"श्रेष्ठ व्यक्ति अपनी वाणी में विनम्र/सामान्य होता है लेकिन अपने कार्यों में काफी उन्नत होता है।" -कन्फ्यूशियस (150 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- उद्धरण का सार संक्षेप में लिखिये।
- उद्धरण पर विस्तार से चर्चा कीजिये जैसे कि ‘अपने भाषण में विनम्र’ और ‘अपने कार्यों में उन्नत’ जैसे शब्दों पर विशेष ध्यान दीजिये।
- वर्तमान समाज में उद्धरण की प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिये।
- तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
कन्फ्यूशियस, एक चीनी दार्शनिक, इस उद्धरण के साथ नैतिक आचरण में एक मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह इस विचार को व्यक्त करता है कि एक वास्तव में प्रशंसनीय और गुणी व्यक्ति ("श्रेष्ठ व्यक्ति") अपने शब्दों में विनम्रता तथा संयम प्रदर्शित करता है, लेकिन अपने कार्यों से प्रतिष्ठित होता है। वर्तमान संदर्भ में इसे ईमानदारी के आह्वान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जहाँ किसी के कर्म उसके शब्दों से अधिक भाव प्रकट करते हैं।
मुख्य भाग:
- भाषण में शालीनता:
- विनम्रता: आशयों या उपलब्धियों के बारे में शेखी बघारना वास्तविक उपलब्धि को कमज़ोर करता है। सच्चा बड़प्पन शांत आत्मविश्वास और संयमित गर्व में निहित है।
- विचारपूर्ण संचार: भाषण में शालीनता रखने वाले नेता अपने शब्दों के प्रभाव पर विचार करने के लिये समय निकालते हैं। वे खाली घोषणाओं के बजाय स्पष्टता और संक्षिप्तता चुनते हैं।
- उदाहरण: नेल्सन मंडेला, 27 वर्ष कारावास में गुज़ारने के बाद, एक वैश्विक प्रतीक के रूप में जेल से बाहर आए। फिर भी वे ज़मीन से जुड़े रहे, दक्षिण अफ्रीका के पुनर्निर्माण में सामंजस्य और सामूहिक प्रयास का प्रतीक बने। उनका ध्यान उनके कार्यों पर था, न कि स्व-प्रचार पर।
- कार्यों में उत्कृष्टता:
- परिणाम-उन्मुख: एक बेहतर नेता सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने को प्राथमिकता देते हैं। वे अपनी कथनी और करनी में साम्यता द्वारा अधिक-से-अधिक कल्याणकारी कार्य कर सकते हैं।
- ईमानदारी: कार्य शब्दों की तुलना में अधिक भाव व्यक्त करते हैं। नैतिक नेता यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके कार्य उनके घोषित मूल्यों और प्रतिबद्धताओं के अनुरूप हों।
- उदाहरण: मदर टेरेसा का जीवन कार्यों में उत्कृष्टता का उदाहरण है। उन्होंने स्वयं को अतिनिर्धन लोगों की सेवा के लिये समर्पित कर दिया, उनके कार्य करुणा और सामाजिक न्याय के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
- वर्तमान नैतिक संदर्भ में प्रासंगिकता:
- आज की तेज़-तर्रार छवि-जागरूक दुनिया में कन्फ्यूशियस का संदेश प्रासंगिक बना हुआ है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आत्म-प्रचार और खोखली घोषणाओं के लिये प्रजनन स्थल बन सकते हैं। इंस्टाग्राम तथा फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उदय के साथ कन्फ्यूशियस का संदेश पहले से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण हो गया है।
- जो लोग अपनी घोषणाओं में विनम्र होते हैं और परिणाम देने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वे विश्वास को बढ़ावा देते हैं तथा आत्मविश्वास को प्रेरित करते हैं।
- जो नेता वादे अधिक करते हैं तथा कार्य कम करते हैं, उन पर लोग कम विश्वास करते हैं। ठोस कार्यों के किये बगैर बयानबाज़ी के द्वारा जनता की धारणा पर ध्यान केंद्रित करना नैतिक नेतृत्व को कमज़ोर करता है।
निष्कर्ष:
कन्फ्यूशियस का उद्धरण हमें यह याद दिलाता है कि सच्चा नेतृत्व केवल शब्दों में नहीं, बल्कि काम में निहित है। यह नैतिक नेताओं के लिये एक आह्वान है जो परिणामों को प्राथमिकता देते हैं, विनम्रता को महत्त्व देते हैं और अपने दृष्टिकोण को उन लोगों के लिये ठोस लाभों में बदलते हैं जिनकी वे सेवा करते हैं। इन सिद्धांतों को अपनाकर, नेता वर्तमान की जटिलताओं को दूर कर सकते हैं और अधिक न्यायपूर्ण एवं समतापूर्ण भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।