संचार माध्यमों के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी प्रगति ने महिलाओं के साथ अभद्रता तथा उनकी निजता के हनन के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि की है। इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा कीजिये।
06 Jun, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
प्रश्न-विच्छेद
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हल करने का दृष्टिकोण
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संचार माध्यमों के क्षेत्र में निरंतर हो रही प्रगति ने महिलाओं के साथ अभद्रता तथा उनकी निजता के हनन की समस्या को और अधिक बढ़ा दिया है। अनेक सोशल साइटों, जैसे— फेसबुक, इंस्टाग्राम तथा व्हाट्सएप मैसेंजर अथवा स्काइप जैसे डिजिटल मैसेजिंग प्लेटफॉर्मों पर महिलाओं को अश्लील तरीके से पेश करना जहाँ उनकी निजता का हनन है वहीं, उनसे गलत भाषा में बात करना, मैसेज करना या चित्र संदेश भेजना आदि महिलाओं से अभद्र व्यवहार की श्रेणी में आता है।
महिलाओं की इस समस्या में निरंतर बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार द्वारा कुछ उपाय किये गए हैं जिनमें 1090 हेल्पलाइन तथा हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिला अशिष्ट निरूपण (निषेध) अधिनियम, 1986 में संशोधन करने का प्रस्ताव आदि मुख्य हैं। इन संशोधनों में—
वहीं, 1090 एक टोल फ्री नंबर है जिसके माध्यम से महिलाओं को असामाजिक तत्त्वों द्वारा उनके उत्पीड़न के विरुद्ध तत्काल सहायता उपलब्ध कराए जाने की सुविधा दी गई है। इस योजना को 2012 में उत्तर प्रदेश में प्रारंभ किया गया था जहाँ इसकी सफलता को देखते हुए इसके देश भर में संचालन की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
परंतु उपरोक्त उपायों के अतिरिक्त सरकार द्वारा किये गए एवं किये जा रहे अन्य प्रयासों के बावजूद भी महिलाओं के प्रति अपराध में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है जिसका एक कारण सोशल मीडिया पर छद्म व्यक्तियों का होना है जो अपनी वास्तविक पहचान को गुप्त रखकर ऐसे कृत्यों को अंजाम देते हैं तथा आसानी से बच निकलते हैं। साथ ही, साइबर पुलिस का अभी भी उच्च प्रौद्योगिकीय क्षमता से युक्त न होना एक दूसरा प्रमुख कारण है।
अतः इस संबंध में अभी और सुधार की आवश्यकता है ताकि समस्या के सभी पक्षों पर विचार करते हुए व्यापक रणनीति के तहत कुछ और ठोस उपाय किये जा सकें।