सद्गुण नैतिकता एवं परिणामवाद के बीच अंतर एवं तुलना पर प्रकाश डालिये। आपके अनुसार सिविल सेवक में मज़बूत नैतिक चरित्र निर्माण हेतु कौन सा दृष्टिकोण सबसे मूल्यवान है? (150 शब्द)
27 Jun, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
हल करने का दृष्टिकोण:
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परिचय:
सद्गुण नैतिकता और परिणामवाद दो प्रमुख नैतिक सिद्धांत हैं। सद्गुण नैतिकता व्यक्ति के चरित्र तथा गुणों पर ध्यान केंद्रित करती है, विशिष्ट कार्यों पर नैतिक चरित्र पर ज़ोर देती है।
दूसरी ओर, परिणामवाद कार्यों की नैतिकता का आकलन उनके परिणामों के आधार पर करता है, जबकि उपयोगितावाद समग्र खुशी या उपयोगिता को अधिकतम करने का प्रयास करता है।
मुख्य बिंदु:
परिणामवाद और सद्गुण नैतिकता के बीच अंतर:
पहलू |
सद्गुण नैतिक |
परिणामवाद |
मुख्य फोकस |
चरित्र और नैतिक गुण |
कार्यों के परिणाम |
प्रमुख प्रश्न |
"एक सद्गुण व्यक्ति क्या करेगा?" |
"कौन-सी कार्रवाई सर्वोत्तम परिणाम प्रदान करेगी?" |
नैतिक आधार |
सद्गुण (जैसे- ईमानदारी, साहस, करुणा) |
कार्यों के परिणाम |
निर्णय लेना |
अर्जित सद्गुणों और व्यावहारिक ज्ञान पर आधारित |
अपेक्षित परिणामों की गणना के आधार पर |
अनुकूलनीयता |
संदर्भ-संवेदनशील, परिस्थितियों के अनुकूल होती है |
सार्वभौमिक सिद्धांत, लेकिन नई जानकारी के लिये अनुकूलनीय |
जवाबदेहिता |
व्यक्ति के चरित्र की पहचान को प्रदर्शित करता है |
कार्यों के परिणामों को दर्शाता है |
कमज़ोरियाँ |
कुछ स्थितियों में स्पष्ट कार्रवाई और मार्गदर्शन का अभाव होता है |
"अच्छे" उद्देश्यों के लिये अनैतिक साधनों को उचित ठहराया जाता है |
सिविल सेवकों के लिये मूल्य:
सद्गुण नैतिकता और परिणामवाद दोनों ही सिविल सेवकों में मज़बूत नैतिक चरित्र के निर्माण के लिये महत्त्वपूर्ण मूल्य प्रदान करते हैं। दोनों तत्त्वों को शामिल करने वाला एक व्यापक दृष्टिकोण सबसे प्रभावी हो सकता है।
निष्कर्ष:
जबकि दोनों दृष्टिकोण महत्त्वपूर्ण हैं, सद्गुण नैतिकता को सिविल सेवकों के लिये थोड़ा अधिक महत्त्वपूर्ण माना जा सकता है क्योंकि यह आधारभूत मूल्यों का निर्माण करता है, जिसके आधार पर सभी निर्णय लिये जाते हैं। एक मज़बूत नैतिक चरित्र वाला सिविल सेवक लगातार अच्छे निर्णय लेने और भ्रष्टाचार का विरोध करने की अधिक संभावना रखता है, यहाँ तक कि उन स्थितियों में भी जहाँ परिणाम अनिश्चित होते है।