- फ़िल्टर करें :
- अर्थव्यवस्था
- विज्ञान-प्रौद्योगिकी
- पर्यावरण
- आंतरिक सुरक्षा
- आपदा प्रबंधन
-
प्रश्न :
चिकित्सा, पर्यावरण एवं संचार जैसे क्षेत्रों में नैनो-प्रौद्योगिकी के संभावित अनुप्रयोगों, चुनौतियों तथा नैतिक निहितार्थों पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
24 Apr, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकीउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- नैनो-प्रौद्योगिकी का परिचय देते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- चिकित्सा, पर्यावरण एवं संचार जैसे क्षेत्रों में नैनो-प्रौद्योगिकी के संभावित अनुप्रयोगों तथा चुनौतियों का वर्णन कीजिये।
- चिकित्सा, पर्यावरण तथा संचार जैसे क्षेत्रों में नैनो-प्रौद्योगिकी के नैतिक निहितार्थों का मूल्यांकन कीजिये।
- उचित निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
नैनो टेक्नोलॉजी अनुसंधान और नवाचार का एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें आमतौर पर वस्तुओं का निर्माण परमाणुओं तथा अणुओं के पैमाने पर किया जाता है। एक नैनोमीटर एक मीटर का एक अरबवाँ हिस्सा होता है।
मुख्य भाग:
संभावित अनुप्रयोग:
- औषधि क्षेत्र:
- bनैनोटेक्नोलॉजी, लक्षित दवा वितरण सुनिश्चित करने के साथ इसके दुष्प्रभाव को कम करके प्रभावकारिता को बढ़ाती है। उदाहरण के लिये कैंसर के उपचार में उपयोग किया जाने वाला लिपोसोमल डॉक्सोरूबिसिन।
- नैदानिक उपकरण: नैनोकणों का उपयोग MRI जैसी इमेजिंग तकनीकों में कंट्रास्ट एजेंट के रूप में किया जा सकता है, जिससे नैदानिक सटीकता में सुधार होता है।
- पुनर्योजी चिकित्सा: कोशिका वृद्धि एवं पुनर्जनन से संबंधित ऊतक इंजीनियरिंग में नैनोमटेरियल का उपयोग किया जाता है।
- पर्यावरण:
- जल शोधन: प्रदूषकों को हटाने तथा जल की गुणवत्ता में सुधार के लिये टाइटेनियम डाइ-ऑक्साइड जैसे नैनोकणों का उपयोग जल उपचार संयंत्रों में किया जा सकता है।
- वायु निस्पंदन: नैनोफाइबर फिल्टर वायु से हानिकारक कणों को हटा सकते हैं, जिससे इनडोर वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
- ऊर्जा भंडारण: नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग अधिक कुशल बैटरी तथा सौर सेल विकसित करने के साथ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने में किया जाता है।
- संचार:
- डेटा भंडारण: नैनोटेक्नोलॉजी, छोटे उपकरणों में उच्च डेटा भंडारण क्षमता को सक्षम बनाती है, जिससे तीव्र एवं अधिक कॉम्पैक्ट स्टोरेज उपकरणों का विकास होता है।
- ऑप्टिकल संचार: नैनोमटेरियल का उपयोग ऑप्टिकल फाइबर के साथ, डेटा ट्रांसमिशन गति में सुधार करने के लिये किया जाता है।
चुनौतियाँ:
- स्वास्थ्य और सुरक्षा:
- विषाक्तता: नैनोकणों का मानव स्वास्थ्य तथा पर्यावरण पर विषाक्त प्रभाव हो सकता है, जिससे तंत्रिका एवं प्रतिरक्षा प्रणाली में विकार हो सकता है।
- विनियमन: नैनोमटेरियल के उपयोग तथा निपटान के लिये मानकीकृत नियमों की कमी से जोखिम उत्पन्न होता है।
- जैव वितरण: शरीर में नैनोकण के वितरण से संबंधित समझ का अभाव होने के कारण चिकित्सा अनुप्रयोगों में चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं।
- पर्यावरणीय प्रभाव:
- इकोटॉक्सिसिटी: पर्यावरण में उत्सर्जित नैनोकण जीवों में जमा हो सकते हैं, जिससे पारिस्थितिक तंत्र प्रभावित होने के साथ जैव आवर्द्धन हो सकता है।
- अपशिष्ट प्रबंधन: नैनोमटेरियल के निपटान एवं इनकी प्रतिक्रियाशीलता के कारण चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं।
नैतिक निहितार्थ:
- गोपनीयता और सुरक्षा:
- निगरानी: नैनोटेक्नोलॉजी वाले निगरानी उपकरणों से निजता और नागरिक स्वतंत्रता के बारे में चिंताएँ उत्पन्न होती हैं।
- डेटा सुरक्षा: संचार में नैनोटेक्नोलॉजी के अनुप्रयोग से डेटा सुरक्षा तथा निजता संबंधी मुद्दे उत्पन्न होते हैं।
- समानता और पहुँच:
- स्वास्थ्य देखभाल असमानताएँ: नैनो-प्रौद्योगिकी-आधारित चिकित्सा उपचार की उच्च लागत से मौजूदा स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में असमानताओं को बढ़ावा मिल सकता है।
- पर्यावरणीय न्याय: नैनोटेक्नोलॉजी केंद्रों के पास के समुदायों को पर्यावरणीय जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।
- स्वायत्तता एवं सहमति:
- सूचित सहमति: यह सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है कि व्यक्ति नैनो-प्रौद्योगिकी-आधारित उपचारों के जोखिमों और लाभों को समझें।
- संवर्द्धन प्रौद्योगिकियाँ: नैनोटेक्नोलॉजी से संज्ञानात्मक वृद्धि जैसी संवर्द्धन प्रौद्योगिकियों के उपयोग के बारे में नैतिक प्रश्न उठते हैं।
निष्कर्ष:
नैनोटेक्नोलॉजी में विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति लाने की अपार क्षमता है, लेकिन इससे संबंधित चुनौतियों एवं नैतिक चिंताओं को दूर करने के लिये इसके अनुप्रयोगों को सावधानी से अपनाया जाना चाहिये। इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करते हुए नैनो टेक्नोलॉजी के लाभों का दोहन करने के क्रम में इसके विनियमन एवं संभावित जोखिमों पर शोध के साथ इसमें लोक भागीदारी आवश्यक है।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print