लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    हाल ही में अमेरिका द्वारा H4 वीज़ा धारकों को जारी वर्क परमिट को वापस लिये जाने पर विचार करने की घोषणा भारत के लिये चिंता का विषय क्यों हैं? स्पष्ट कीजिये। ।

    14 Apr, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • H-4 वीज़ा क्या है ?
    • अमेरिका इसे वापस लिए जाने का विचार क्यों?
    • आगे की राह क्या होगी।

    अमेरिका में रोजगार के इच्छुक लोगों को अमेरिका से H1-B वीज़ा प्राप्त करना होता है। यह ‘इमीग्रेशन एण्ड नेशनलिटी एक्ट’ के तहत प्रदान किया जाता है। H1-B वीज़ा धारक लोगों को अमेरिका में अस्थायी रूप से काम करने की इज़ाजत होती है। H1 वीज़ा धारकों के परिजनों को H4 वीज़ा मिलने के बाद ही वहां रहने की इज़ाजत मिलती है।

    राष्ट्रपति ओबामा के कार्यकाल में H1-B वीज़ा के नियमों में बदलाव के साथ H4 वीज़ा धारकों को भी अमेरिका में काम करने की इजाजत दी गयी थी।

    मौजूदा ट्रंप सरकार ने वीज़ा नियमों में बदलाव की मंशा जाहिर की है तथा स्पष्ट किया कि H4 वीज़ा धारकों को काम करने की इजाजत नहीं होगी साथ ही H1-B वीज़ा धारकों के परिजनों को मिलने वाले वीज़ा पर भी लगाम लग सकती है।

    अमेरिका में आईटी क्षेत्र में काम करने वाले वे लोग जो अपनी नौकरी खो चुके हैं उन्होंने ‘सेव जॉब्स यूएसए’ नाम से एक संगठन बनाया है जिनका दावा है कि H1-B धारक उनकी नौकरियाँ छीन रहे हैं।

    • कई क्षेत्रों में अमेरिका अगर आगे है तो इसमें विदेशी नागरिकों के कार्य कौशल का भी योगदान है। ऐसे में यदि इन लोगों को वापस भेज दिया जाएगा तो इसका असर कंपनियों के साथ-साथ पूरे देश पर पड़ेगा। ऐसे में भारत सरकार को अमेरिकी सरकार से बात-चीत कर समस्या का हल निकालना होगा।
    • अमेरिका को यह समझना होगा कि इससे अमेकिा न केवल विदेशी पेशेवरों को रोकेगा बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था की प्रगति पर भी विराम लगायेगा।
    • अमेरिका में आज भी ऐसे पेशेवरों की कमी है जिन्हें विशेषज्ञता पूर्ण कार्यों में लगाया जा सके।
    • भारत के पक्ष में देखा जाए तो अमेरिका में रोजगार न मिलने की स्थित में कुछ कुशल भारतीय आई टी पेशेवर जो अच्छे वेतन व सुविधाओं के लिए भारत में काम करना नहीं पसंद करते, भारत सरकार ऐसे अनुभवी लोगों की योग्यता का लाभ उठा सकते हैं।

    वीज़ा धारकों के कारण उनकी नौकरियां छिन गईं यह समूह भ्4 वीज़ा धारकों को दिए जाने वाले वर्क परमिट पर भी सवाल उठाता है।

    यदि अमेरिकी प्रशासन वीज़ा नियमों में बदलाव को औपचारिक करती है तो इस बात की पूरी संभावना है कि पीडि़त अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे। तकनीक क्षेत्र में काम करने वाली गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियाँ H1-B वीज़ा नियमों में संशोधन के प्रस्ताव पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।

    भारत के लिए चिंता के विषय क्यों?

    • इस नियम की आधिकारिक घोषणा से लगभग 10 लाख प्रवासी भारतीय प्रभावित होंगे।
    • अगर H-4 को भी शामिल कर लें तो यह संख्या 25-30 लाख तक हो सकती है।
    • हालिया अध्ययन बताते हैं कि H-4 वीज़ा धारों में 94% महिलायें है। जिनमें लगभग 93% भारत से है।
    • यह कानून कुशल कर्मचारियों के पति/पत्नी को कानूनी रूप से काम करने में असमर्थ बनाएगा।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2