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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    लोक ऋण प्रबंधन के उद्देश्यों की व्याख्या कीजिये। प्रभावी ऋण प्रबंधन व्यापक आर्थिक स्थिरता में किस प्रकार योगदान देता है? चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

    03 Apr, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • लोक ऋण प्रबंधन को बताते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • भारत में लोक ऋण प्रबंधन के उद्देश्यों पर चर्चा कीजिये।
    • विश्लेषण कीजिये कि प्रभावी ऋण प्रबंधन व्यापक आर्थिक स्थिरता में कितना योगदान देता है।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    लोक ऋण प्रबंधन, आर्थिक नीति का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है जिसमें सरकारी ऋण जारी करना, विनियमन और वसूली शामिल है। लोक ऋण प्रबंधन का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जोखिमों का विवेकपूर्वक प्रबंधन एवं व्यापक आर्थिक स्थिरता का ध्यान रखते हुए सरकार की वित्तपोषण आवश्यकताओं को मध्यम से लंबी अवधि में सबसे कम लागत पर पूरा किया जाए।

    मुख्य भाग:

    लोक ऋण प्रबंधन के उद्देश्य:

    1. सरकारी व्यय का वित्तपोषण:

    • लोक ऋण प्रबंधन का उद्देश्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों एवं प्रशासनिक खर्चों सहित सरकारी व्यय के लिये वित्तपोषण का एक स्थिर और विश्वसनीय स्रोत प्रदान करना है।

    2. राजकोषीय घाटे का प्रबंधन:

    • इसका एक अन्य उद्देश्य रणनीतिक उधारी प्रक्रिया को अपनाते हुए राजकोषीय घाटे का प्रबंधन करना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि लंबी अवधि में सरकारी खर्च राजस्व सृजन से अधिक न हो।
    • यूरोप का संप्रभु ऋण संकट, खराब ऋण प्रबंधन के परिणामों के बारे में सतर्क करता है।
    • ग्रीस, पुर्तगाल और इटली जैसे देशों को अस्थिर ऋण स्तरों के कारण गंभीर वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे आर्थिक संकुचन, वित्तीय अस्थिरता के साथ इन्हें बाहरी सहायता की आवश्यकता हुई।

    3. उधार लेने की लागत कम करना:

    • कुशल ऋण प्रबंधन के माध्यम से अनुकूल ब्याज दरों एवं शर्तों पर सरकार को धन प्रदान करके उधार लेने की लागत को कम करने का प्रयास किया जाता है। इसमें ऋण के स्रोतों में विविधता लाना तथा ऋण परिपक्वता प्रोफाइल को अनुकूलित करना शामिल है।

    4. ऋण स्थिरता बनाए रखना:

    • लोक ऋण प्रबंधन का उद्देश्य सरकारी ऋण स्तरों की स्थिरता सुनिश्चित करना है, जिससे अत्यधिक ऋण लेने के कारण होने वाले ऋण संकट या राजकोषीय अस्थिरता को रोका जा सके।
    • जापान का अनुभव प्रभावी ऋण प्रबंधन के महत्त्व पर प्रकाश डालता है। सकल घरेलू उत्पाद के सापेक्ष सार्वजनिक ऋण का उच्च स्तर होने के बावजूद, जापान ने विवेकपूर्ण उधार प्रथाओं, कम ब्याज दरों एवं एक मज़बूत घरेलू निवेशक आधार के माध्यम से व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखी है।

    व्यापक आर्थिक स्थिरता में योगदान:

    1. ब्याज दर की स्थिरता:

    • प्रभावी ऋण प्रबंधन ब्याज दरों को स्थिर करने में मदद करके व्यापक आर्थिक स्थिरता में योगदान देता है। ऋण की मात्रा, परिपक्वता एवं संरचना का सावधानीपूर्वक प्रबंधन करके, लो प्राअधिकारी ब्याज दर की गतिशीलता को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे वित्तीय बाज़ारों की अस्थिरता में कमी आ सकती है।

    2. राजकोषीय अनुशासन:

    • रणनीतिक ऋण प्रबंधन, सरकारों को स्थायी ऋण प्रथाओं का पालन करने के लिये प्रोत्साहित करके राजकोषीय अनुशासन को बढ़ावा देता है।
    • इससे अत्यधिक ऋण संचय को रोकने में मदद मिलती है, जो निवेशकों के विश्वास को कमज़ोर करने के साथ व्यापक आर्थिक अस्थिरता का कारण बन सकता है।
    • राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम (FRBMA),2003 का उद्देश्य राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने एवं लोक ऋण को कम करने के साथ व्यापक आर्थिक स्थिरता तथा निवेशकों के विश्वास को मज़बूत बनाना था।

    3. विनिमय दर में स्थिरता:

    • विवेकपूर्ण ऋण प्रबंधन, अस्थिर ऋण स्तरों के बारे में चिंताओं के कारण होने वाले मुद्रा मूल्यह्रास के जोखिम को कम करके विनिमय दर स्थिरता में योगदान देता है।
    • स्थिर विनिमय दरें निवेशकों एवं व्यवसायों को निश्चितता प्रदान करके आर्थिक विकास तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का समर्थन करती हैं।
    • देश की विवेकपूर्ण ऋण प्रबंधन प्रथाओं के कारण अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिभूतियों को व्यापक रूप से सुरक्षित-संपत्ति के रूप में माना जाता है।
    • राष्ट्रीय स्तर पर काफी उच्च ऋण होने के बावजूद, संयुक्त राज्य अमेरिका को प्रभावी ऋण प्रबंधन रणनीतियों से स्थिर व्यापक आर्थिक स्थितियों के क्रम में लाभ प्राप्त होता है।

    4. निवेशकों का विश्वास:

    • प्रभावी ऋण प्रबंधन से सरकारी बॉण्डों और प्रतिभूतियों में निवेशकों का विश्वास बढ़ने से घरेलू एवं विदेशी निवेश आकर्षित होता है।
    • पूंजी के इस प्रवाह से आर्थिक विकास को समर्थन मिलने के साथ वित्तीय संकट की संभावना में कमी आती है, जिससे व्यापक आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा मिलता है।

    5. बजटीय अनुकूलन:

    • ऋण स्तर और पुनर्भुगतान कार्यक्रम को अनुकूलित करके, लोक ऋण प्रबंधन से बजटीय अनुकूलन को बढ़ावा मिलता है, जिससे सरकारों को अत्यधिक ऋण का सहारा लिये बिना आर्थिक असंतुलन एवं अप्रत्याशित व्यय के खिलाफ प्रतिक्रया देने में सहायता मिलती है।

    6. आर्थिक संवृद्धि:

    • सतत् ऋण प्रबंधन नीतियाँ, स्थिर व्यापक आर्थिक स्थितियों को बनाए रखते हुए आर्थिक विकास के लिये अनुकूल वातावरण बनाती हैं।
    • अत्यधिक ऋण बोझ से बचकर, सरकारें दीर्घकालिक समृद्धि एवं स्थिरता को बढ़ावा देते हुए, संसाधनों को अधिक कुशलता से आवंटित कर सकती हैं।

    निष्कर्ष:

    लोक ऋण प्रबंधन राजकोषीय चुनौतियों का समाधान करके, वित्तीय बाज़ारों को स्थिर कर तथा निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा देकर व्यापक आर्थिक स्थिरता प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विवेकपूर्ण उधार प्रथाओं एवं रणनीतिक ऋण प्रबंधन के माध्यम से सरकारें ऋण संबंधी जोखिमों को कम करने एवं विकास को बढ़ावा देने के साथ दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित कर सकती हैं।

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