भारत में प्रचलित विभिन्न निवेश मॉडलों पर चर्चा करते हुए उनकी विशेषताओं, लाभों एवं चुनौतियों पर प्रकाश डालिये। इन मॉडलों को अधिक समावेशी तथा टिकाऊ किस प्रकार बनाया जा सकता है? (250 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- निवेश मॉडल के बारे में बताते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- भारत में प्रचलित विभिन्न निवेश मॉडलों पर चर्चा करते हुए उनकी विशेषताओं, लाभों तथा चुनौतियों पर प्रकाश डालिये।
- विश्लेषण कीजिये कि इन मॉडलों को किस प्रकार अधिक समावेशी एवं टिकाऊ बनाया जा सकता है।
- उचित निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
आर्थिक संवृद्धि एवं विकास के लिये निवेश महत्त्वपूर्ण है। भारत में विभिन्न निवेश मॉडल प्रचलित हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशेषताएँ, लाभ और चुनौतियाँ हैं। ये मॉडल अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मुख्य भाग:
निवेश मॉडल के प्रकार:
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI):
- विशेषताएँ: इसमें एक विदेशी इकाई द्वारा व्यवसाय स्थापित करना या किसी मौजूदा भारतीय उद्यम में पर्याप्त हिस्सेदारी हासिल करना शामिल है।
- लाभ: इससे पूंजी के प्रवाह एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ रोज़गार का सृजन होता है।
- चुनौतियाँ: निर्भरता के साथ देश की संप्रभुता और सांस्कृतिक पहलुओं का नुकसान हो सकता है।
- उदाहरण: वर्ष 2018 में वॉलमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP):
- विशेषताएँ: बुनियादी ढाँचे के विकास और सेवा वितरण हेतु सरकार तथा निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलता है।
- लाभ: जोखिम साझाकरण एवं कुशल संसाधन आवंटन के साथ समय पर परियोजना पूरी हो पाती है।
- चुनौतियाँ: अनुबंध प्रबंधन में जटिलताओं तथा नियामक बाधाओं के साथ लाभ-साझाकरण को लेकर विवाद होता है।
- उदाहरण: PPP के तहत दिल्ली हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण।
- उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी:
- विशेषताएँ: उच्च विकास क्षमता वाले स्टार्टअप या छोटे व्यवसायों में निवेश।
- लाभ: नवाचार, रोज़गार सृजन के साथ विशेषज्ञता तक पहुँच प्राप्त होती है।
- चुनौतियाँ: उच्च जोखिम वाली प्रकृति एवं तत्काल रिटर्न की कमी के साथ सामाजिक क्षेत्रों पर सीमित फोकस।
- उदाहरण: सिकोइया कैपिटल का बायजू में निवेश।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs):
- विशेषताएँ: यह निवेश प्लेटफार्म, बुनियादी ढाँचे या रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश करने के लिये निवेशकों से धन एकत्र करते हैं।
- लाभ: तरलता एवं विविधीकरण के साथ आय सृजन को प्रोत्साहन मिलता है।
- चुनौतियाँ: बाज़ार पर निर्भरता, नियामक बाधाएँ और परिसंपत्ति गुणवत्ता जोखिम।
- उदाहरण: सड़क परियोजनाओं में IRB InvIT फंड का निवेश।
निवेश मॉडल को अधिक समावेशी और टिकाऊ बनाना:
- समावेशिता:
- पूंजी तक पहुँच: छोटे निवेशकों के लिये प्रक्रियाओं को सरल बनाने के साथ वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम में निवेश करना चाहिये।
- जोखिम न्यूनीकरण: महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश के लिये बीमा योजनाओं के साथ सरकारी गारंटी पर बल देना।
- कौशल विकास: निवेश आकर्षित करने वाले उद्योगों में रोज़गार क्षमता बढ़ाने के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
- वहनीयता
- पर्यावरण प्रभाव आकलन: यह सुनिश्चित करने के लिये कड़े मानदंड अपनाने चाहिये कि निवेश से पर्यावरण को नुकसान न हो।
- सामाजिक प्रभाव आकलन: स्थानीय समुदायों पर परियोजनाओं के प्रभाव का मूल्यांकन करने के साथ उचित मुआवज़ा सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है।
- प्रौद्योगिकी एकीकरण: टिकाऊ प्रौद्योगिकियों एवं नवीकरणीय ऊर्जा, जैसे ग्रीन हाइड्रोजन एवं इलेक्ट्रिक वाहन आदि में निवेश को प्रोत्साहित करना महत्त्वपूर्ण है।
निष्कर्ष:
भारत के निवेश मॉडल आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनसे संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के साथ समावेशिता तथा स्थिरता को बढ़ावा देकर, ये मॉडल संवृद्धि तथा विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।