अफ्रीकी देशों के साथ भारत के जुड़ाव के रणनीतिक महत्त्व पर चर्चा कीजिये तथा यह भारत की व्यापक विदेश नीति के उद्देश्यों के साथ किस प्रकार संरेखित है। (150 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- भारत-अफ्रीका संबंध तथा भारत की विदेश नीति के लक्ष्यों के साथ इसके समन्वय पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रस्तुत कीजिये।
- अफ्रीकी देशों के साथ भारत के समन्वय के रणनीतिक महत्त्व पर प्रकाश डालिये। भारत-अफ्रीका संबंधों से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा कीजिये।
- सकारात्मक निष्कर्ष लिखिये।
|
परिचय:
अफ्रीका के साथ भारत का संबंध एक रणनीतिक अनिवार्यता बन गया है। उभरती शक्तियों का मुकाबला करने, संसाधनों को सुरक्षित करने और अपने वैश्विक प्रभाव का विस्तार करने के क्रम में भारत का अफ्रीका के साथ संबंध सुधारित बहुपक्षवाद तथा विकास-केंद्रित कूटनीति के अपने मूल विदेश नीति लक्ष्य के साथ सहज रूप से संरेखित है।
मुख्य भाग:
अफ्रीकी देशों के साथ भारत के संबंध का रणनीतिक महत्त्व:
- चीन के प्रभाव का मुकाबला करना: चीन बड़े पैमाने पर निवेश और बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के माध्यम से अफ्रीका में अपने आर्थिक तथा राजनीतिक प्रभाव का विस्तार कर रहा है।
- भारत ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के साथ प्रतिस्पर्द्धा करते हुए अफ्रीका में विकास परियोजनाएँ शुरू की हैं।
- भारत अफ्रीका के साथ गहन संबंधों को चीन के प्रभुत्व को संतुलित करने तथा बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देने के तरीके के रूप में देखता है।
- संसाधनों तक पहुँच सुनिश्चित करना: अफ्रीका में विश्व का 40% सोना और 90% तक क्रोमियम तथा प्लैटिनम है। विश्व स्तर पर कोबाल्ट, हीरे, प्लैटिनम एवं यूरेनियम के सबसे बड़े भंडार अफ्रीका में हैं।
- भारत और अफ्रीका के बीच खनिज, कच्चे तेल एवं अन्य संसाधनों का व्यापार होता है।
- इनके बीच संबंधों के मज़बूत होने से भारत को इन संसाधनों के विश्वसनीय स्रोतों को सुरक्षित करने एवं अपने आयात बास्केट में विविधता लाने में सहायता मिलेगी।
- उदाहरण: भारत अपने कच्चे तेल का बड़ा हिस्सा नाइजीरिया जैसे अफ्रीकी देशों से आयात करता है।
- व्यापार और निवेश के अवसरों का विस्तार: अफ्रीका भारतीय वस्तुओं तथा सेवाओं के लिये एक विशाल संभावित बाज़ार प्रस्तुत करता है। गहरे संबंध द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा दे सकते हैं, नए निवेश के अवसर पैदा कर सकते हैं एवं वैश्विक स्तर पर भारत की आर्थिक स्थिति को बढ़ा सकते हैं।
- उदाहरण: प्रति तीन वर्ष में आयोजित होने वाला भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन आर्थिक सहयोग पर केंद्रित होता है तथा व्यापार और निवेश के लिये नए मार्ग तलाशता है।
- समुद्री सुरक्षा को मज़बूत करना: हिंद महासागर भारत के लिये एक महत्त्वपूर्ण व्यापार मार्ग है। हिंद महासागर की सीमा से लगे अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग से समुद्री सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है, समुद्री डकैती से निपटा जा सकता है और आतंकवाद के खतरों का मुकाबला किया जा सकता है।
- उदाहरण: भारत कई अफ्रीकी देशों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास (जैसे AFINDEX 2023) करता है और उनके समुद्री सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण तथा सहायता प्रदान करता है।
- वैश्विक नेतृत्व और दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देना: भारत स्वयं को विकासशील देशों की अग्रणी आवाज़ के रूप में स्थापित करना चाहता है।
- अफ्रीका के साथ मज़बूत संबंध वैश्विक शासन के मुद्दों पर भारत की आवाज़ को मज़बूत करेंगे तथा आपसी हित के मामलों पर दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देंगे।
- उदाहरण: भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ (AU) को G20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करना, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में अफ्रीकी देशों के अधिक प्रतिनिधित्व के लिये भारत के प्रयासों को दर्शाता है।
जबकि भारत की अफ्रीका के साथ भागीदारी का रणनीतिक महत्त्व निर्विवाद है, लेकिन इसमें चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कई सैन्य तख्तापलट, अविकसित परिवहन नेटवर्क, अन्य वैश्विक शक्तियों के साथ प्रतिस्पर्द्धा के कारण क्षेत्रीय शक्ति गतिशीलता को नियंत्रित करने जैसे बुनियादी ढाँचे की सीमाएँ व्यापार के सुचारु प्रवाह में बाधा डाल सकती हैं।
निष्कर्ष:
भारत को एक व्यापक और सूक्ष्म दृष्टिकोण अपनाना चाहिये जो उसके आर्थिक तथा रणनीतिक हितों को गैर-हस्तक्षेप, संप्रभुता के सम्मान एवं सतत् विकास के सिद्धांतों के साथ संतुलित करना। क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण व लोगों के बीच संबंधों में अपनी ताकत का लाभ उठाकर, भारत अपनी सॉफ्ट पावर को बढ़ा सकता है और अफ्रीकी देशों के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को गहरा कर सकता है।