जल चक्र से आप क्या समझते हैं? जलीय चक्र के विभिन्न तत्त्व किस प्रकार संबंधित हैं?
27 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलजल चक्र का तात्पर्य पृथ्वी के स्थल मंडल, जल मंडल तथा वायुमंडल के बीच होने वाले जल के चक्रीय प्रवाह से है।जल एक चक्र के रूप में महासागर, से धरातल पर और धरातल से महासागर तक पहुँचता है। इसमें, जल के विभिन्न स्रोतों से जीवों के बीच जल का आदान प्रदान भी शामिल है। निम्न चित्र के माध्यम से जल चक्र को समझा जा सकता है।
जल चक्र में वाष्पीकरण, वाष्पोत्सर्जन, संघनन, वर्षन, अंतःस्पंदन, अपवाह तथा संग्रहण की प्रक्रिया शामिल है। वाष्पीकरण के तहत गर्मी के प्रभाव से धरातल अथवा समुद्र का जल वाष्प बनकर उपर उठता है, वहीं वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया जीवित प्राणियों में होती है। इनसे बनने वाला वाष्प संघनन की क्रिया के द्वारा बादल में परिवर्तित हो जाता हैं, फिर वर्षण की प्रक्रिया के द्वारा बादल के रूप में संगृहीत जल वर्षा की बूंदों तथा हिमपात के रूप में नीचे गिरता है।
पुनः ये जल या तो अंतःस्पंदन की प्रक्रिया द्वारा भूमि के नीचे रिसता हैं अथवा अपवहन की प्रक्रिया द्वारा धरातलीय स्रोतों से बहते हुए बड़ी जल निकायों में संगृहीत होता है। पूनः यह संगृहीत जल वाष्पीकरण की प्रक्रिया द्वारा वायुमंडल मे निर्गमित होता है। इस प्रकार जल चक्र की प्रक्रिया पूरी होती है।