उपयोगितावाद और कर्त्तव्यवाद के नैतिक सिद्धांतों पर चर्चा कीजिये। निर्णय लेने के अपने दृष्टिकोण में ये सिद्धांत किस प्रकार भिन्न हैं? (150 शब्द)
06 Jun, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
हल करने का दृष्टिकोण:
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परिचय:
नैतिक दर्शन में उचित और अनुचित का निर्धारण करने की खोज ने विभिन्न नैतिक ढाँचों के विकास को जन्म दिया है।
मुख्य भाग:
उपयोगितावाद और कर्त्तव्यवाद के नैतिक सिद्धांत:
दोनों के दृष्टिकोणों में मुख्य अंतर:
पहलू | उपयोगितावाद | कर्त्तव्यवाद |
केंद्र | कार्यों के परिणाम | नैतिक नियमों या कर्त्तव्यों का पालन |
निर्णय का आधार | परिणाम और समग्र कल्याण | नैतिक कानूनों के प्रति आशय और पालन |
लचीलापन | उच्च; परिणामों के आधार पर कार्यों का मूल्यांकन | निम्न; नियमों के अनुरूप कार्यों का मूल्यांकन |
महत्त्वपूर्ण प्रश्न | "सर्वोत्तम परिणाम किससे प्राप्त होता है?" | "मेरे नैतिक कर्त्तव्य क्या हैं?" |
मुख्य आलोचना | अच्छे उद्देश्यों के लिये अनैतिक साधनों को उचित ठहराया जा सकता है | कठोर, अव्यावहारिक निर्णय हो सकते हैं |
अनुप्रयोग | प्रायः लोक नीति, अर्थशास्त्र में | प्रायः व्यक्तिगत नैतिकता, मानवाधिकारों में |
निष्कर्ष:
वास्तविक जीवन की नैतिक दुविधाओं की जटिलता में दोनों सिद्धांतों की सूक्ष्म समझ मूल्यवान है। प्रभावी नैतिक तर्क के लिये प्रायः कर्त्तव्यों और अधिकारों के लिये कर्त्तव्यनिष्ठ समझ को परिणामों तथा समग्र कल्याण के उपयोगितावादी विचार के साथ संतुलित करने की आवश्यकता होती है।