"दृष्टिकोण से व्यवहार को आकार मिलता है जबकि योग्यता से क्षमता का निर्धारिण होता है।" नैतिक शासन के प्रकाश में इस कथन का विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- दृष्टिकोण और योग्यता को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रस्तुत कीजिये।
- व्यवहार को आकार देने वाले दृष्टिकोण के लिये तर्क दीजिये।
- योग्यता निर्धारण क्षमता हेतु तर्क दीजिये।
- उपयुक्त निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
यह कथन "दृष्टिकोण से व्यवहार को आकार मिलता है जबकि योग्यता से क्षमता का निर्धारण होता है’’, व्यक्तिगत गुणों और व्यावसायिक प्रदर्शन के मध्य अंतर्संबंध क्षमताओं को दर्शाता है।
जबकि योग्यता उन अंतर्निहित क्षमताओं या प्रतिभाओं को संदर्भित करती है जो व्यक्तियों को कुछ कार्यों के लिये तैयार करती हैं, दृष्टिकोण उनकी मानसिकता, मूल्यों और विश्वासों को समाहित करता है।
मुख्य भाग:
व्यवहार को आकार देने वाला दृष्टिकोण:
- नैतिक आचरण हेतु दृष्टिकोण: सार्वजनिक सेवा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अधिक नैतिक व्यवहार को जन्म दे सकता है।
- उदाहरण: आईएएस अधिकारी आर्मस्ट्रांग पाम, जिन्हें "चमत्कारी पुरुष" के नाम से भी जाना जाता है, ने मणिपुर में दूर-दराज़ के गाँवों को जोड़ने वाली 100 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण हेतु व्यक्तिगत रूप से वित्तपोषण और देखरेख करके असाधारण समर्पण का परिचय दिया।
- नवाचार को बढ़ावा देने में दृष्टिकोण की भूमिका: सकारात्मक दृष्टिकोण शासन में नैतिक चुनौतियों के लिये रचनात्मक समाधानों को प्रेरित कर सकता है।
- आईएएस अधिकारी हरि चंदना दासरी ने हैदराबाद में "फीड द नीड" कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमें सामुदायिक रेफ्रिज़रेटर स्थापित किये गए, जिसके कारण लोगों द्वारा ज़रूरतमंदों के लिये अतिरिक्त भोजन दान किया जा सकता था।
- उनके नवोन्मेषी रवैये ने एक ऐसे व्यवहार को आकार दिया, जो भोजन की बर्बादी और भूख दोनों मुद्दों को संबोधित करता है।
- टीम के मनोबल पर व्यवहार का प्रभाव: एक नेता का सकारात्मक व्यवहार पूरे संगठन में कई लोगों को प्रेरित कर सकता है। आईएएस अधिकारी सुहास एल.वाई. ने पेरिस 2024 पैरालिंपिक में बैडमिंटन में रजत पदक जीता।
- सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्तियों को अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर जाकर उत्कृष्टता के लिये प्रयास करने हेतु प्रेरित कर सकता है।
- उदाहरण के लिये, आईएएस अधिकारी हिमांशु नागपाल की खोए हुए बच्चों की मदद करने की प्रतिबद्धता करुणा और सहानुभूति की गहरी भावना से प्रेरित थी, जिसने उन्हें मिशन ‘मुस्कान’ का नेतृत्व करने के लिये प्रेरित किया।
- पारदर्शिता पर दृष्टिकोण का प्रभाव: पारदर्शिता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अधिक पारदर्शी शासन पद्धतियों को जन्म दे सकता है।
- आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल, जिन्हें "जनता की अधिकारी" के रूप में जाना जाता है, ने खुले दरवाज़ें की नीति शुरू की।
- सुलभता के प्रति उनके दृष्टिकोण ने उनके व्यवहार को आकार दिया, जिससे पारदर्शिता और सार्वजनिक विश्वास में वृद्धि हुई।
योग्यता निर्धारण क्षमता:
- सक्षम शासन हेतु आधार के रूप में योग्यता: दृष्टिकोण व्यवहार को संचालित करता है, योग्यता नैतिक निर्णयों को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु आवश्यक कौशल प्रदान करती है।
- उदाहरण: आईएएस अधिकारी राजेंद्र भट्ट ने कोविड-19 महामारी के दौरान "भीलवाड़ा मॉडल" विकसित करने के लिये प्रौद्योगिकी और शासन में अपनी योग्यता का उपयोग किया।
- संकट प्रबंधन और डेटा विश्लेषण में उनकी क्षमता ने ज़िले में वायरस के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोकने में मदद की।
- नैतिक निर्णय लेने में योग्यता की भूमिका: जटिल नैतिक दुविधाओं से निपटने के लिये मज़बूत संज्ञानात्मक क्षमताएँ आवश्यक हैं।
- आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों के विरोध में अपने पद से त्याग-पत्र देकर नैतिक निर्णय लेने की अपनी योग्यता का प्रदर्शन किया।
- संसाधन प्रबंधन में योग्यता का महत्त्व: सार्वजनिक संसाधनों को नैतिक और कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिये मज़बूत तकनीकी कौशल महत्त्वपूर्ण हैं।
- आईएएस अधिकारी सी. श्रीधर ने वित्तीय प्रबंधन में अपनी योग्यता का उपयोग तमिलनाडु में पारदर्शी ई-टेंडरिंग प्रणाली को लागू करने के लिये किया, जिससे सार्वजनिक खरीद में भ्रष्टाचार में काफी कमी आई।
निष्कर्ष:
नैतिक शासन के लिये आदर्श परिदृश्य तब होता है जब अधिकारियों के पास सकारात्मक, सेवा-उन्मुख दृष्टिकोण और अपने नैतिक दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये अपेक्षित योग्यता हों। यह संयोजन अभिनव, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित शासन की ओर ले जा सकता है जो वास्तव में सार्वजनिक हित में कार्य करता है।