हाल ही में चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों को एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने से रोकने की पहल की है, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत चली आ रही इस व्यवस्था का चुनाव आयोग द्वारा विरोध किये जाने के क्या कारण हैं? चर्चा करें।
17 May, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा :
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जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33(7) के अनुसार व्यक्ति लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव या फिर उपचुनाव में एक साथ दो सीटों पर चुनाव लड़ सकता है। इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिये 1996 में जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करके अधिकतम दो सीटों से चुनाव लड़ने का नियम बनाया गया। मगर चुनाव आयोग ने इसके खिलाफ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, छोड़ी गई सीटों पर दोबारा चुनाव कराने के लिये बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में फिर से उपचुनाव कराने के लिये सरकारी धन, जनशक्ति और अनावश्यक वित्तीय बोझ के साथ-साथ यह उस क्षेत्र के मतदाताओं के साथ भी अन्याय है।
चुनाव आयोग का कहना है कि जीत सुनिश्चित करने के लिये उम्मीदवार दो जगह से चुनाव लड़ते हैं और अंततः किसी एक स्थान से इस्तीफा देते हैं, यह चुनाव प्रक्रिया की बहुत बड़ी खामी है। एक व्यक्ति, एक उम्मीदवार तथा एक निर्वाचन क्षेत्र वास्तविक लोकतंत्र की पूंजी है। ऐसे में धारा 33(7) इसका उल्लंघन करती है।