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प्रश्न :
चर्चा कीजिये कि भारत दीर्घकालिक स्थिरता प्राप्त करने के लिये विकास के सभी प्रासंगिक क्षेत्रों में जैवविविधता संरक्षण को किस प्रकार मुख्यधारा में ला सकता है। (250 शब्द)
17 Jul, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरणउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- जैवविविधता संरक्षण और विकास के बीच संतुलन की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए परिचय दीजिये।
- प्रमुख क्षेत्रों पर विस्तार से चर्चा कीजिये और बताएँ कि जैवविविधता संरक्षण को किस प्रकार मुख्यधारा में लाया जा सकता है। सकारात्मक निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
आर्थिक प्रगति और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करना भारत का भविष्य का लक्ष्य है। जबकि विकास सामाजिक कल्याण के लिये महत्त्वपूर्ण है, प्राकृतिक रूप से विश्व की उपेक्षा दीर्घकालिक स्थिरता को खतरे में डालती है।
भारत के लिये सतत् लक्ष्य प्राप्त करने हेतु जैवविविधता संरक्षण को विकास क्षेत्रों में शामिल करना महत्त्वपूर्ण है।
मुख्य भाग:
- कृषि क्षेत्र:
- कृषि जैवविविधता को बढ़ावा देना: देशी फसल किस्मों की खेती को प्रोत्साहित करना तथा जैवविविधता को बढ़ाने वाली पारंपरिक कृषि पद्धतियों का समर्थन करना आदि।
- उदाहरण: पौध किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001, जो विविध किस्मों के बीजों को बचाने, उपयोग करने तथा साझा करने के किसानों के अधिकारों की रक्षा करता है।
- सतत् कृषि पद्धतियाँ: जैविक खेती और एकीकृत कीट प्रबंधन को प्रोत्साहित करना।
- उदाहरण: परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) संपूर्ण भारत में जैविक खेती समूहों को बढ़ावा दे रही है।
- कृषि जैवविविधता को बढ़ावा देना: देशी फसल किस्मों की खेती को प्रोत्साहित करना तथा जैवविविधता को बढ़ाने वाली पारंपरिक कृषि पद्धतियों का समर्थन करना आदि।
- वानिकी क्षेत्र:
- सतत् वन प्रबंधन: पारिस्थितिकी तंत्र आधारित दृष्टिकोण को लागू करना तथा समुदाय आधारित वन प्रबंधन को बढ़ावा देना।
- उदाहरण: हरित भारत के लिये राष्ट्रीय मिशन, जिसका लक्ष्य वन क्षेत्र को बढ़ाना और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं में सुधार करना है।
- क्षरित वनों की बहाली: बड़े पैमाने पर वनरोपण कार्यक्रमों को लागू करना। वनरोपण प्रयासों में देशी प्रजातियों को बढ़ावा देना।
- उदाहरण: भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर बंज़र भूमि को पुनः उपजाऊ भूमि में परिवर्तित करना है।
- वन संपर्क बढ़ाना: वन्यजीव गलियारे बनाना। तथा भू-दृश्य-स्तरीय संरक्षण दृष्टिकोण लागू करना।
- उदाहरण: कई राज्यों में हाथी गलियारे बनाने के हालिया प्रयास
- सतत् वन प्रबंधन: पारिस्थितिकी तंत्र आधारित दृष्टिकोण को लागू करना तथा समुदाय आधारित वन प्रबंधन को बढ़ावा देना।
- मत्स्य पालन क्षेत्र:
- मछली पकड़ने की सतत् विधियाँ: कैच कोटा और आकार सीमा को निर्धारित करना तथा जलीय कृषि को बढ़ावा देना।
- उदाहरण: तटीय राज्यों के समुद्री मत्स्यन विनियमन अधिनियम, जो जाल के आकार के विनियमन और मौसमी मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाता है।
- समुद्री संरक्षित क्षेत्र: समुद्री संरक्षित क्षेत्रों का विस्तार और प्रभावी प्रबंधन।
- उदाहरण: हाल ही में लक्षद्वीप द्वीपसमूह में समुद्री संरक्षित क्षेत्रों का विस्तार।
- मछली पकड़ने की सतत् विधियाँ: कैच कोटा और आकार सीमा को निर्धारित करना तथा जलीय कृषि को बढ़ावा देना।
- बुनियादी ढाँचा और शहरी विकास:
- हरित अवसंरचना: शहरी नियोजन में जैवविविधता संबंधी विचारों को एकीकृत करना, हरित और शहरी वनों को बढ़ावा देना।
- उदाहरण: दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में जैवविविधता पार्कों का विकास
- वन्यजीव-अनुकूल रैखिक अवसंरचना: सड़कों और रेलमार्गों में वन्यजीव मार्गों का क्रियान्वयन।
- संवेदनशील क्षेत्रों में भूमिगत विद्युत पारेषण लाइनों को बढ़ावा देना।
- उदाहरण: पेंच टाइगर रिज़र्व के पास NH-7 पर निर्मित वन्यजीव अंडरपास और ओवरपास
- हरित अवसंरचना: शहरी नियोजन में जैवविविधता संबंधी विचारों को एकीकृत करना, हरित और शहरी वनों को बढ़ावा देना।
- ऊर्जा क्षेत्र:
- जैवविविधता सुरक्षा उपायों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा: नवीकरणीय परियोजनाओं के लिये पर्यावरणीय प्रभाव आकलन लागू करना। वन्यजीवों के अनुकूल पवन और सौर फार्म डिज़ाइनों को बढ़ावा देना।
- उदाहरण: वन क्षेत्रों में पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिये पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के दिशा-निर्देश।
- सतत् जलविद्युत: पर्यावरणीय प्रवाह विनियमनों का कार्यान्वयन, बाँध डिज़ाइनों में मछलियों के लिये मार्ग सुनिश्चित करना।
- उदाहरण: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा गंगा नदी प्रणाली के लिये जारी ई-प्रवाह अधिसूचनाएँ
- जैवविविधता सुरक्षा उपायों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा: नवीकरणीय परियोजनाओं के लिये पर्यावरणीय प्रभाव आकलन लागू करना। वन्यजीवों के अनुकूल पवन और सौर फार्म डिज़ाइनों को बढ़ावा देना।
- पर्यटन क्षेत्र:
- इकोटूरिज़्म को बढ़ावा देना: समुदाय आधारित इकोटूरिज़्म मॉडल विकसित करना तथा संवेदनशील क्षेत्रों में वहन क्षमता सीमा लागू करना।
- उदाहरण: संरक्षित क्षेत्रों के आसपास पर्यटन गतिविधियों को विनियमित करने वाली इको-सेंसिटिव ज़ोन अधिसूचनाएँ।
- इकोटूरिज़्म को बढ़ावा देना: समुदाय आधारित इकोटूरिज़्म मॉडल विकसित करना तथा संवेदनशील क्षेत्रों में वहन क्षमता सीमा लागू करना।
निष्कर्ष:
भारत के लिये दीर्घकालिक स्थिरता प्राप्त करने के लिये विकास क्षेत्रों में सतत् विकास लक्ष्य 14 और 15 को बढ़ावा देने के लिये जैवविविधता संरक्षण को मुख्यधारा में लाना आवश्यक है। चूँकि भारत अपनी समृद्ध जैविक विरासत के साथ अपनी विकास आकांक्षाओं को संतुलित करने का प्रयास कर रहा है, इसलिये जैवविविधता संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना एक सतत् और लचीले भविष्य का मार्ग प्रदान करता है।
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