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ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    पिछले दो निर्वाचन चरणों में आपके ज़िले में चिंताजनक रूप से कम मतदान की सूचना आपको, ज़िला निर्वाचन अधिकारी को दी गई है। यह जानकारी, विशेष रूप से आपके नियंत्रण वाले कई समुदायों में, कम मतदान प्रतिशत की परेशान करने वाली प्रवृत्ति को दर्शाती है। मतदाता पंजीकरण और जागरूकता को प्रोत्साहित करने के लिये पूर्व ज़िला निर्वाचन अधिकारी (DEOs) द्वारा किये गए मजबूत प्रयासों के बावजूद, संख्याएँ एक निराशाजनक तस्वीर प्रस्तुत करती हैं, जो इस लोकतांत्रिक कमी के पीछे के अंतर्निहित कारणों के बारे में आलोचनात्मक प्रश्न उत्पन्न करती है।

    स्थिति आपके तत्काल ध्यान देने और इन प्रभावित गाँवों के निवासियों के बीच नागरिक जुड़ाव की भावना को पुनर्जीवित करने के लिये एक व्यापक कार्य योजना की मांग करती है।

    प्रश्न :

    1. इस मुद्दे में कौन से हितधारक शामिल हैं?
    2. इन विशिष्ट गाँवों में मतदाता भागीदारी में गिरावट के संभावित कारण क्या हो सकते हैं?
    3. आगामी चुनावों में अधिक मतदान सुनिश्चित करने के लिये मतदाता जागरूकता और शिक्षा में सुधार के लिये आप कौन सी रणनीतियाँ लागू करेंगे?
    17 May, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • मामले का सटीक विवरण देकर उत्तर लिखिये
    • मामले में शामिल सभी हितधारकों का उल्लेख कीजिये
    • मतदाता भागीदारी में गिरावट में योगदान देने वाले संभावित कारणों को बताइये
    • मतदाता जागरूकता और शिक्षा में सुधार के लिये रणनीतियाँ सुझाइये

    परिचय:

    ज़िला निर्वाचन अधिकारी के रूप में विशेष रूप से कुछ गाँवों में निरंतर कम मतदान का मुद्दा तत्काल ध्यान देने की मांग करता है। पूर्व प्रयासों के बावजूद, इन क्षेत्रों में नागरिक भागीदारी को पुनः शुरू करने के लिये एक व्यापक रणनीति की तत्काल आवश्यकता है।

    मुख्य भाग:

    1. इस मुद्दे में कौन-से हितधारक शामिल हैं?

    हितधारक भूमिका/हित
    वोटर प्राथमिक प्रतिभागी जिनकी भागीदारी प्रतिनिधि लोकतंत्र के लिये आवश्यक है।
    ज़िला निर्वाचन अधिकारी (DEO) समग्र चुनाव प्रशासन, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने और मतदाता मतदान में वृद्धि के लिये ज़िम्मेदार है।
    ग्राम पंचायतें और स्थानीय नेता प्रशासन और ग्रामीणों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करना, जो मतदाताओं को संगठित करने तथा शिक्षित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
    भारत निर्वाचन आयोग (ECI) चुनाव प्रक्रियाओं के लिये दिशा-निर्देश, समर्थन और निरीक्षण प्रदान करता है; चुनाव कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करता है।
    मतदान अधिकारी एवं कर्मचारी चुनाव के दिन मतदान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना, मतदान केंद्रों का सुचारु और कुशल संचालन सुनिश्चित करना।
    राजनीतिक दल और उम्मीदवार प्रचार-प्रसार के माध्यम से मतदाताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना, मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने में निहित स्वार्थ रखना।
    गैर सरकारी संगठन (NGOs) मतदाता शिक्षा और जागरूकता अभियानों में सहायता करना, प्रायः नागरिक सहभागिता तथा लोकतंत्र के मुद्दों पर कार्य करना।
    मीडिया सूचना प्रसारित करने, जागरूकता बढ़ाने और मतदाता भागीदारी को प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    शिक्षण संस्थान मतदाता जागरूकता अभियानों में छात्रों और कर्मचारियों को शामिल करना; यह मतदाता शिक्षा कार्यक्रमों के लिये स्थान के रूप में कार्य कर सकता है।
    परिवहन सेवाएँ यह सुनिश्चित करने के लिये कि मतदाता मतदान केंद्रों तक पहुँच सकें, परिवहन सेवाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है ।

    2. इन विशिष्ट गाँवों में मतदाता भागीदारी में गिरावट के संभावित कारण क्या हो सकते हैं?

    जागरूकता और मतदाता शिक्षा का अभाव: अपर्याप्त मतदाता शिक्षा अभियान और चुनावी प्रक्रिया, मतदान प्रक्रियाओं एवं किसी के लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने के महत्त्व से संबंधित जानकारी तक सीमित पहुँच से मतदाताओं में उदासीनता तथा अलगाव की भावना उत्पन्न हो सकती है।

    पहुँच संबंधी बाधाएँ: दूरस्थ स्थान, अपर्याप्त परिवहन सुविधाएँ और मतदाता पहचान दस्तावेज़ प्राप्त करने में चुनौतियाँ जैसे कारक मूलतः हाशिये पर रहने वाले समुदायों के लिये मतदाता भागीदारी में बाधा डाल सकते हैं।

    सामाजिक-आर्थिक कारक: निर्धनता, शैक्षिक अवसरों की कमी और आर्थिक असुरक्षा राजनीतिक व्यवस्था से मोहभंग की भावना तथा मतदान एवं जीवन स्थितियों में ठोस सुधार के बीच एक कथित अलगाव में योगदान कर सकती है।

    चुनावी प्रक्रियाओं में अविश्वास: चुनावी कदाचार के उदाहरण, बूथ कैप्चरिंग के आरोप, या विगत चुनावों में पारदर्शिता की कमी लोक विश्वास को कम कर सकती है और मतदाता भागीदारी को हतोत्साहित कर सकती है।

    जनसांख्यिकीय परिवर्तन: यदि इन समूहों की आवश्यकताओं और चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं किया जाता है, तो जनसंख्या जनसांख्यिकी में परिवर्तन, जैसे प्रवासन प्रारूप या वृद्ध आबादी, मतदाता मतदान को प्रभावित कर सकते हैं।

    3. आगामी चुनावों में अधिक मतदान सुनिश्चित करने के लिये मतदाता जागरूकता और शिक्षा में सुधार के लिये आप कौन-सी रणनीतियाँ लागू करेंगे?

    • ग्राम्य-स्तरीय "लोकतंत्र राजदूत" कार्यक्रम: "लोकतंत्र राजदूत" के रूप में सेवा करने के लिये प्रत्येक प्रभावित गाँव के उत्साही युवा व्यक्तियों की एक टीम की पहचान करना और प्रशिक्षण प्रदान करना।
      • इन राजदूतों को घर-घर अभियान चलाने और मतदान के महत्त्व एवं चुनावी प्रक्रिया के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये अपने स्थानीय नेटवर्क का लाभ उठाने का कार्य सौंपा जाएगा।
    • स्थानीय लोक मीडिया के माध्यम से कहानी सुनाना: स्थानीय कलाकारों और कहानीकारों के साथ मिलकर आकर्षक कथाएँ तथा नाटक तैयार करना, जो मतदान के महत्त्व एवं सामुदायिक विकास पर इसके प्रभाव को बता सकें।
      • दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने और नागरिक भागीदारी को प्रेरित करने के लिये सांस्कृतिक रूप से गुंजायमान कला रूपों की शक्ति का लाभ उठाते हुए, इन कथाओं को ग्रामीण सभाओं, त्योहारों या नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है।
      • मतदाता जागरूकता रथ भी तैनात किये जा सकते हैं, जो गाँवों और कस्बों में यात्रा करते हैं, ऑडियो-विज़ुअल डिस्प्ले तथा आकर्षक गीतों के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया से संबंधित जानकारी प्रसारित करते हैं।
      • तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सत्यब्रत साहू का युवाओं को मतदान के लिये प्रोत्साहित करने हेतु माइक की ओर रुख करने का हालिया उदाहरण एक महत्त्वपूर्ण रोल मॉडल हो सकता है।
    • अनुकरण से सशक्तीकरण तक: प्रत्येक प्रभावित गाँव में अस्थायी "मतदान अनुभव केंद्र" स्थापित करना, जहाँ निवासी एक अनुकूलित वातावरण में मतदान प्रक्रिया से परिचित हो सकें।
      • इन केंद्रों में मॉक पोलिंग बूथ, मतपेटियाँ और मतदान प्रक्रिया में शामिल प्रत्येक चरण के महत्त्व को समझाने वाले इंटरैक्टिव डिस्प्ले होंगे।
    • दीर्घकालिक नागरिक शिक्षा कार्यक्रम: सक्रिय नागरिकता की संस्कृति को बढ़ावा देने और मतदान की उम्र से लोकतांत्रिक भागीदारी के मूल्य को बढ़ावा देने के लिये स्कूलों एवं समुदायों में दीर्घकालिक नागरिक शिक्षा कार्यक्रम लागू करना।

    निष्कर्ष:

    मतदाताओं की उदासीनता में योगदान देने वाले अंतर्निहित मुद्दों से निपटने के लिये एक संपूर्ण और समावेशी रणनीति बनाना, जो यह दर्शाता है कि प्रत्येक मत की गणना में सभी संबंधित दलों को भी शामिल किया जाना है, इससे आगामी चुनावों में बढ़े हुए मतदान को प्राप्त करने के लिये नागरिक भागीदारी के योगदान को पुनः प्राप्त किया जा सकता है।

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