1. शक्ति वह अदृश्य धारा है जो मानवीय अंतर्संबंध के परिदृश्य को आकार देने के क्रम में कुछ पहलुओं को नष्ट करती है एवं अन्य को मज़बूत बनाती है।
2. स्वतंत्रता, उत्तेजना एवं प्रतिक्रिया के बीच का वह स्थान है जो प्रत्येक सचेत विकल्प के साथ विस्तारित एवं संकुचित होता है।
प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।