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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    आप एक ऐसे ज़िले के पुलिस अधीक्षक हैं जो अपनी जटिल सामाजिक गतिशीलता और कभी-कभी सांप्रदायिक तनाव के लिये जाना जाता है। हाल ही में, अल्पसंख्यक समूहों के विरुद्ध कथित घृणास्पद भाषण के लिये बहुसंख्यक समुदाय के एक प्रमुख धार्मिक नेता को गिरफ्तार किया गया था। यद्यपि यह गिरफ्तारी विधिक रूप से उचित है, परंतु इसने उनके अनुयायियों के बीच व्यापक विरोध और अशांति को उत्पन्न कर दिया है, जो दावा करते हैं कि यह एक राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्रवाई है।
    जैसे-जैसे तनाव बढ़ता है, आपको खुफिया जानकारी प्राप्त होती है कि चरमपंथियों का एक समूह जवाबी कार्रवाई में अल्पसंख्यकों के स्वामित्व वाले व्यवसायों और पूजा स्थलों को नष्ट करने की योजना बना रहा है। आपके सूत्रों का सुझाव है कि भड़काने वालों को कार्रवाई करने से पहले गिरफ्तार करना हिंसा को रोक सकता है। यद्यपि, आपको यह भी पता चलता है कि मुख्य आयोजकों में से एक प्रभावशाली राज्यमंत्री का बेटा है। आपके तत्काल वरिष्ठ, महानिरीक्षक, सूक्ष्म रूप से संकेत देते हैं कि इन निवारक गिरफ्तारियों के साथ आगे बढ़ना आपके कैरियर की संभावनाओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है, इसके बजाय वह “घटना घटने के बाद” सामान्य पुलिस उपस्थिति बढ़ाने और किसी भी घटना से निपटने का सुझाव देते हैं।
    जैसे-जैसे समय बीतता है और तनाव बढ़ता है, आपको ऐसा निर्णय लेना होगा जो विधि व्यवस्था बनाए रखने के आपके कर्तव्य, आपकी कैरियर संबंधी आकांक्षाओं और आपके ज़िले की जटिल सामाजिक गतिशीलता के बीच संतुलन स्थापित कर सके।
    1. इस स्थिति में प्रमुख हितधारक कौन हैं?
    2. इस स्थिति में नैतिक दुविधाएँ क्या हैं?
    3. सार्वजनिक सुरक्षा, राजनीतिक दबाव और आपकी नीतिपरक ज़िम्मेदारी के लिये संभावित ज़ोखिम को ध्यान में रखते हुए आपकी अगली कार्रवाई क्या होगी?

    27 Sep, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    परिचय:

    पुलिस अधीक्षक के समक्ष एक नाजुक स्थिति है, जिसमें एक धार्मिक नेता की गिरफ्तारी शामिल है, जिससे अशांति फैल गई है और उनके अनुयायियों की ओर से संभावित हिंसा का खतरा उत्पन्न हो गया है।

    • निवारक गिरफ्तारी करने या अपने करियर की सुरक्षा करने की दुविधा का सामना करते हुए, पुलिस अधीक्षक को राजनीतिक दबावों और संवेदनशील सामुदायिक गतिशीलता से निपटते हुए न्याय को संधारित करना होगा।
    • विधिक संबंधी सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देकर और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देकर, पुलिस अधीक्षक का उद्देश्य शांति बनाए रखना और दीर्घकालिक सामाजिक सद्भाव को प्रोत्साहित करना है।

    मुख्य भाग:

    1. इस स्थिति में प्रमुख हितधारक कौन हैं?

    हितधारक

    भूमिका/पद

    रुचियाँ/चिंताएँ

    पुलिस अधीक्षक

    विधि प्रवर्तन मार्गदर्शक

    विधि-व्यवस्था बनाए रखना, सामुदायिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और करियर की आकांक्षाएँ

    पुलिस महानिरीक्षक

    वरिष्ठ अधिकारी

    करियर संबंधी निहितार्थ, पुलिस प्रतिक्रिया का प्रबंधन, राजनीतिक संबंध का अनुरक्षण

    धार्मिक नेता (गिरफ्तार)

    सामुदायिक व्यक्ति

    अनुयायियों के लिये वकालत, कथित अन्याय और सामुदायिक भावनाओं पर प्रभाव

    बहुसंख्यक समुदाय

    धार्मिक नेता के अनुयायी

    अपने समुदाय की सुरक्षा, गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक उद्देश्य और एकजुटता की अभिव्यक्ति

    अल्पसंख्यक समुदाय

    घृणास्पद भाषण और संभावित हिंसा का लक्ष्य

    सुरक्षा और संरक्षा, उनके व्यवसायों और पूजा स्थलों का संरक्षण तथा सामुदायिक संबंध

    चरमपंथी समूह

    हिंसा के संभावित अपराधी

    प्रतिशोधात्मक कार्रवाई, राजनीतिक निहितार्थ और अल्पसंख्यक समुदायों में भय उत्पन्न करना

    स्थानीय सरकार

    राजनीतिक अधिकार

    सार्वजनिक छवि, सामुदायिक संबंधों का प्रबंधन तथा शांति एवं व्यवस्था का अनुरक्षण

    मिडिया

    सूचना प्रसारक

    घटनाओं पर रिपोर्टिंग, सार्वजनिक धारणा का संरूपण तथा सार्वजनिक भावना पर संभावित प्रभाव

    नागरिक समाज संगठन

    शांति और सामुदायिक सद्भाव के पक्षधर

    संवाद को प्रोत्साहन, तनाव न्यूनीकरण और प्रभावित समुदायों को समर्थन


    2. इस स्थिति में नैतिक दुविधाएँ क्या हैं?

    • कर्तव्य बनाम करियर उन्नति: केंद्रीय संघर्ष सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा करने और हिंसा को रोकने के कर्तव्य एवं अपने करियर की संभावनाओं को सुरक्षित रखने के दबाव के बीच है।
      • मंत्री के बेटे सहित भड़काने वालों को गिरफ्तार करके निर्णायक कार्रवाई करने से हिंसा को प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है, परंतु इससे करियर की उन्नति खतरे में पड़ सकती है।
      • इसके विपरीत, वरिष्ठ के सुझाव का पालन करने से करियर की संभावनाएँ तो सुरक्षित रह सकती हैं, परंतु निर्दोष लोगों और व्यवसायों को होने वाले नुकसान को रोकने में असफल हो सकती हैं।
    • विधि का समान प्रयोग बनाम राजनीतिक प्रभाव: सभी नागरिकों पर समान रूप से विधि का कार्यान्वयन, चाहे उनका संबंध कुछ भी हो और राजनीतिक दबाव के आगे समर्पण के बीच स्पष्ट तनाव मौजूद है।
      • मंत्री के बेटे को गिरफ्तार करने से विधि के समक्ष समानता के सिद्धांत का अनुरक्षण होगा, परंतु उसके पिता के प्रभाव के कारण उसकी संलिप्तता को नज़रअंदाज़ करने से राजनीतिक रूप से जुड़े लोगों के लिये अधिमान्य व्यवहार की प्रणाली सुदृढ़ होगी।
    • सक्रिय बनाम प्रतिक्रियात्मक पुलिसिंग: किसी अपराध को रोकने के लिये सक्रिय कदम उठाने (निवारक गिरफ्तारियाँ) या अधिक प्रतिक्रियात्मक रुख अपनाने (घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिये पुलिस की उपस्थिति बढ़ाना) के बीच निर्णय लिया जाना चाहिये।
      • इससे निवारक निरोध की वैधता और संभावित अपराधियों को अपराध न करने का विकल्प देने के संबंध में नैतिक प्रश्न उठते हैं।
    • व्यक्तिगत अधिकार बनाम सामूहिक सुरक्षा: निवारक गिरफ्तारियाँ व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन करती हैं, क्योंकि व्यक्तियों को उन अपराधों के लिये हिरासत में लिया जाएगा जो उन्होंने अभी तक नहीं किये हैं।
      • यद्यपि, ऐसी कार्रवाइयों से अल्पसंख्यक समुदाय और उनकी संपत्तियों की सामूहिक सुरक्षा हो सकती है।
      • शांति के अनुरक्षण और कमज़ोर समूहों की सुरक्षा के व्यापक हित के विरुद्ध व्यक्तिगत अधिकारों का मूल्यांकन करना महत्त्वपूर्ण है।
    • निष्पक्षता बनाम सामुदायिक गतिशीलता: एक पुलिस अधिकारी के रूप में, निष्पक्षता की अपेक्षा की जाती है। यद्यपि, स्थिति में जटिल सामुदायिक गतिशीलता मुख्य चिंता का विषय है, जिसमें बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समूहों के बीच तनाव शामिल है।
      • उठाए गए कदमों को एक समुदाय को दूसरे समुदाय के मुकाबले अधिक लाभ पहुँचाने वाला माना जा सकता है, जिससे मौजूदा तनाव और बढ़ सकता है।
    • अल्पकालिक शांति बनाम दीर्घकालिक न्याय: भड़काने वालों को गिरफ्तार न करने का निर्णय लेने से बहुसंख्यक समुदाय की ओर से तत्काल प्रतिक्रिया से बचकर अल्पकालिक शांति स्थापित हो सकती है।
      • यद्यपि, इससे दीर्घकालिक न्याय और सामाजिक सद्भाव की हानि होती है, क्योंकि इससे चरमपंथियों को दंड से मुक्ति मिल जाएगी तथा अल्पसंख्यक समूहों को और अधिक हाशिये पर धकेला जा सकेगा।
    • व्यावसायिक सत्यनिष्ठता बनाम प्रणालीगत दबाव: यह स्थिति प्रणालीगत दबावों के विरुद्ध व्यावसायिक सत्यनिष्ठता का परीक्षण करती है।
      • जो सही माना जाता है उसके पक्ष में खड़ा होना किसी व्यक्ति को उस व्यवस्था में अलग-थलग कर सकता है, जो सख्त विधि प्रवर्तन की तुलना में राजनीतिक विचारों को प्राथमिकता देती है।
    • पारदर्शिता बनाम गोपनीयता: योजनाबद्ध आपराधिक गतिविधियों के बारे में गोपनीय खुफिया जानकारी एक नैतिक दुविधा प्रस्तुत करती है कि क्या इस जानकारी को कार्यों को उचित ठहराने के लिये सार्वजनिक किया जाए या स्रोतों और तरीकों की सुरक्षा के लिये इसे गोपनीय रखा जाए।

    3. सार्वजनिक सुरक्षा, राजनीतिक दबाव और आपकी नीतिपरक ज़िम्मेदारी के लिये संभावित जोखिम को ध्यान में रखते हुए आपकी कार्यवाही क्या होगी?

    • विधिक सुरक्षा के साथ निवारक कार्रवाई: मैं निवारक गिरफ्तारियाँ करूँगा, जिसमें मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी भी शामिल है तथा यह भी सुनिश्चित करूँगा कि प्रत्येक कार्रवाई का सावधानीपूर्वक दस्तावेज़ीकरण किया गया हो तथा विधिक रूप से उचित हो।
      • मैं विस्तृत खुफिया रिपोर्ट तैयार करूँगा और इन गिरफ्तारियों की आवश्यकता के समर्थन में यथासंभव साक्ष्य संगृहीत करूँगा।
      • मैं उचित वारंट प्राप्त करने के लिये स्थानीय मजिस्ट्रेट को शामिल करूँगा, जिससे मेरे कार्यों के लिये विधिक जाँच और सुरक्षा का एक अतिरिक्त स्तर जुड़ जाएगा।
    • पारदर्शी संचार: गिरफ्तारियों के तुरंत बाद, मैं स्थिति को स्पष्ट करने के लिये एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करूँगा, जिसमें कार्रवाई की गैर-भेदभावपूर्ण प्रकृति और विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर इसके आधार पर बल दिया जाएगा।
      • मैं स्पष्ट रूप से इस तथ्य को प्रकाशित करूँगा कि ये गिरफ्तारियाँ निवारक और अस्थायी हैं तथा जाँच लंबित रहने तक सुरक्षा आवश्यकताओं और व्यक्तिगत अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिये की गई हैं।
    • राजनीतिक संलग्नता: गिरफ्तारियाँ करने से पहले, मैं उच्च पदस्थ अधिकारी को स्थिति के विषय में जानकारी प्रदान करूँगा।
      • मैं निष्क्रियता के संभावित परिणामों और राजनीतिक सुरक्षा प्रदान करने के लिये अपनी योजनाबद्ध कार्रवाई के विधिक आधार को प्रस्तुत करूँगा तथा संचार के उचित प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करूँगा।
    • सामुदायिक अभिगम्यता: मैं वर्तमान तनाव पर चर्चा करने और सद्भाव के अनुरक्षण हेतु सहयोगात्मक रूप से कार्य करने के लिये एक आपातकालीन शांति समिति की बैठक आयोजित करूँगा।
    • सुरक्षा उपाय का संवर्द्धन: गिरफ्तारियों के दौरान, मैं संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस की उपस्थिति बढ़ाने के सुझाव को भी कार्यान्वित करूँगा।
      • मैं किसी भी प्रकार की हिंसा की स्थिति से तुरंत निपटने के लिये कार्यनीतिक रूप से त्वरित प्रतिक्रिया दल को परिनियोजित करूँगा।
    • आंतरिक उत्तरदायित्व: मैं इस स्थिति के संबंध में अपने वरिष्ठ के साथ सभी संवादों का दस्तावेज़ीकरण करूँगा, जिसमें करियर की संभावनाओं के विषय में कोई भी संकेत शामिल होगा।
      • यदि संभव होगा तो मैं अपने कार्यों की सत्यनिष्ठा के लिये गवाह तैयार करने हेतु निर्णयन की प्रक्रिया में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों या पुलिस निरीक्षण समिति को शामिल करूँगा।

    निष्कर्ष:

    आगे बढ़ते हुए, मैं सक्रिय पुलिसिंग की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध हूँ जो रोकथाम, सामुदायिक संलग्नता और पारदर्शिता पर बल देती है। मैं बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक दोनों समुदायों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करने के लिये कार्य करूँगा ताकि विश्वास का निर्माण हो सके और शांति बनाए रखने के लिये एक सहयोगी दृष्टिकोण सुनिश्चित हो सके। सामाजिक परिदृश्य की जटिलताओं को पहचानते हुए, मैं उन सुधारों की वकालत करूँगा जो सांप्रदायिक तनाव और विधि प्रवर्तन में राजनीतिक हस्तक्षेप को संबोधित करते हैं, जिसका उद्देश्य अधिक न्यायसंगत और न्यायपूर्ण प्रणाली का निर्माण है।

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