भारत में जेंडर बजटिंग की आवश्यकताओं को समझाते हुए इसकी चुनौतियों को बताइये तथा इस संदर्भ में हाल के बजट में किये गए प्रयासों की चर्चा कीजिये।
12 May, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 सामाजिक न्याय
उत्तर की रूपरेखा:
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बजट किसी वित्तीय वर्ष में सरकार की आय-व्यय का वह अनुमानित दस्तावेज़ है जिसके माध्यम से सरकार द्वारा उपलब्ध संसाधनों को प्राथमिकता के आधार पर आवंटन कर अपनी नीतियों का संचालन किया जाता है।
भारत सरकार ने वर्ष 2005-06 के बज़ट में लैंगिक संवेदनशीलता को रेखांकित करते हुए जेंडर बजटिंग की शुरुआत की। सरकार ने निम्नलिखित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु जेंडर बजटिंग को अपनाया है-
जेंडर बजटिंग को कार्यान्वित करने में सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है-
लैंगिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर सरकार ने वर्ष 2018-19 के बजट में महिला केंद्रित कार्यक्रमों के लिये 4 प्रतिशत अधिक बजटीय आवंटन किया है। इसके अंतर्गत बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, मातृत्व लाभ योजना, निर्भया फंड के आवंटन में वृद्धि की गई है। इसके अतिरिक्त उज्ज्वला योजना, मुद्रा योजना व स्टैंड-अप इंडिया जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से भी जेंडर बजटिंग को यथार्थ में बदलने की कोशिश की गई है।