प्रश्न. भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग की निरंतरता पर चर्चा कीजिये। नमस्ते (NAMASTE) योजना इसके उन्मूलन में किस प्रकार योगदान दे रही है? (250 शब्द)
उत्तर :
दृष्टिकोण:
- भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग के मुद्दे का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
- भारत में मैनुअल स्कैवेंज की स्पेक्ट्रम पर चर्चा कीजिये।
- NAMASTE योजना और भारत में पांडुलिपि स्केचेंजिंग सीमेंट में इसकी भूमिका के बारे में बताया गया है और भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग का उन्मूलन करने में इसकी भूमिका के संदर्भ में चर्चा कीजिये।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
मैनुअल स्कैवेंजिंग से तात्पर्य शुष्क शौचालयों, खुली नालियों और सीवरों से मानव मल व अन्य अपशिष्ट पदार्थों को हाथ से साफ करने, प्रबंधन एवं निपटान की प्रथा से है। वर्ष 1993 से आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित होने के बावजूद हस्त सफाई कर्मियों के रोज़गार निषेध एवं उनके पुनर्वास संबंधित अधिनियम, 2013 के तहत मैनुअल स्कैवेंजिंग भारत में लंबे समय से एक मुद्दा रहा है।
मुख्य भाग:
भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग की व्यापकता के कारण:
- कानूनों का अपर्याप्त कार्यान्वयन: भारत ने मैनुअल स्कैवेंजिंग पर रोक लगाने के उद्देश्य से कई कानून बनाए हैं, जिनमें हस्त सफाई कर्मियों के रोज़गार निषेध एवं उनके पुनर्वास संबंधित अधिनियम, 2013 भी शामिल है। हालाँकि इन कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने में चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
- असुरक्षित शौचालयों को ध्वस्त करने में अक्षमता: मैला ढोने का मूल कारण असुरक्षित शौचालय हैं, जो धीमी और अप्रभावी प्रशासनिक कार्रवाइयों के कारण अप्रबंधित रह जाते हैं।
- सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना (SECC), 2011 के अनुसार, भारत में दस लाख से अधिक असुरक्षित शौचालय हैं, जिनमें से कई शौचालयों से अभी भी खुले नालों में उत्सर्जन होता जाता है और मैन्युअल रूप से साफ (हस्त सफाई) किया जाता है।
- आजीविका के वैकल्पिक अवसरों का अभाव: मैनुअल स्कैवेंजिंग में संलग्न कई व्यक्तियों के पास वैकल्पिक रोज़गार के विकल्पों तक पहुँच का अभाव है, जिससे इस व्यवसाय में उनकी भागीदारी बनी रह जाती है।
- आपराधिक न्याय प्रणाली तक पहुँच में बाधाएँ: दलितों और हाशिये के समुदायों को न्याय पाने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है, क्योंकि पुलिस प्रायः मैनुअल स्कैवेंजरों के प्रति अपराधों की जाँच करने से इनकार कर देती है, विशेषकर जब अपराधी प्रभावशाली जातियों से हों।
- यह प्रणालीगत पूर्वाग्रह कानूनी सुरक्षा को कमज़ोर करता है और पीड़ितों को निवारण प्राप्त करने से हतोत्साहित करता है।
नमस्ते (NAMASTE) योजना और उन्मूलन में इसकी भूमिका:
- मैनुअल स्कैवेंजिंग को समाप्त करना: राष्ट्रीय मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र (NAMASTE) योजना, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) तथा आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) की एक संयुक्त पहल है, जो मैनुअल स्कैवेंजिंग के उन्मूलन और सफाई कर्मचारी सुरक्षा को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
- 349.70 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ, NAMASTE योजना का लक्ष्य वर्ष 2025-26 तक सभी 4800 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों को शामिल करना है, जो मैनुअल स्कैवेंजर्स के पुनर्वास के लिये पूर्ववर्ती स्व-रोज़गार योजना (SRMS) का स्थान लेगी।
- एकीकरण: नई संशोधित योजना के अनुसार, शहरी स्थानीय निकायों (ULB) द्वारा नियोजित सीवर/सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSW) की प्रोफाइलिंग की जाएगी।
- सितंबर 2024 तक, 3,326 ULB ने लगभग 38,000 SSW की प्रोफाइलिंग कर ली है।
- व्यावसायिक प्रशिक्षण: इन SSW को व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट प्रदान करने का प्रस्ताव है।
- स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ में वृद्धि: आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के अंतर्गत चिह्नित SSW और उनके परिवारों को।
- वित्तीय सहायता और अनुदान (पूंजी ब्याज) कार्य योजना, स्वच्छता कर्मचारियों से संबंधित उपकरणों के लिये वित्तीय सहायता और उद्यम विकास को बढ़ावा देने के लिये प्रदान किये जा रहे हैं।
- IEC (सूचना शिक्षा और संचार) अभियान: NAMASTE योजना के संदर्भ में जागरूकता बढ़ाने के लिये ULB और NSKFDC (राष्ट्रीय स्वच्छता कर्मचारी वित्त और विकास निगम) संयुक्त रूप से बड़े पैमाने पर अभियान चलाएंगे।
निष्कर्ष:
भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग (हाथ से मैला ढोने) की प्रथा का जारी रहना मानवीय गरिमा का एक बहुत बड़ा उल्लंघन है और गहरी जड़ें जमाए बैठी सामाजिक असमानताओं की अभिव्यक्ति है। मैनुअल स्कैवेंजिंग (हाथ से मैला ढोने) की व्यापकता को पूरी तरह से समाप्त करने के लिये निरंतर राजनीतिक इच्छा शक्ति, सख्त कानून प्रवर्तनऔर व्यापक पुनर्वास प्रयासों की आवश्यकता होगी, ताकि सभी नागरिकों के लिये सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित हो सके।