नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    रियासी के पुलिस अधीक्षक के रूप में आपको तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादी हमले के बारे में एक दुखद सूचना मिली है। इस हमले में नौ नागरिकों की जान चली गई, जिससे संपूर्ण क्षेत्र में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है, जिसके कारण हालिया वर्षों में कायम सापेक्षिक शांति भंग हो गई है।

    इस समय क्षेत्र में होने वाले हमलों के कारण लोगों में अशांति उत्पन्न हो गई है, क्योंकि यह क्षेत्र आगामी विधानसभा चुनावों के लिये तैयार है। अब आप स्वयं को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ पर पाते हैं, जहाँ आपको तत्काल राहत उपायों और आतंकवादी गतिविधियों के इस पुनरुत्थान को संबोधित करने के लिये एक व्यापक रणनीति तैयार करने का कार्य सौंपा गया है, साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखना तथा नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी आपका कर्त्तव्य है।

    हालाँकि राजनीतिक तनाव भी बहुत अधिक है और आपकी प्रतिक्रिया में कोई भी चूक संपूर्ण केंद्रशासित प्रदेश के लिये दूरगामी परिणाम उत्पन्न कर सकती है।

    1. इस मामले में कौन-कौन से मुख्य हितधारक शामिल हैं?
    2. पुलिस अधीक्षक के तौर पर आपकी तात्कालिक कार्रवाई क्या होगी?
    3. आतंकवादी गतिविधियों के पुनः उभरने से निपटने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिये आपकी दीर्घकालिक रणनीति क्या होगी?
    14 Jun, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    परिचय:

    रियासी में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर आतंकवादी हमले में कई नागरिकों की मौत हो गई है, जिससे क्षेत्र में शांति का माहौल उत्पन्न हो गया है। हमले का समय महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह विधानसभा चुनावों से ठीक पहले हुआ है, जिससे पहले से ही उच्च राजनीतिक तनाव और भी बढ़ गया है।

    पुलिस अधीक्षक के रूप में, आपका अत्यावश्यक कार्य पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करना, आतंकवादी गतिविधियों के पुनरुत्थान का सामना करने के लिये एक व्यापक रणनीति तैयार करना, कानून व्यवस्था बनाए रखना तथा नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

    मुख्य भाग:

    1.इस मामले में प्रमुख हितधारक कौन-कौन से हैं?

    हितधारक

    भूमिका/हित

    पुलिस अधीक्षक

    कानून प्रवर्तन, तत्काल राहत उपायों तथा नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिये रणनीति तैयार करने के लिये उत्तरदायी।

    स्थानीय पुलिस बल

    जाँच में सहायता करना, सुरक्षा प्रदान करना तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना।

    केंद्र सरकार

    सुरक्षा स्थिति की निगरानी करना, सहायता और संसाधन उपलब्ध कराना तथा केंद्रशासित प्रदेश की स्थिरता सुनिश्चित करना।

    राज्य सरकार

    केंद्रीय प्राधिकारियों के साथ सहयोग करना, स्थानीय प्रशासनिक प्रतिक्रिया का प्रबंधन करना तथा प्रभावित नागरिकों का कल्याण सुनिश्चित करना।

    खुफिया एजेंसियाँ

    आतंकवादी गतिविधियों और संभावित खतरों से संबंधित जानकारी एकत्र करना तथा उसका विश्लेषण करना।

    सैन्य/अर्द्धसैन्य बल

    आतंकवाद-रोधी अभियानों में अतिरिक्त सुरक्षा और सहायता प्रदान करना।

    निर्वाचन आयोग

    यह सुनिश्चित करना कि आगामी विधानसभा चुनाव बढ़ी हुई सुरक्षा चिंताओं के बावजूद सुरक्षित ढंग से संपन्न हों।

    तीर्थयात्री और पर्यटक

    हमले के प्राथमिक पीड़ितों को तत्काल सहायता और सुरक्षा की आवश्यकता है।

    स्थानीय समुदाय

    उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा भय को रोकने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिये उनकी चिंताओं का समाधान करना।

    मीडिया

    घटना की रिपोर्टिंग करना, जनता को सटीक जानकारी उपलब्ध कराना तथा सनसनी खबर फैलाने से बचना, जिससे तनाव और बढ़ सकता है।

    स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ

    घायलों को चिकित्सा सहायता तथा प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करना।

    धार्मिक नेतृत्वकर्त्ता

    शांति और एकता को बढ़ावा देना तथा हमले के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाले किसी भी संभावित सांप्रदायिक तनाव को शांत करने में मदद करना।

    परिवहन प्राधिकरण

    सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा सुनिश्चित करना और परिवहन सेवाओं पर हमले के प्रभाव का प्रबंधन करना।

    2.पुलिस अधीक्षक के रूप में आपकी तत्काल कार्यवाही क्या होगी?

    • त्वरित प्रतिक्रिया और बचाव:
      • स्थानीय पुलिस इकाइयों, चिकित्सा टीमों और अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों सहित सभी उपलब्ध संसाधनों को जुटाना।
        • घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिये चिकित्सा सुविधाओं के साथ समन्वय करना।
      • हमले के स्थान को सुरक्षित करना और किसी भी जीवित बचे व्यक्ति या सुरक्षित व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
      • मृतकों की पहचान करने और उनके परिवारों को सूचित करने के लिये स्थानीय लोगों, फोरेंसिक टीमों तथा गैर सरकारी संगठनों के साथ काम करना। शोक संतप्त परिवारों को सहायता एवं संसाधन प्रदान करना।
        • मृतक को अत्यंत गरिमा और सम्मान के साथ ले जाने की सुविधा प्रदान करना।
    • जाँच और खुफिया जानकारी जुटाना:
      • हमले की गहन जाँच प्रारंभ करने के लिये एक समर्पित टीम को सक्रिय करना।
      • अपराध स्थल से सभी उपलब्ध साक्ष्य एकत्र करना और उन्हें सुरक्षित रखना।
      • खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर अपराधियों और उनके संभावित उद्देश्यों के बारे में जानकारी जुटाना।
      • अपराधियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने में मदद करने वाले किसी भी उपलब्ध सुराग का विश्लेषण करना।
      • अपराधियों की पहचान हेतु चित्र बनाने और उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करने के लिये स्केच कलाकारों को बुलाना।
    • सुरक्षा सुदृढ़ीकरण और आतंकवाद विरोधी उपाय:
      • आस-पास के क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को बढ़ाना, विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में और पूजा स्थलों या तीर्थ स्थलों के नज़दीक।
        • अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात करना और कड़ी निगरानी के साथ-साथ गश्त करना।
      • आतंकवाद विरोधी व्यापक तत्काल रणनीति तैयार करने के लिये सेना तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय करना।
    • सार्वजनिक संचार और विश्वास-निर्माण:
      • उचित मीडिया चैनलों के माध्यम से जनता को संबोधित करना, हमले की निंदा करना और पीड़ितों तथा उनके परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करना।
      • पारदर्शिता बनाए रखने के लिये लोगों के विश्वास को सुनिश्चित करने हेतु चल रही जाँच पर नियमित अपडेट प्रदान करना।
      • एकता को बढ़ावा देने और विभाजनकारी आख्यानों को हतोत्साहित करने के लिये सामुदायिक नेताओं, धार्मिक प्राधिकरणों एवं प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ जुड़ना।
    • राजनीतिक अधिकारियों के साथ समन्वय:
      • ज़िला प्रशासन, उपराज्यपाल कार्यालय और अन्य प्रासंगिक राजनीतिक अधिकारियों के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखना।
      • सुरक्षा स्थिति पर नियमित ब्रीफिंग प्रदान करना और आवश्यक सहायता या संसाधन प्राप्त करना।
      • आगामी विधानसभा चुनावों के लिये आकस्मिक योजनाएँ विकसित करना, उम्मीदवारों, मतदान केंद्रों और मतदान प्रक्रिया की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • बाहरी एजेंसियों और अधिकार क्षेत्रों के साथ संपर्क:
      • खुफिया जानकारी साझा करने और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों में समन्वय स्थापित करने के लिये केंद्रीय एजेंसियों तथा अन्य राज्य एजेंसियों के साथ सहयोग करना।
      • यदि आवश्यक हो तो उन्नत फोरेंसिक विश्लेषण या जाँच सहायता के लिये विशेष इकाइयों या एजेंसियों से सहायता लेना।
    • घटना के बाद समीक्षा और क्षमता निर्माण:
      • प्रतिक्रिया में किसी भी कमी या सुधार क्षेत्रों की पहचान करने के लिये घटना के बाद गहन समीक्षा करना।
      • तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने के लिये आवश्यक सुधार या क्षमता निर्माण उपायों को लागू करना।
      • ऐसी स्थितियों से निपटने में पुलिस बल के कौशल और लचीलेपन को मज़बूत करने के लिये प्रशिक्षण एवं संसाधन प्रदान करना।

    3. आतंकवादी गतिविधियों के पुनरुत्थान से निपटने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिये आपकी दीर्घकालिक रणनीति क्या होगी?

    • शिक्षा एवं सामाजिक उत्थान के माध्यम से कट्टरपंथ का सामना करना:
      • शिक्षा प्रणाली में सुधार: स्थानीय विद्यालयों के साथ सहयोग करके स्कूली पाठ्यक्रम में आलोचनात्मक सोच और मीडिया साक्षरता को शामिल करना ताकि युवाओं को सूचना का विश्लेषण करने तथा चरमपंथी आख्यानों की पहचान करने के लिये उपकरण प्रदान किये जा सकें।
      • युवा विकास कार्यक्रम: ज़िला प्रशासन की सहायता से युवाओं के लिये रोज़गार और कौशल विकास के अवसर उत्पन्न करना, गरीबी तथा निराशा को दूर करना जिसका चरमपंथी समूहों द्वारा शोषण किया जा सकता है।
      • सोशल मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देना: ऑनलाइन व्यवहार और चरमपंथियों की पहचान करने पर शैक्षिक अभियान विकसित करने के लिये गैर सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी करना।
    • समुदाय-आधारित खुफिया जानकारी एकत्रित करना:
      • समुदायों को सशक्त बनाना: विश्वास स्थापित करके और संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिये प्रोत्साहन प्रदान कर सामुदायिक मुखबिरों का एक नेटवर्क विकसित करना।
      • शिकायत निवारण पर ध्यान केंद्रित करना: स्थानीय चिंताओं को दूर करने और आतंकवादी समूहों द्वारा उनका शोषण किये जाने से रोकने के लिये एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना।
      • महिला सशक्तीकरण: महिलाओं को सामुदायिक पुलिसिंग पहलों में शामिल करने के लिये एक मंच प्रदान करके शांति अभिकर्त्ता के रूप में सशक्त बनाना।
    • कट्टरपंथ से मुक्ति और पुनर्वास कार्यक्रम:
      • कट्टरपंथ से मुक्ति कार्यक्रम विकसित करना: स्थानीय निम्न-स्तरीय अपराधियों के लिये पुनर्वास कार्यक्रम प्रस्तुत करना, जिसमें वैचारिक विघटन और समाज में पुनः एकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया हो।
      • प्रति-कथा अभियान (Counter-Narratives Campaign): एक मज़बूत प्रति-कथा अभियान विकसित करना जो शांति, सहिष्णुता और रियासी की विविध संस्कृति के सकारात्मक पहलुओं को बढ़ावा देती हो।
    • आतंकवाद निरोध के लिये प्रौद्योगिकी और नवाचार:
      • साइबर सुरक्षा में निवेश करना: ऑनलाइन गतिविधि की निगरानी करने और संभावित खतरों को बढ़ने से पहले पहचानने के लिये स्थानीय पुलिस की साइबर सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाना।
      • बिग डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करना: पैटर्न की पहचान करने और संभावित हमलों की भविष्यवाणी करने के लिये सोशल मीडिया तथा वित्तीय लेन-देन जैसे विभिन्न स्रोतों से डेटा का विश्लेषण करना।
      • डी-रेडिकलाइज़ेशन एआई उपकरण विकसित करना: ऑनलाइन चरमपंथी प्रचार को अधिक प्रभावी ढंग से पहचानने और उसका सामना करने के लिये एआई-संचालित उपकरणों का उपयोग करने की क्षमता का पता लगाना।
    • क्षेत्रीय सहयोग और सूचना साझाकरण:
      • सीमा सुरक्षा को मज़बूत करना: सीमा सुरक्षा को मज़बूत करने और आतंकवादियों तथा हथियारों की सीमा पार आवाजाही को रोकने के लिये पड़ोसी राज्यों एवं केंद्र सरकार के साथ काम करना।
      • संयुक्त आतंकवाद निरोधी कार्य बल: खुफिया जानकारी साझा करने, संचालन का समन्वय करने और आतंकवादी नेटवर्क को समाप्त करने के लिये पड़ोसी राज्यों के साथ एक संयुक्त आतंकवाद निरोधी कार्य बल की स्थापना करना।

    निष्कर्ष:

    आतंकवादी गतिविधियों के पुनः उभरने से निपटने एवं क्षेत्र (विशेष रूप से रियासी में) में शांति बनाए रखने के लिये एक अटूट प्रतिबद्धता एवं बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाना अनिवार्य है, इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकारों के लिये एक गंभीर खतरा मानते हुए आतंकवाद के किसी भी रूप की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिये साथ ही अपराधियों को कानून के दायरे में रखकर हमारी प्रतिक्रिया में न्याय, मानवाधिकार और कानून के शासन के सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिये।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2