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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    सरकारी नीतियों को प्रभावित करने में कॉर्पोरेट लॉबिंग के नैतिक निहितार्थों पर चर्चा कीजिये। ऐसे विमर्श में पारदर्शिता तथा जवाबदेहिता सुनिश्चित करने के उपाय बताइये। (250 शब्द)

    04 Apr, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • कॉर्पोरेट लॉबिंग शब्द का परिचय देते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिये।
    • सरकारी नीतियों को प्रभावित करने में कॉर्पोरेट लॉबिंग के नैतिक निहितार्थों का वर्णन कीजिये।
    • कॉर्पोरेट लॉबिंग में पारदर्शिता तथा जवाबदेहिता सुनिश्चित करने के उपाय सुझाइये।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    कॉर्पोरेट लॉबिंग (निगम के हितों को लाभ पहुँचने के लिये सरकारी निर्णयों, नीतियों एवं विनियमों को प्रभावित करने की प्रणाली) से प्रमुख नैतिक चिंताओं को जन्म मिलता है। व्यवसायों के लिये लॉबिंग, चिंताओं को व्यक्त करने का एक वैध तरीका हो सकता है लेकिन नीति निर्माताओं पर शक्तिशाली निगमों के अनुचित प्रभाव से ऐसी नीतियों को जन्म मिल सकता है जिससे सार्वजनिक कल्याण की तुलना में निगम के लाभ को प्राथमिकता मिलती हो।

    मुख्य भाग:

    कॉर्पोरेट लॉबिंग के नैतिक निहितार्थ:

    • असमानता और अनुचित लाभ:
      • पर्याप्त संसाधनों वाले निगम अपने हित में लॉबिंग कर सकते हैं, जिससे असमानता बढ़ने के साथ सक्षम लोगों का प्रभाव अधिक हो सकता है।
      • इस असमानता के परिणामस्वरूप ऐसी नीतियाँ बन सकती हैं जो छोटे व्यवसायों के साथ आम लोगों की कीमतों पर निगमों को लाभ पहुँचाती हों।
    • हितों का टकराव:
      • कॉरपोरेट लॉबिस्ट अक्सर सरकारी पदों एवं निजी क्षेत्रों से संबंध रखते हैं, जिससे हितों के टकराव की चिंता बढ़ जाती है।
      • इससे निर्णय निर्माता लोगों के कल्याण के बजाय कॉर्पोरेट हितों को प्राथमिकता दे सकते हैं, जिससे लोगों का सरकारी संस्थानों पर भरोसा कम हो सकता है।
    • लोकतंत्र का कमज़ोर होना:
      • कॉर्पोरेट क्षेत्रक के अधिक प्रभाव से व्यापक लोक हित के बजाय, संकीर्ण कॉर्पोरेट हितों के पक्ष में नीतिगत परिणाम रहने से लोकतांत्रिक सिद्धांत कमज़ोर हो सकते हैं।
      • इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों के विश्वास में कमी आने के साथ यह धारणा बन सकती है कि सरकार, लोगों के हितों के बजाय कॉर्पोरेट हितों पर ध्यान देती है।
    • लोक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पर प्रभाव:
      • तंबाकू, फार्मास्यूटिकल्स और जीवाश्म ईंधन जैसे उद्योगों के लॉबिंग प्रयासों को लोक स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाली नीतियों से जोड़ा गया है।
      • उदाहरण के लिये, सख्त नियमों के खिलाफ तंबाकू उद्योग के लॉबिंग प्रयासों को धूम्रपान की बढ़ती दरों के साथ संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों से जोड़ा गया है।

    पारदर्शिता एवं जवाबदेहिता सुनिश्चित करने के उपाय:

    • अनिवार्य प्रकटीकरण आवश्यकताएँ:
      • सरकार द्वारा निगमों की लॉबिंग गतिविधियों को पारदर्शी करने का प्रावधान किया जा सकता है, जिसमें वे मुद्दे (जिन पर लॉबिंग की जा रही है) और वे संसाधन (इन प्रयासों के लिये समर्पित) भी शामिल हैं।
      • इस पारदर्शिता से हितों के संभावित टकराव की पहचान करने में मदद मिलने के साथ यह सुनिश्चित हो सकता है कि लॉबिंग गतिविधियाँ नैतिक रूप से संचालित हों।
      • Google द्वारा पारदर्शिता रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है जिससे उसकी लॉबिंग गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी (संबंधित मुद्दों एवं खर्च की गई राशि) मिलती है।
        • पारदर्शिता के इस स्तर से लोगों के बीच विश्वास हासिल करने में मदद मिलने के साथ नैतिक पैरवी प्रथाओं के प्रति निगम की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है।
    • लॉबिंग गतिविधियों का विनियमन:
      • ऐसे नियमों को लागू किया जाना चाहिये जो कॉर्पोरेट लॉबिस्ट के प्रभाव को सीमित करते हैं, जैसे कि खर्च पर सीमा या नीति निर्माताओं को उपहार देने पर प्रतिबंध लगाना।
      • इससे निगमों के बीच संतुलन बनाने के साथ अनुचित प्रभाव के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
    • स्वतंत्र निरीक्षण और निगरानी:
      • लॉबिंग गतिविधियों की निगरानी करने एवं नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये स्वतंत्र निरीक्षण निकायों की स्थापना करनी चाहिये।
      • ये निकाय अनैतिक व्यवहार की शिकायतों की जाँच करने के साथ उल्लंघन के लिये दंड आरोपित कर सकते हैं।
      • संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रस्तावित, हाॅनेस्ट एड एक्ट का उद्देश्य ऑनलाइन राजनीतिक विज्ञापन में पारदर्शिता बढ़ाना है।
        • इस अधिनियम द्वारा राजनीतिक विज्ञापनों तथा उनके पीछे की संस्थाओं का सार्वजनिक डेटाबेस बनाए रखने के लिये ऑनलाइन प्लेटफार्म को आवश्यक बनाया गया है, जिससे चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप को रोकने में मदद मिल सके।
    • नैतिक प्रशिक्षण और दिशा-निर्देश:
      • नैतिक मुद्दों एवं सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये नीति निर्माताओं तथा संबंधित हितधारकों को नैतिक प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिये।
      • लॉबिंग गतिविधियों के लिये नैतिक दिशा-निर्देशों को विकसित एवं लागू करना चाहिये जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि संगठन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संचालित हों।

    निष्कर्ष:

    हालाँकि कॉर्पोरेट लॉबिंग नीति निर्माण प्रक्रिया में एक वैध भूमिका निभा सकती है, लेकिन इससे जुड़ी नैतिक चिंताओं को दूर करना आवश्यक है। पारदर्शिता एवं जवाबदेहिता सुनिश्चित करने के उपायों को लागू करके सरकारें, कॉर्पोरेट लॉबिंग के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखना सुनिश्चित कर सकती हैं।

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