनाम कर्त्तव्यपरायण नैतिकता: प्रिया के सामने यह दुविधा है कि क्या उसे उपयोगितावादी दृष्टिकोण के आधार पर कार्य करना चाहिये- जहाँ अंत साधन को सही ठहराता है - पत्रकारों के साथ अधिक अच्छे के लिये सहयोग करके, या कर्त्तव्यपरायण नैतिकता का सख्ती से पालन करना चाहिये, जहाँ उसके कार्यों की सहीता कानून और उसके पेशेवर कर्त्तव्यों का पालन करने पर आधारित है।
    • प्रिया को यह तय करना होगा कि क्या उसे कर्त्तव्यपरायण होकर नैतिकता का पालन करना चाहिये, जिसमें कानून और उसके पेशेवर दायित्वों के अनुसार कार्य करना ही नैतिक रूप से सही होने का एकमात्र तरीका है, या उपयोगितावादी दृष्टिकोण पर कार्य करना चाहिये, जिसमें पत्रकार के साथ व्यापक हित के लिये काम करना साधनों को उचित ठहराया जाता है।
    • विश्वसनीयता बनाम हेरफेर: पत्रकार की पेशकश विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाती है। प्रिया को यह समझना होगा कि क्या पत्रकार वास्तव में न्याय चाहता है या उसके पीछे कोई गुप्त उद्देश्य है, जिससे उसके लिये यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि हेरफेर के बिना कैसे आगे बढ़ना है।

    एक सिद्धांतवादी पुलिस अधिकारी के रूप में, इस स्थिति में प्रिया के पास क्या विकल्प उपलब्ध हैं तथा कौन-सा कदम सबसे उपयुक्त होगा?

    प्रिया के लिये उपलब्ध विकल्प: 

    • आंतरिक रूप से गहन जाँच की जाए:
      • कार्रवाई: प्रिया स्थापित पुलिस प्रक्रियाओं के माध्यम से साक्ष्य एकत्र करने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है तथा बाह्य पक्षों को समय से पहले शामिल किये बिना जाँच की विश्वसनीयता को बनाए रख सकती है।
      • निहितार्थ: यह दृष्टिकोण विधायक के खिलाफ सबूतों की गोपनीयता को बनाए रखता है और बाह्य दबाव को कम करता है। हालाँकि इसमें समय लग सकता है और राजनीतिक हस्तक्षेप से इसे विफल किया जा सकता है।
    • पत्रकारों से सावधानीपूर्वक समन्वय किया जाए:
      • कार्रवाई: प्रिया पत्रकार से मिलकर दी गई सूचना की वैधता का आकलन कर सकती हैं और पत्रकार के उद्देश्यों को समझ सकती हैं, साथ ही यह भी सुनिश्चित कर सकती हैं कि कोई संवेदनशील विवरण लीक न हो।
      • निहितार्थ: इससे उन्हें राजनीतिक प्रतिष्ठान पर दबाव बनाने के लिये जनहित का लाभ उठाने में मदद मिल सकती है। हालाँकि अगर इस मामले का प्रबंधन अनुचित तरीके से किया गया तो इससे जाँच प्रभावित होने का जोखिम है।
    • कानूनी और संस्थागत सहायता प्राप्त की जाए:
      • कार्रवाई: प्रिया अपनी जाँच को राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाने के लिये कानूनी सलाहकारों या पुलिस विभाग या न्यायपालिका के वरिष्ठ अधिकारियों से परामर्श कर सकती है।
      • निहितार्थ: यह रास्ता उसे संस्थागत समर्थन प्रदान कर सकता है, प्रतिशोध के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हुए उसके कानूनी रुख को सुदृढ़ कर सकता है। हालाँकि समर्थन जुटाने में समय लग सकता है।
    • भ्रष्टाचार निरोधक निकायों को निष्कर्षों की रिपोर्ट दी जाए:
      • कार्रवाई: यदि साक्ष्य पुख्ता हैं, तो प्रिया स्वतंत्र जाँच सुनिश्चित करने के लिये स्थानीय राजनीतिक संरचनाओं को दरकिनार करते हुए भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी या न्यायिक प्राधिकरण से संपर्क कर सकती हैं।
      • निहितार्थ: यह दृष्टिकोण उन्हें राजनीतिक प्रतिक्रिया से बचा सकता है और विधायक को जवाबदेह बना सकता है। फिर भी, यह राजनीतिक सहयोगियों से प्रतिशोध को भी भड़का सकता है, जिससे उनकी स्थिति जटिल हो सकती है।

    कार्रवाई के दौरान:

    आंतरिक रूप से गहन जाँच तथा पत्रकार के साथ सावधानीपूर्वक समन्वय किया जाए।

    • गहन आंतरिक जाँच करने से प्रिया को साक्ष्य की अखंडता और गोपनीयता बनाए रखने में मदद मिलती है। 
      • उन्हें विधायक के खिलाफ व्यापक सबूत जुटाने के लिये सावधानीपूर्वक काम करना चाहिये, साथ ही सभी निष्कर्षों का दस्तावेज़ीकरण करना चाहिये और यह सुनिश्चित करना चाहिये कि उचित प्रक्रियाओं का पालन किया जाए। इससे संभावित राजनीतिक हस्तक्षेप के खिलाफ उनका मामला मज़बूत होगा।
    • इसके साथ ही, पत्रकार के साथ सावधानीपूर्वक बातचीत करने से उसके निष्कर्षों के व्यापक निहितार्थों के बारे में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि मिल सकती है। 
      • उन्हें स्पष्ट सीमाएँ स्थापित करनी चाहिये, ताकि कोई भी संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक न हो। ऐसा करके, प्रिया जाँच की सुरक्षा करते हुए पत्रकार की पहुँच का लाभ उठा सकती हैं।
    • इसके अलावा, प्रिया को कानूनी सलाह लेने और संस्थागत सहायता के विकल्प तलाशने पर विचार करना चाहिये, जिससे उसे किसी भी संभावित राजनीतिक प्रतिक्रिया का मुकाबला करने के लिये अतिरिक्त सुरक्षा और संसाधन मिल सकें। 
      • यह समग्र दृष्टिकोण ईमानदारी, पारदर्शिता और प्रभावी कानून प्रवर्तन के बीच संतुलन स्थापित करता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि उनकी गतिविधियाँ न्याय के लक्ष्य के साथ-साथ उनके सिद्धांतों के अनुरूप हों।

    निष्कर्ष: 

    प्रिया को गहन जाँच करने और विश्वसनीय सहकर्मियों के साथ सहयोग करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये, साथ ही राजनीतिक चुनौतियों का समाधान करने के लिये कानूनी मार्गदर्शन भी प्राप्त करना चाहिये। अपने विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देकर, वह अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ा सकती है तथा मानव तस्करी नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में प्रभावी ढंग से काम कर सकती है, साथ ही अपनी पेशेवर ईमानदारी को भी बनाए रख सकती है।




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