सफलता अंतिम नहीं है, असफलता घातक नहीं है: आगे बढ़ते रहने का साहस ही प्रासंगिक है।
रचनात्मकता एवं बुद्धिमत्ता का समन्वय ही सृजन का सार है।
प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।