प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    वितरणात्मक न्याय और प्रक्रियात्मक न्याय के बीच अंतर बताइये। न्यायपूर्ण समाज सुनिश्चित करने के लिये समानता के सिद्धांतों को कानूनी और सामाजिक ढाँचों में कैसे शामिल किया जा सकता है? (150 शब्द)

    06 Jun, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • वितरणात्मक न्याय और प्रक्रियात्मक न्याय के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए उत्तर लिखिये।
    • वितरणात्मक न्याय और प्रक्रियात्मक न्याय के बीच अंतर बताइये।
    • कानूनी और सामाजिक ढाँचे में समानता को शामिल करने के तरीके सुझाइये।
    • तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिये दो मौलिक अवधारणाएँ उभर कर सामने आती हैं: वितरणात्मक न्याय, जो सामाजिक लाभों और भारों के निष्पक्ष आवंटन से संबंधित है तथा प्रक्रियात्मक न्याय जो निर्णय लेने की प्रक्रियाओं की निष्पक्षता पर केंद्रित है।

    जैसे-जैसे असमानता, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी व्यवधान जैसी वैश्विक चुनौतियाँ तीव्र होती जा रही हैं, वितरणात्मक न्याय, प्रक्रियात्मक न्याय तथा समानता में सामंजस्य स्थापित करना न केवल एक दार्शनिक आदर्श बन गया है, बल्कि सामाजिक स्थिरता एवं मानव गरिमा के लिये एक व्यावहारिक आवश्यकता बन गया है।

    मुख्य भाग:

    वितरणात्मक न्याय और प्रक्रियात्मक न्याय के बीच अंतर:

    पहलू

    वितरात्मक न्याय

    प्रक्रियात्मक न्याय

    मुख्य प्रश्न

    "किसको क्या मिलेगा और क्या यह उचित है?"

    "क्या निर्णय लेने की प्रक्रिया निष्पक्ष है?"

    केंद्र

    वितरण के परिणाम

    निर्णय लेने की प्रक्रिया

    मुख्य चिंता

    आवंटन की निष्पक्षता

    प्रक्रियाओं की निष्पक्षता

    महत्त्वपूर्ण तत्त्व 

    समता, समानता, योग्यता, आवश्यकता

    आवाज, तटस्थता, सम्मान, विश्वास

    ऐतिहासिक विकास

    सामाजिक न्याय के सिद्धांतों में निहित

    प्राकृतिक न्याय के कानूनी सिद्धांतों से विकसित

    सिद्धांत

    समतावाद, योग्यतावाद, आवश्यकता-आधारित, सामाजिक अनुबंध

    उचित प्रक्रिया, पारदर्शिता, निष्पक्षता

    कानूनी उदाहरण

    प्रगतिशील कराधान

    निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार

    सामाजिक उदाहरण

    सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा, कल्याण कार्यक्रम

    सार्वजनिक परामर्श, पारदर्शी नियुक्ति

    आलोचना

    प्रक्रिया के महत्त्व को नज़रअंदाज़ किया जा सकता है

    अनुचित परिणामों को भी उचित बना सकते हैं

    कानूनी और सामाजिक ढाँचे में समानता को शामिल करना:

    • समता प्रभावी आकलन: वंचित समुदायों पर उनके संभावित प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिये नई नीतियों, कार्यक्रमों और पहलों के लिये समता प्रभावी आकलन को लागू करना।
    • इन आकलनों का उपयोग करके सूचित निर्णय लेना, संसाधन आवंटन और सेवा वितरण में समानता को प्राथमिकता देना।
    • डेटा संग्रहण और विश्लेषण: असमानताओं की पहचान करने और प्रगति को मापने के लिये नस्ल, जातीयता, लैंगिक, सामाजिक-आर्थिक स्थिति तथा अन्य प्रासंगिक कारकों के आधार पर अलग-अलग डेटा एकत्र करना।
    • रुझानों को समझने, अंतराल की पहचान करने और साक्ष्य-आधारित नीति निर्धारण को सूचित करने के लिये नियमित रूप से डेटा का विश्लेषण करना।
    • समावेशी नियुक्ति और पदोन्नति प्रथाएँ: ऐसी नीतियों और प्रथाओं का क्रियान्वयन करना, जो संगठनों के भीतर विविधता, समानता तथा समावेशन को बढ़ावा देती हों, जिसमें न्यायसंगत नियुक्ति प्रक्रियाएँ, निष्पक्ष पदोन्नति मानदंड एवं व्यावसायिक विकास के अवसर शामिल हों।
    • सेवाओं और संसाधनों तक समान पहुँच: सभी व्यक्तियों के लिये स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आवास तथा रोज़गार के अवसर जैसी आवश्यक सेवाओं तक समान पहुँच सुनिश्चित करना।
    • न्याय और कानून प्रवर्तन में समानता: नस्लीय भेदभाव को संबोधित करने, कारावास (Incarceration) के विकल्पों को बढ़ावा देने तथा पुनर्स्थापनात्मक न्याय दृष्टिकोण का समर्थन करने जैसे सुधारों के माध्यम से आपराधिक न्याय प्रणाली में निष्पक्षता को बढ़ावा देना।

    निष्कर्ष:

    न्यायपूर्ण समाज की ओर यात्रा जटिल है, जिसके लिये वितरणात्मक और प्रक्रियात्मक न्याय के बीच एक कमज़ोर संतुलन की आवश्यकता होती है, जो समानता के सिद्धांतों से जुड़ा हो। इस संतुलन के लिये प्रयास करके हम एक ऐसी दुनिया का निर्माण कर सकते हैं जहाँ निष्पक्षता को न केवल इस बात से मापा जाता है कि हम क्या आवंटित करते हैं, बल्कि इस बात से भी मापा जाता है कि हम कैसे निर्णय लेते हैं और क्या हम सबसे कमज़ोर लोगों का उत्थान करते हैं। यह सच्चे न्याय का सार है ताकि एक ऐसा समाज का निर्माण हो जहाँ प्रत्येक व्यक्ति को उचित अवसर मिले।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2