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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    पश्चिमी विक्षोभ क्या हैं? वे उत्तर भारत में मौसम के प्रारूप को कैसे प्रभावित करते हैं? (150 शब्द)

    30 Sep, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • पश्चिमी विक्षोभ को परिभाषित करके उत्तर की भूमिका लिखिये
    • यह कैसे निर्मित होता है और इसकी मुख्य विशेषताएँ बताइए
    • उत्तर भारत के मौसम पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डालिये
    • तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये

    परिचय:

    पश्चिमी विक्षोभ (WD) शीतोष्ण चक्रवात प्रणाली हैं जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती हैं और पूर्व की ओर बढ़ती हैं तथा भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भागों में अचानक शीत ऋतु में वृष्टि और हिमपात का कारण बनती हैं।

    मुख्य भाग:

    • उत्पत्ति और विशेषताएँ:
    • उत्पत्ति: पश्चिमी विक्षोभ प्रायः शीत ऋतु और वसंत ऋतु की शुरुआत के दौरान भूमध्यसागर या अटलांटिक महासागर में निर्मित होता हैं।
    • संचलन: ये प्रणालियाँ यूरोप और मध्य एशिया से होते हुए पूर्व की ओर बढ़ती हैं और अंततः भारतीय उपमहाद्वीप तक पहुँचती हैं।
    • विशेषताएँ: पश्चिमी विक्षोभ की विशेषताएँ उनके निम्न-दाब केंद्रों, संबद्ध वाताग्रों (गर्म और ठंडे) तथा वर्षा से होती हैं।
      • वे जिन क्षेत्रों से गुजरते हैं, वहाँ प्रायः भारी वर्षा, हिमपात और तापमान में परिवर्तन लाते हैं।

    उत्तर भारत के मौसम पर प्रभाव:

    • शीतकालीन वर्षा: पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में, विशेषकर पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में शीतकालीन वर्षा का प्राथमिक स्रोत है।
      • पश्चिमी विक्षोभ द्वारा संवहित वर्षा कृषि और भूजल स्तर की पुनःप्राप्ति के लिये आवश्यक है।
    • तापमान उच्चावचन: पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने से तापमान में महत्त्वपूर्ण उच्चावचन हो सकता है।
      • पश्चिमी विक्षोभ से संबंधित वायु राशियों के कारण तापमान में अचानक गिरावट आ सकती है, जिससे शीत ऋतु के समान स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
        • इसके विपरीत, पश्चिमी विक्षोभ का गर्म क्षेत्र मृदु तापमान का कारण बन सकता है।
    • हिमपात: हिमालय के उन्नतांश क्षेत्रों में, पश्चिमी विक्षोभ हिमपात का कारण बन सकता है, जो हिमनदों और नदियों में हिम आवरण के लिये महत्त्वपूर्ण है।
      • यह हिम विगलन सिंचाई और जल विद्युत उत्पादन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
    • कृषि प्रभाव: पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में कृषि के लिये लाभदायक हैं, क्योंकि वे फसलों के लिये आवश्यक आर्द्रता प्रदान करते हैं।
      • यद्यपि, अत्यधिक वर्षा या असमय हिमपात से भी फसलों को नुकसान हो सकता है।
        • वर्ष 2019 में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हरियाणा में सरसों की फसल प्रभावित हुई और पंजाब में आलू की फसल को नुकसान पहुँचा।

    निष्कर्ष:

    पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के मौसम के प्रारूप को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, विशेषकर शीत ऋतु के महीनों के दौरान। इनका प्रभाव मौसम विज्ञान से परे होता है, जो कृषि, जल संसाधनों और क्षेत्र की समग्र अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है।

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