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प्रश्न :
लोक सेवकों के बीच सकारात्मक अभिवृत्ति का विकास नागरिकों की ज़रूरतों एवं चिंताओं को हल करने के क्रम में उनकी प्रभावशीलता को किस प्रकार बढ़ा सकता है? (150 शब्द)
28 Mar, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- सकारात्मक अभिवृत्ति का परिचय देते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- चर्चा कीजिये कि किस प्रकार लोक सेवकों के बीच सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने से नागरिकों की ज़रूरतों एवं चिंताओं को हल करने में उनकी प्रभावशीलता बढ़ जाती है।
- कीवर्ड की आवश्यकता के अनुसार निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
प्रभावी शासन के लिये लोक सेवकों के बीच सकारात्मक अभिवृत्ति महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके व्यवहार, निर्णय निर्माण एवं नागरिकों के साथ बातचीत को प्रभावित करता है। यह रवैया उनकी प्रतिबद्धता, सहानुभूति एवं लोक हित की सेवा करने की इच्छा में परिलक्षित होता है।
मुख्य भाग:
सेवा वितरण का उन्नत होना:
- बेहतर प्रतिक्रियाशीलता:
- सकारात्मक दृष्टिकोण वाले लोक सेवकों की नागरिकों के प्रश्नों, शिकायतों एवं अनुरोधों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने की अधिक संभावना होती है, जिससे सेवा वितरण में सुधार होता है।
- उदाहरण के लिये सिंगापुर में सिविल सर्विस कॉलेज द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सकारात्मक दृष्टिकोण के महत्त्व पर बल दिये जाने से नागरिक संतुष्टि का उच्च स्तर प्राप्त होता है।
- जवाबदेहिता:
- सकारात्मक अभिवृत्ति से लोक सेवकों के बीच जवाबदेहिता की भावना को बढ़ावा मिलता है, जिससे वे विभिन्न मुद्दों को हल करने में अधिक सक्रिय हो जाते हैं और इससे कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
- इसे भारत के गुजरात में "सेवा सेतु" कार्यक्रम में देखा जा सकता है, जहाँ सरकारी अधिकारी नागरिकों की शिकायतों का तुरंत समाधान करने के लिये गाँवों का दौरा करते हैं।
नीति कार्यान्वयन का उन्नत होना:
- प्रभावी संचार:
- सकारात्मक अभिवृत्ति, लोक सेवकों को नीतियों और कार्यक्रमों को नागरिकों तक प्रभावी ढंग से संप्रेषित करने के साथ समझ एवं सहयोग को बढ़ावा देने में सक्षम बनाती है।
- उदाहरण के लिये भारत में "प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना", जिसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को मुफ्त LPG कनेक्शन प्रदान करना है, लोक सेवकों के प्रभावी संचार के कारण सफल रही है।
- अभिनव समस्या-समाधान:
- सकारात्मक अभिवृत्ति वाले लोक सेवक जटिल मुद्दों के रचनात्मक समाधान खोजने, नवीन समस्या-समाधान में संलग्न होने की अधिक संभावना रखते हैं।
- भारत में "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" अभियान, जिसका उद्देश्य लैंगिक विषमता को हल करना है, को लोक सेवकों द्वारा अपनाए गए नवीन दृष्टिकोणों के कारण सफलता मिली है।
लोक विश्वास को बढ़ावा मिलना:
- विश्वास निर्माण:
- एक सकारात्मक अभिवृत्ति, लोक सेवकों और नागरिकों के बीच विश्वास बनाने में मदद करती है, जिससे सरकारी पहलों हेतु सहयोग एवं समर्थन बढ़ता है।
- उदाहरण के लिये, न्यूज़ीलैंड में "कीवी कैन" कार्यक्रम युवा लोगों के बीच सकारात्मक अभिवृत्ति को बढ़ावा देता है, जिससे बेहतर सामुदायिक समन्वय के साथ सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास उत्पन्न होता है।
- भ्रष्टाचार में कमी:
- सकारात्मक अभिवृत्ति से लोक सेवकों के बीच भ्रष्ट आचरण की संभावना में कमी आती है, क्योंकि वे व्यक्तिगत लाभ के बजाय लोक हित पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं।
- उदाहरण के लिये, हॉन्ग-कॉन्ग का स्वतंत्र भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (ICAC) सार्वजनिक क्षेत्र में ईमानदारी और जवाबदेही को बनाए रखता है, जो सिविल सेवकों की सकारात्मक अभिवृत्ति से समर्थित है।
निष्कर्ष:
नागरिकों की ज़रूरतों और चिंताओं को हल करने में प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिये लोक सेवकों के बीच सकारात्मक अभिवृत्ति का विकास आवश्यक है। इससे सेवा वितरण में सुधार के साथ नीति कार्यान्वयन में सुधार होता है। सरकारों को प्रभावी प्रशासन एवं नागरिक संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिये लोक सेवकों के बीच सकारात्मक अभिवृत्ति को बढ़ावा देने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं पहलों में निवेश करना चाहिये।
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