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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    लोक सेवकों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग से संबंधित नैतिक चिंताओं का विश्लेषण कीजिये। लोक सेवा मूल्यों के आधार पर नैतिक आचरण हेतु दिशा-निर्देश प्रस्तुत कीजिये। (150 शब्द)

    13 Jun, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • सोशल मीडिया के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रस्तुत कीजिये।
    • लोक सेवकों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग से जुड़ी नैतिक चिंताओं को बताइये।
    • नैतिक आचरण के लिये उचित दिशा-निर्देश प्रस्तावित कीजिये।
    • उचित निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय :

    सोशल मीडिया ने संचार में क्रांति ला दी है, जिससे लोक सेवकों को नागरिकों से जुड़ने, पारदर्शिता को बढ़ावा देने और विश्वास बनाने के अभूतपूर्व अवसर प्राप्त हुए हैं। हालाँकि यह शक्तिशाली उपकरण दोधारी तलवार के सामान है।

    • इसका दुरुपयोग जनता के विश्वास को कम कर सकता है, संवेदनशील जानकारी से समझौता कर सकता है और सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकता है।

    मुख्य भाग :

    लोक सेवकों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग से जुड़ी नैतिक चिंताएँ:

    • गोपनीयता और निजता: लोक सेवकों के पास संवेदनशील जानकारी तक पहुँच होती है और वे गोपनीयता दायित्वों से बँधे होते हैं।
      • सोशल मीडिया पर भूलवश निजी जानकारी साझा करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
      • उदाहरण: एक आईएएस अधिकारी ने पदनाम की आधिकारिक घोषणा से पहले ही अपने आधिकारिक वाहन के साथ इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया।
    • हितों का टकराव: तरजीही उपचार चाहने वाली कंपनियों या व्यक्तियों के साथ सोशल मीडिया पर चर्चा पक्षपात की धारणा उत्पन्न कर सकती है।
      • उदाहरण: एक नगर परिषद सदस्य किसी निर्माण कंपनी को अनुबंध देने से पहले सोशल मीडिया पर उसका समर्थन करता है।
    • गलत सूचना और पक्षपात: लोक सेवकों को विवादास्पद विषयों पर तटस्थता बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है, जिससे संभावित रूप से जनता की राय प्रभावित हो सकती है।
      • उदाहरण: एक पुलिस अधिकारी किसी अपराध के बारे में एक असत्यापित समाचार लेख साझा करता है, जिससे जनता में आक्रोश फैल जाता है।
    • प्रतिष्ठा जोखिम: अनुचित व्यक्तिगत पोस्ट या ऑनलाइन व्यवहार सरकार की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुँचा सकता है।
      • उदाहरण: एक राजनयिक की आपत्तिजनक सोशल मीडिया टिप्पणियाँ (जैसे भारत के प्रधानमंत्री के सोशल मीडिया पोस्ट पर मालदीव के राजनेता की हालिया टिप्पणियाँ), एक कूटनीतिक संकट को उत्पन्न करती हैं।
    • सार्वजनिक विश्वास का क्षरण: व्यक्तिगत जीवन या पक्षपातपूर्ण पोस्ट पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित करने से लोक सेवकों की व्यावसायिकता में जनता का विश्वास कम हो सकता है।
      • उदाहरण: एक सरकारी अधिकारी व्यक्तियों से जुड़ने की तुलना में सेल्फी और भव्य एंट्री वीडियो पोस्ट करने में अधिक समय व्यतीत करता है।
    • सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग: सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग केवल आधिकारिक उद्देश्यों के लिये किया जाना चाहिये, न कि व्यक्तिगत लाभ के लिये।
      • कार्य समय के दौरान या सरकारी उपकरणों पर सोशल मीडिया का उपयोग संसाधनों का दुरुपयोग माना जा सकता है।
      • उदाहरण: एक सरकारी कर्मचारी अपने सरकारी वाहनों या कार्यालय परिसर का उपयोग रील बनाने के लिये करता है।

    नैतिक आचरण के लिये प्रस्तावित दिशा-निर्देश:

    • मज़बूत सोशल मीडिया प्रशिक्षण लागू करना: सभी लोक सेवकों के लिये सोशल मीडिया के उचित उपयोग पर व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करना।
      • प्रशिक्षण को अनिवार्य बनाना और सोशल मीडिया के उभरते रुझानों एवं सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ तालमेल बनाए रखने हेतु समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स की आवश्यकता।
    • स्पष्ट सोशल मीडिया नीति: उत्तर प्रदेश पुलिस की हालिया सोशल मीडिया नीति की तरह एक व्यापक सोशल मीडिया नीति विकसित करना और उसे लागू करना, जो लोक सेवकों के लिये अपेक्षाओं, ज़िम्मेदारियों एवं सीमाओं को रेखांकित करती है।
      • नीति की समझ और अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु प्रशिक्षण तथा जागरूकता कार्यक्रम प्रदान करना।
    • व्यक्तिगत और व्यावसायिक खातों को अलग करना: लोक सेवकों को अलग-अलग व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक सोशल मीडिया खाते बनाए रखने के लिये प्रोत्साहित करना।
      • व्यक्तिगत खातों को स्पष्ट रूप से पहचाना जाना चाहिये और उनका उपयोग आधिकारिक उद्देश्यों के लिये नहीं किया जाना चाहिये।
      • आधिकारिक संसाधनों का ज़िम्मेदार उपयोग: डिवाइस, ईमेल खातों और सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म सहित आधिकारिक संसाधनों के स्वीकार्य उपयोग को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना।
      • संसाधनों के दुरुपयोग की निगरानी तथा रिपोर्टिंग के लिये तंत्र स्थापित करना।
    • पेशेवर आचरण और जवाबदेही: सोशल मीडिया पर पेशेवर आचरण के उच्च मानक को बनाए रखने के महत्त्व पर ज़ोर देना।
      • अनुचित पोस्ट या व्यवहार जैसे आचरण के उल्लंघन के लिये अनुशासनात्मक उपायों को लागू करना।

    निष्कर्ष:

    व्यापक दिशा-निर्देशों को लागू करने और नैतिक सोशल मीडिया उपयोग की संस्कृति को बढ़ावा देने से, लोक सेवक सत्यनिष्ठा, जवाबदेही तथा सार्वजनिक सेवा मूल्यों के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए सोशल मीडिया का लाभ उठा सकते हैं।

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