आतंकवाद एवं संगठित अपराध के वित्तपोषण पर मनी लॉन्ड्रिंग का बढ़ता प्रभाव, भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिये एक बड़ा खतरा बन गया है। चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- मनी लॉन्ड्रिंग को परिभाषित कर आतंकवाद एवं संगठित अपराध के साथ इसका संबंध बताकर परिचय दीजिये।
- आतंकवाद के वित्तपोषण में मनी लॉन्ड्रिंग की भूमिका और इसके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा कीजिये।
- संगठित अपराध में मनी लॉन्ड्रिंग की भूमिका और इसके प्रभावों पर प्रकाश डालिये।
- उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
मनी लॉन्ड्रिंग या धन शोधन, धन के अवैध स्रोत को छिपाने की प्रक्रिया, भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिये एक बड़ा खतरा है। इसका आतंकवादी और संगठित अपराध में महत्त्वपूर्ण योगदान है, जिससे उन्हें दंड से मुक्त होकर कार्य करने तथा राष्ट्र को अस्थिर करने में मदद मिलती है।
मुख्य बिंदु:
- आतंकवाद के वित्तपोषण पर मनी लॉन्ड्रिंग
- वित्तपोषण:
- हवाला नेटवर्क: अनौपचारिक मूल्य हस्तांतरण प्रणालियाँ पारंपरिक बैंकिंग चैनलों के बाहर कार्य करती हैं, जैसा कि वर्ष 2022 में राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) द्वारा जम्मू और कश्मीर में आतंकी फंडिंग नेटवर्क की दी गई जानकारी से पता चलता है।
- क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन: डिजिटल मुद्राओं का फायदा आतंकी हमलों में उठाया जाता है, जैसा कि बेंगलुरु कैफे आतंकी हमले के मामले में देखा गया था, जहाँ ISIS से जुड़े फंडिंग नेटवर्क क्रिप्टो प्लेटफॉर्म के ज़रिए कार्य कर रहे थे।
- शेल कंपनियाँ और फ्रंट बिज़नेस: वैध संस्थाओं द्वारा अवैध रूप से अर्जित धन को छिपाया जाता हैं, जिसका उदाहरण प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा वर्ष 2024 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) में कथित आतंकी वित्तपोषण के लिये की गई जाँच है।
- आंतरिक सुरक्षा पर प्रभाव:
- आतंकवादी बुनियादी ढाँचे को बनाए रखना: प्रशिक्षण शिविरों और रसद सहायता के लिये संसाधन उपलब्ध कराना, जैसा कि मणिपुर और नगालैंड (2021-2023) में पूर्वोत्तर आतंकवादी समूहों की चल रही जाँच में पता चला है।
- कट्टरपंथ और भर्ती को प्रोत्साहित करना: वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना और प्रचार अभियानों को वित्त पोषित करना, कई राज्यों में पीएफआई के कथित संचालन में देखी गई एक रणनीति है।
- विस्फोटक हथियारों की खरीद को सक्षम करना: परिष्कृत हथियार हासिल करना, जैसा कि सीमा पार आतंकवाद के मामलों में देखा गया है।
- धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और संगठित अपराध:
- प्रमुख क्षेत्र:
- नशीली दवाओं की तस्करी: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के कई ऑपरेशनों से पता चलता है कि नारकोटिक्स के व्यापार से होने वाले लाभ (खास तौर पर गोल्डन क्रिसेंट और गोल्डन ट्राइंगल क्षेत्रों) की मनी लॉन्ड्रिंग करना।
- साइबर अपराध: रैनसमवेयर हमलों और ऑनलाइन धोखाधड़ी के ज़रिए हासिल की गई धनराशि की मनी लॉन्ड्रिंग करना, जिसका उदाहरण मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल चीनी लोन ऐप के खिलाफ ED द्वारा वर्ष 2023 में की गई कार्रवाई है।
- रियल एस्टेट: अवैध धन को एकीकृत करने के लिये संपत्ति निवेश का उपयोग करना, जैसा कि आयकर विभाग और ईडी द्वारा प्रमुख भारतीय शहरों में की गई जाँच के कई मामलों में देखा गया है।
- आंतरिक सुरक्षा पर प्रभाव:
- भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता: संगठित अपराध और धन शोधन भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं, जिससे राजनीतिक अस्थिरता पैदा होती है, जिससे शासन में जनता का विश्वास खत्म होता है।
- उदाहरण: 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में बड़े पैमाने पर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) किया गया, जिसके परिणामस्वरूप राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति उत्पन्न हुई और राजनीतिक व्यवस्था में जनता का विश्वास खत्म हो गया।
- कानून प्रवर्तन को कमज़ोर करना: धन शोधन में शामिल आपराधिक संगठनों के पास अक्सर कानून प्रवर्तन से बचने के लिये पर्याप्त संसाधन होते हैं, जिससे संगठित अपराध को नियंत्रित करना और रोकना मुश्किल हो जाता है।
- उदाहरण: दाऊद इब्राहिम अपराध सिंडिकेट ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को चकमा देकर और विदेशों से अपनी आपराधिक गतिविधियों को जारी रखते हुए, सफलतापूर्वक धन शोधन किया।
- आर्थिक विकृति: धन शोधन संसाधनों को वैध गतिविधियों से अवैध गतिविधियों में परिवर्तित कर अर्थव्यवस्था को विकृत करता है, जिससे आर्थिक विकास और स्थिरता प्रभावित होती है।
आगे की राह:
- वित्तीय विनियमन को सुदृढ़ बनाना: KYC (अपने ग्राहक को जानें) मानदंडों को सख्त बनाना तथा संदिग्ध लेन-देन की रिपोर्ट करना।
- धन शोधनकर्त्ताओं की उभरती हुई रणनीतियों से निपटने के लिये धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) को और अधिक मज़बूत करने की आवश्यकता है।
- कानून प्रवर्तन क्षमता में वृद्धि: कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग करके धन शोधन की संबंधी जाँच तथा मुकदमा चलाने हेतु कानून प्रवर्तन एजेंसियों को प्रशिक्षण एवं उपकरण प्रदान करना।
- कानून प्रवर्तन एजेंसियों के भीतर विशेष इकाइयाँ स्थापित की जा सकती हैं, जो विशेष रूप से धन शोधन गतिविधियों की जाँच पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
- जन जागरूकता अभियान: धन शोधन तकनीकों और संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के तरीके के बारे में जनता को शिक्षित करना।
- जन जागरूकता अभियान नागरिकों को संदिग्ध वित्तीय लेन-देन की पहचान करने और रिपोर्ट करने में मदद कर सकते हैं, जिससे धन शोधन गतिविधियों पर रोक लग सकती है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क को बाधित करने के लिये अन्य देशों के साथ सूचना और खुफिया जानकारी साझा करना।
- वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) जैसे संगठनों में भारत की बढ़ी हुई भागीदारी धन शोधन से निपटने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये महत्त्वपूर्ण है।
निष्कर्ष:
धन शोधन/मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ लड़ाई एक सतत् लड़ाई है, जिसके लिये लगातार विकसित हो रही आपराधिक रणनीति के साथ अनुकूलन की आवश्यकता होती है। भारत की भविष्य की सुरक्षा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने, वित्तीय खुफिया जानकारी के लिये अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठाने और अनौपचारिक चैनलों पर निर्भरता को कम करने के लिये वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता पर निर्भर करती है।