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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    चंद्रपुर में स्थानीय प्रशासन को दुविधा का सामना करना पड़ा क्योंकि शिवाजी स्टेडियम, जो कि स्थानीय खेलों के लिये एक लोकप्रिय स्थान है लेकिन खराब होता जा रहा है, ढहने के कगार पर था। साथ ही शहरी अर्थव्यवस्था कोयला खदानों के बंद होने से पीड़ित थी, जिससे बेरोज़गारी बढ़ रही थी और पलायन की समस्या आ रही थी। संयोगवश दो प्रस्ताव ज़िला कलेक्टर की मेज पर आ गए। जिसमें से एक प्रस्ताव में एक कंपनी ने स्टेडियम की ज़मीन पर एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण करने की पेशकश की, जिसमें हज़ारों लोगों को रोज़गार देने का वादा किया गया, जबकि दूसरी ओर भारतीय खेल प्राधिकरण ने स्थानीय खेल संस्कृति को संरक्षित करने तथा संभावित रूप से राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के लिये स्टेडियम को एक बहु-खेल प्रशिक्षण अकादमी में परिवर्तित करने का प्रस्ताव रखा।

    दोनों प्रस्तावों में स्टेडियम की संपूर्ण ज़मीन की आवश्यकता थी, जिससे टाउन हॉल मीटिंग में तनावपूर्ण चर्चा छिड़ गई। पूर्व एथलीट, बेरोज़गार खनिक और युवा खेल उत्साही आर्थिक स्थिरता तथा अपनी खेल विरासत को संरक्षित करने के बीच उलझे हुए थे। ज़िला कलेक्टर के तौर पर आपको इस स्थिति से निपटना होगा।

    शिवाजी स्टेडियम के भविष्य के लिये निर्णय लेने की प्रक्रिया में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?

    चंद्रपुर पर दोनों निर्णयों (टेक पार्क और खेल परिसर) के संभावित सामाजिक-आर्थिक प्रभावों पर चर्चा कीजिये।

    चंद्रपुर के लिये सतत् दीर्घकालिक विकास और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिये ज़िला कलेक्टर कौन-सी रणनीति अपना सकते हैं?

    07 Jun, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    परिचय:

    चंद्रपुर को दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है: एक खेल स्टेडियम की हालत खराब होना और दूसरा खदानों के बंद होने से आर्थिक संकट। स्टेडियम एक स्थानीय धरोहर है, जो शहर की खेल संस्कृति का प्रतीक है। वहीं खदानों के बंद होने से बेरोज़गारी और पलायन बढ़ने से शहर का सामाजिक ताना-बाना खतरे में पड़ गया है।

    ज़िला कलेक्टर के सामने दो परस्पर अनन्य प्रस्ताव हैं: एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स (आर्थिक पुनरुद्धार) तथा एक खेल अकादमी (सांस्कृतिक संरक्षण)।

    नैतिक दुविधा:

    • आर्थिक विकास बनाम सांस्कृतिक संरक्षण: क्या किसी समुदाय की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने की तुलना में रोज़गार सृजन को प्राथमिकता देना नैतिक है?
    • अल्पकालिक लाभ बनाम दीर्घकालिक लाभ: क्या तात्कालिक आर्थिक राहत स्थानीय प्रतिभा एवं गौरव को पोषित करने के दीर्घकालिक लाभों से अधिक होगी?
    • सार्वजनिक हित बनाम व्यक्तिगत लाभ: क्या सार्वजनिक भूमि (स्टेडियम) का उपयोग निजी वाणिज्यिक लाभ के लिये करना सही है, भले ही इससे रोज़गार उत्पन्न हो?
    • समानता और पहुँच: क्या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स सभी को लाभान्वित करेगा, या मुख्य रूप से संपन्न लोगों को? इसी तरह से क्या खेल अकादमी सभी के लिये सुलभ होगी या कुछ प्रतिभाशाली लोगों को लाभ पहुँचाएगी?

    1. शिवाजी स्टेडियम के भविष्य के लिये निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल हितधारक:

    हितधारक

    हित और चिंताएँ

    ज़िला कलेक्टर

    सांस्कृतिक और सामाजिक आवश्यकताओं के साथ आर्थिक विकास को संतुलित करना।

    कंपनी (शॉपिंग कॉम्प्लेक्स)

    नए शॉपिंग कॉम्प्लेक्स से आर्थिक विकास, रोज़गार सृजन और लाभप्रदता को सुनिश्चित करना।

    भारतीय खेल प्राधिकरण

    खेल संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के साथ प्रशिक्षण सुविधाएँ उपलब्ध कराना।

    पूर्व एथलीट

    खेलों के लिये स्टेडियम का रखरखाव, विरासत को संरक्षित करना तथा प्रशिक्षण सुविधाएँ प्रदान करना।

    बेरोज़गार खनिक

    नौकरी के अवसर और आर्थिक स्थिरता की तलाश करना।

    युवा खिलाड़ी

    खेल सुविधाओं एवं खेल विकास के अवसरों तक पहुँच होना।

    स्थानीय व्यवसाय

    शॉपिंग कॉम्प्लेक्स या खेल अकादमियों से व्यवसाय एवं आय में संभावित वृद्धि होना।

    निर्माण श्रमिक/संघ

    किसी भी निर्माण परियोजना से संबंधित रोज़गार के अवसर सृजित होना।

    निवासी

    सामान्य सामुदायिक कल्याण के साथ संभावित रोज़गार के अवसर एवं स्थानीय विरासत को संरक्षित करना।

    मीडिया

    विकास, जनमत एवं सार्वजनिक धारणा की रिपोर्टिंग करना।


    2. चंद्रपुर के संबंध में दोनों निर्णयों (टेक पार्क और खेल परिसर) के संभावित सामाजिक-आर्थिक प्रभाव:

    शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के संभावित प्रभाव:

    • सामाजिक-आर्थिक लाभ:
      • रोज़गार सृजन: इससे बेरोज़गारी कम होने के साथ पलायन में कमी आ सकती है।
      • आर्थिक प्रोत्साहन: व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि से निवेश आकर्षित हो सकता है।
      • शहरी विकास: एक आधुनिक परिसर से शहर के बुनियादी ढाँचे एवं आकर्षण में वृद्धि हो सकती है।
    • सामाजिक-आर्थिक नुकसान:
      • सांस्कृतिक पहचान का संकट: स्टेडियम को ध्वस्त करने से स्थानीय गौरव एवं एकता का क्षरण होगा।
      • असमान लाभ: इसमें नौकरियाँ कम वेतन वाली हो सकती हैं और इसके मुनाफे से स्थानीय लोगों को कोई खास लाभ नहीं हो सकता है।
      • दीर्घकालिक स्थिरता: यदि परिसर विफल हो जाता है, तो इससे एक बड़ा आर्थिक अंतराल विकसित हो सकता है।

    खेल अकादमी के संभावित प्रभाव:

    • सामाजिक-आर्थिक लाभ:
      • सांस्कृतिक संरक्षण: इससे स्थानीय खेल विरासत एवं सामुदायिक गौरव की रक्षा होगी।
      • प्रतिभा विकास: इससे राष्ट्रीय स्तर के एथलीट तैयार होने के साथ क्षेत्र को नई पहचान मिल सकती है।
      • स्वास्थ्य और सामाजिक सामंजस्य: खेल शारीरिक स्वास्थ्य, अनुशासन एवं सामुदायिक बंधन को बढ़ावा देते हैं।
      • अप्रत्यक्ष आर्थिक लाभ: एक सफल अकादमी खेल पर्यटन संबंधित व्यवसायों को आकर्षित कर सकता है।
    • सामाजिक-आर्थिक नुकसान:
      • सीमित प्रत्यक्ष नौकरियाँ: इससे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जितनी नौकरियाँ सृजित नहीं हो सकती हैं।
      • आर्थिक प्रभाव में विलंब: खेल पर्यटन और एथलीट की सफलता जैसे लाभ दीर्घकालिक तथा अनिश्चित होते हैं।
      • वित्तपोषण संबंधी चुनौतियाँ: उच्च गुणवत्ता वाली अकादमी को बनाए रखने के लिये निरंतर वित्तपोषण की आवश्यकता होती है, जिससे स्थानीय संसाधनों पर दबाव पड़ सकता है।

    यह देखते हुए कि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को विरासत से समझौता किये बिना कहीं और बनाया जा सकता है, जबकि स्टेडियम के स्थान का महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक मूल्य होता है, नैतिक तथा व्यावहारिक दृष्टिकोण से स्टेडियम को संरक्षित करना एवं खेल अकादमी का समर्थन करना आवश्यक हो जाता है।


    3. चंद्रपुर के लिये सतत् दीर्घकालिक विकास एवं समृद्धि सुनिश्चित करने के लिये ज़िला कलेक्टर के रूप में अपनाई जाने वाली रणनीतियाँ:

    • ग्रीन एनर्जी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स: स्टेडियम को कार्बन-न्यूट्रल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बदलने के क्रम में इसकी छत पर सौर पैनल एवं पवन टर्बाइन को लगाया जाए।
      • इस पर्यावरण-पहल से हरित-ऊर्जा निवेश के साथ पर्यावरण-पर्यटन आकर्षित हो सकता है, जिससे चंद्रपुर को सतत् विकास में अग्रणी स्थान मिल सकता है।
    • नए उद्योगों को प्रोत्साहित करना: कोयला खनन पर निर्भरता कम करने के लिये नए उद्योगों को आकर्षित करना।
      • इस क्रम में विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, पर्यटन और कृषि-आधारित उद्योगों जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना।
    • चंद्रपुर स्पोर्ट्स मेडिसिन एंड वेलनेस वैली: स्पोर्ट्स एकेडमी का लाभ उठाकर स्पोर्ट्स मेडिसिन क्लीनिक, फिजियोथेरेपी सेंटर और वेलनेस सेंटर को आकर्षित करना।
      • इससे स्वास्थ्य सेवा से संबंधित रोज़गार सृजित होने के साथ मेडिकल पर्यटन को आकर्षित किया जा सकता है तथा चंद्रपुर को एक समग्र स्वास्थ्य गंतव्य के रूप में स्थापित किया जा सकता है, जिससे एथलीटों एवं आम जनता दोनों को लाभ होगा।
    • वर्चुअल माइन हेरिटेज पार्क: चंद्रपुर के खनन इतिहास को प्रदर्शित करने वाले एक पुराने खदान को वर्चुअल संग्रहालय में बदलने के लिये VR/AR तकनीक का उपयोग करना।
      • इससे पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ पूर्व खनिकों को गाइड के रूप में नौकरी मिल सकती है तथा औद्योगिक विरासत को संरक्षित किया जा सकता है।
    • खेल-तकनीक के बीच संतुलन: स्टेडियम के आस-पास "खेल-तकनीक हब" स्थापित करने के लिये तकनीकी कंपनियों के साथ सहयोग करना।
      • यह हब खेल-संबंधी तकनीक (पहनने योग्य उपकरण, एनालिटिक्स, वर्चुअल प्रशिक्षण) पर ध्यान केंद्रित करने एवं स्टार्टअप को आकर्षित करने के साथ खेल अकादमी को बढ़ावा देते हुए उच्च-कुशल रोज़गार सृजित करेगा।

    निष्कर्ष:

    स्थानीय प्रतिभा को बढ़ावा देने, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और संभावित दीर्घकालिक लाभों को देखते हुए, शिवाजी स्टेडियम को बहु-खेल प्रशिक्षण अकादमी में बदलना बेहतर विकल्प है। चंद्रपुर की समृद्ध खेल विरासत का त्याग किये बिना वैकल्पिक तरीकों से आर्थिक स्थिरता हासिल की जा सकती है।

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