अंतरिक्ष मलबा क्या है? पृथ्वी की कक्षा में अंतरिक्ष मलबे की बढ़ती समस्या, अंतरिक्ष अन्वेषण और उपग्रह संचालन पर इसके संभावित प्रभावों पर चर्चा कीजिये। ( 250 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- अंतरिक्ष मलबे को परिभाषित करके उत्तर की भूमिका लिखिये
- अंतरिक्ष मलबे की बढ़ती समस्या और इसके संभावित प्रभावों पर प्रकाश डालिये
- वर्तमान शमन प्रयासों का संक्षेप में विवरण प्रस्तुत कीजिये
- तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये
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परिचय:
अंतरिक्ष मलबे का अर्थ अंतरिक्ष में विद्यमान निष्क्रिय कृत्रिम वस्तुओं से है, विशेष तौर पर पृथ्वी की कक्षा में। इन वस्तुओं में निष्क्रिय रॉकेट, निष्क्रिय उपग्रह, संघट्ट या विस्फोट से बचे हुए टुकड़े और यहाँ तक कि अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा अंतरिक्ष में सैर के दौरान अदृष्ट उपकरण भी शामिल हैं।
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अनुसार, वर्ष 2024 तक, पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए 10 सेमी से बड़े अंतरिक्ष मलबे के लगभग 36,500 टुकड़े होंगे।
मुख्य भाग:
अंतरिक्ष मलबे की बढ़ती समस्या और इसके संभावित प्रभाव:
- परिचालन उपग्रहों के लिये खतरा: अंतरिक्ष मलबा सक्रिय उपग्रहों को क्षतिग्रस्त या नष्ट कर सकता है, जिससे संचार, मौसम पूर्वानुमान और पारगमन प्रणाली जैसी महत्त्वपूर्ण सेवाएँ बाधित हो सकती हैं।
- वर्ष 2022 में, रूसी उपग्रह-रोधी मिसाइल परीक्षण से निकला अंतरिक्ष मलबा चीन के सिंघुआ विज्ञान उपग्रह को क्षति पहुँचाने के 47 फीट की सीमा में प्रवेश कर गया था।
- मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिये जोखिम: मलबा चालक दल मिशनों के लिये एक बड़ा खतरा उत्पन्न करता है, जिससे अंतरिक्ष यान को क्षति पहुँच सकता है या अंतरिक्षयान से बाहर की गतिविधियों के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
- नासा का अनुमान है कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ने वर्ष 1999 से अब तक 30 से अधिक मलबा परिवर्जन अभियानों का संचालन किया हैं।
- आर्थिक प्रभाव: निरंतर निगरानी की आवश्यकता, मलबे से बचने के उपाय तथा उपग्रहों की संभावित हानि के कारण महत्त्वपूर्ण आर्थिक लागत हो सकती है।
- वर्ष 2023 में वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 546 बिलियन डॉलर तक पहुँच जाएगी, जिसमें उपग्रह सेवाओं का बड़ा हिस्सा होगा। मलबे की बढ़ती समस्या इस तेज़ी से बढ़ते क्षेत्र के लिये खतरा बन गई है।
- पृथ्वी की सतह और वायुमंडल के लिये खतरा: अंतरिक्ष मलबे के बड़े टुकड़े जो पुनः प्रवेश के बाद बच जाते हैं, वे आबादी वाले क्षेत्रों, विमानों और समुद्री जहाजों के लिये खतरा उत्पन्न कर सकते हैं।
- वर्ष 2021 में, एक चीनी लॉन्ग मार्च 5B रॉकेट चरण ने पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से पुनः प्रवेश किया और मालदीव के ठीक पश्चिम में हिंद महासागर में गिर गया।
वर्तमान शमन प्रयास:
- अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता (SSA): संभावित संघट्टों की भविष्यवाणी करने के लिये अंतरिक्ष वस्तुओं की निरंतर निगरानी और उनका पदांकन आवश्यक हैं।
- अमेरिकी अंतरिक्ष निगरानी नेटवर्क 27,000 से अधिक कक्षीय मलबे की निगरानी करता है।
- मलबा परिवर्जन की प्रौद्योगिकियाँ: कक्षा से मलबों के सक्रिय परिवर्जन हेतु विभिन्न तरीकों का विकास किया जा रहा है।
- वर्ष 2023 में, ESA ने क्लियरस्पेस-1 मिशन को मंजूरी दी, जिसे वर्ष 2025 में विमोचित किया जाना है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष मलबे को अधिग्रहित और उसकी कक्षा से बाहर निकालने की प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करना है।
- अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देश: बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति (COPUOS) ने मलबे के शमन के लिये दिशानिर्देश स्थापित किये हैं।
- इसरो की पहल: सुरक्षित एवं सतत् परिचालन प्रबंधन के लिये इसरो प्रणाली तथा प्रोजेक्ट नेत्र, SSA और अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन में भारत की क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई प्रमुख पहल हैं।
निष्कर्ष:
अंतरिक्ष मलबे की बढ़ती चुनौती अंतरिक्ष अन्वेषण और उपग्रह संचालन की स्थिरता को खतरे में डालती है, जिससे केसलर सिंड्रोम जैसे जोखिम उत्पन्न होते हैं। इस मुद्दे को संबोधित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, नवाचार और ज़िम्मेदार प्रथाओं की आवश्यकता है, जिसमें "डिजाइन फॉर डेमिनेशन" सिद्धांत शामिल हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि उपग्रह पुनः प्रवेश करने पर पूरी तरह से नष्ट हो जाएँ।