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प्रश्न :
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक पर टिप्पणी करते हुए डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने कहा था कि यह “माननीय या अधिकारी शायद भारत के संविधान में वर्णित सबसे अहम अधिकारी हैं।” क्या आप इस बात से सहमत हैं? (150 शब्द)
04 Jun, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- CAG से संबंधित अनुच्छेदों का उल्लेख करते हुए उत्तर लिखिये।
- प्रमुख तर्कों का उपयोग करते हुए डॉ. बी.आर. अंबेडकर के कथन की पुष्टि कीजिये।
- तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
भारत का संविधान (अनुच्छेद 148) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के एक स्वतंत्र कार्यालय का प्रावधान करता है। यह एक महत्त्वपूर्ण संवैधानिक प्राधिकरण है, जो भारत सरकार की वित्तीय अखंडता और जवाबदेहिता की देख-रेख के लिये ज़िम्मेदार है।
मुख्य भाग:
भारत के संविधान में शायद सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यालय है CAG:
- सार्वजनिक धन का संरक्षक: CAG केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, विधानसभा वाले केंद्रशासित प्रदेशों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक धन का उपयोग कुशलतापूर्वक, प्रभावी ढंग से तथा इच्छित उद्देश्यों के लिये किया जाए।
- उदाहरण के लिये आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के CAG के हालिया ऑडिट में कहा गया है कि डेटाबेस में 7.5 लाख लोग एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए थे।
- संवैधानिक स्वायत्तता: CAG की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और उसे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के समान प्रक्रिया के माध्यम से ही हटाया जा सकता है, जिससे स्वतंत्रता सुनिश्चित होती है।
- संविधान में CAG को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक दोनों के रूप में माना गया है, लेकिन व्यवहार में CAG मुख्य रूप से महालेखा परीक्षक के रूप में कार्य करता है।
- भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग का प्रमुख: CAG भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग का प्रमुख होता है, जो वित्तीय जवाबदेहिता को बनाए रखने और शासन के विभिन्न स्तरों पर पारदर्शिता को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- संसदीय सलाहकार: CAG की लेखापरीक्षा रिपोर्ट और सिफारिशें सार्वजनिक उपक्रम समिति (COPU) जैसी संसदीय समितियों के लिये मूल्यवान इनपुट के रूप में कार्य करती हैं।
- वे संसद की लोक लेखा समिति के मार्गदर्शक, मित्र और दार्शनिक के रूप में कार्य करते हैं।
- शुद्ध आय का प्रमाणन: CAG किसी भी कर या शुल्क की शुद्ध आय का पता लगाता है तथा उसे प्रमाणित करता है (अनुच्छेद 279)। इस मामले में उसका प्रमाण-पत्र अंतिम होता है।
निष्कर्ष:
भारतीय संविधान में CAG के महत्त्व पर ज़ोर देने वाला डॉ. बी.आर. अंबेडकर का कथन सही है। सार्वजनिक वित्त की अखंडता को बनाए रखने और सरकार की वित्तीय प्रबंधन प्रणाली में विश्वास को बढ़ावा देने के लिये CAG की स्थिति, अधिकार तथा स्वतंत्रता को बनाए रखना आवश्यक है।
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