अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में "शार्प पॉवर" की अवधारणा पर चर्चा कीजिये। यह सॉफ्ट और हार्ड पॉवर से किस प्रकार भिन्न है? (150 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- पॉवर की अवधारणा कैसे विकसित हुई, इसका उल्लेख करते हुए उत्तर लिखिये।
- हार्ड, सॉफ्ट और शार्प पॉवर में अंतर बताइये।
- शार्प पॉवर की प्रकृति पर प्रकाश डालिये।
- इसके निहितार्थों पर गहराई से विचार कीजिये।
- तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में पॉवर की अवधारणा समय के साथ विकसित हुई है। परंपरागत रूप से हार्ड और सॉफ्ट पॉवर राज्यों द्वारा दूसरों को प्रभावित करने के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले प्राथमिक उपकरण थे।
हालाँकि सूचना युग (Information Age) के आगमन से पॉवर का एक नया रूप सामने आया है: शार्प पॉवर।
मुख्य भाग:
हार्ड, सॉफ्ट और शार्प पॉवर:
- हार्ड पॉवर वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिये बल प्रयोग, धमकी या सैन्य बल पर निर्भर करता है। यह कूटनीति के लिये पारंपरिक "स्टिक" दृष्टिकोण है।
- सॉफ्ट पॉवर दूसरों पर बल प्रयोग के बजाय धारणा के माध्यम से प्रभावित करने की क्षमता है। यह प्रायः संस्कृति, कूटनीति और विदेशी सहायता से जुड़ा होता है।
- शार्प पॉवर का एक गुप्त रूप है, जो लोकतांत्रिक संस्थानों को कमज़ोर करने के साथ-साथ जनमत में हेरफेर करता है और गलत सूचना के माध्यम से वातावरण को आकार देने का प्रयास करता है। यह प्रायः सत्तावादी शासन से जुड़ा होता है।
शार्प पॉवर की प्रकृति:
- दुष्प्रचार: जानबूझकर जनता की राय को प्रभावित करने के लिये गलत या भ्रामक जानकारी फैलाना।
- मीडिया नियंत्रण: स्वतंत्र मीडिया को दबाना और राज्य के स्वामित्व वाले आउटलेट के माध्यम से आख्यानों (Narrative) को नियंत्रित करना।
- साइबर हमले: महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को लक्षित करना और लाभ प्राप्त करने के लिये संवेदनशील जानकारी चुराना।
- प्रभावी संचालन: राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने के लिये राजनीतिक दलों या आंदोलनों का गुप्त रूप से समर्थन करना।
शार्प पॉवर का हालिया उदाहरण:
- चीन के कन्फ्यूशियस संस्थान: सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र हैं, लेकिन इन पर चीनी प्रचार को बढ़ावा देने तथा संवेदनशील विषयों को सेंसर करने का आरोप है।
- अमेरिका सहित कई देशों ने इन संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- रूसी दुष्प्रचार अभियान: सोशल मीडिया के माध्यम से वर्ष 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप।
- सऊदी अरब द्वारा स्पाइवेयर का उपयोग: असंतुष्टों और पत्रकारों की निगरानी के लिये पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग।
- जमाल खशोगी (Jamal Khashoggi) की हत्या में कथित संलिप्तता।
शार्प पॉवर के निहितार्थ:
- लोकतांत्रिक संस्थाओं का क्षरण: गलत सूचना अभियानों के माध्यम से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को कमज़ोर करना
- लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थाओं में जनता का भरोसा कमज़ोर करना
- उदाहरण: वर्ष 2016 के अमेरिकी चुनावों में रूसी हस्तक्षेप
- सार्वजनिक चर्चा की विकृति: झूठी कहानियाँ फैलाने के लिये सोशल मीडिया एल्गोरिदम का हस्तक्षेप।
- प्रतिध्वनि कक्षों का निर्माण और सामाजिक ध्रुवीकरण
- उदाहरण: वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन चर्चाओं को प्रभावित करने के लिये चीन द्वारा "50 सेंट आर्मी" का उपयोग
- तकनीकी कमज़ोरियाँ: संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करने के लिये साइबर सुरक्षा कमज़ोरियों का फायदा उठाना
- AI और डीप फेक का इस्तेमाल करके झूठी कहानियाँ गढ़ना
- उदाहरण: सऊदी अरब द्वारा स्पाइवेयर का कथित इस्तेमाल और जमाल खशोगी की हत्या में शामिल होना
- अंतर्राष्ट्रीय गठबंधनों का नया स्वरूप: शार्प पॉवर के खतरों का सामना करने के लिये नवीन संधियों का गठन
- शार्प पॉवर के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर मौजूदा संधियों का पुनर्मूल्यांकन
निष्कर्ष:
शार्प पॉवर के आगमन ने भू-राजनीतिक परिदृश्य को अपरिवर्तनीय रूप से बदल दिया है। इसकी कपटपूर्ण प्रकृति (Insidious Nature) लोकतांत्रिक मानदंडों और मूल्यों के लिये एक कठिन चुनौती पेश करती है। इसका सामना करने के लिये न केवल सुदृढ़ रक्षा तंत्र आवश्यक हैं, बल्कि लोकतांत्रिक लचीलापन, मीडिया साक्षरता और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिये एक सक्रिय रणनीति भी आवश्यक है।