स्वयं की खोज का सबसे अच्छा तरीका, स्वयं को दूसरों की सेवा में लीन कर देना है- महात्मा गांधी (150 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- उद्धरण का अर्थ संक्षेप में स्पष्ट कीजिये।
- वर्तमान संदर्भ में उद्धरण की प्रासंगिकता का वर्णन कीजिये।
- पुष्टि हेतु उदाहरण बताइये।
- तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
उद्धरण यह व्यक्त करता है कि स्वयं की खोज दूसरों की सेवा के निस्वार्थ कार्यों के माध्यम से प्राप्त की जाती है। दूसरों की आवश्यकताओं और भलाई पर ध्यान केंद्रित करके, व्यक्ति अपने स्वयं के हितों से परे हो जाते हैं तथा उद्देश्य एवं पहचान की गहरी समझ से जुड़ते हैं। संक्षेपतः स्वयं को समझने का मार्ग मानवता की भलाई में सेवा करने और योगदान देने में निहित है।
मुख्य भाग:
वर्तमान संदर्भ में उद्धरण की प्रासंगिकता:
- सहानुभूति और करुणा:
- सहानुभूति और करुणा में निहित सेवा के कार्य मानवीय संबंध एवं एकजुटता को बढ़ावा देते हैं।
- स्वयंसेवक हाशिये पर मौजूद समुदायों की सेवा करके सामाजिक विभाजन और अन्याय को चुनौती देते हैं।
- वैश्विक स्वयंसेवी आंदोलन:
- दुनिया भर में स्वयंसेवक मानवीय सहायता से लेकर सामुदायिक विकास तक विभिन्न कार्यों के लिये समय और संसाधन समर्पित करते हैं।
- निस्वार्थ सेवा के माध्यम से, स्वयंसेवक व्यक्तिगत विकास और पूर्णता का अनुभव करते हैं।
- आपदा राहत प्रयास:
- प्राकृतिक आपदाओं के बाद सहायता प्रदान करने में स्वयंसेवक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- आराम और सुरक्षा का त्याग करके, स्वयंसेवक उद्देश्य एवं संबंध की खोज करते हैं।
- आपसी समझ के सेतु का निर्माण करना:
- सेवा बाधाओं को तोड़ती है और विविध पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के बीच पुल बनाती है।
- स्वयंसेवक उन सामाजिक मानदंडों और प्रणालियों को चुनौती देते हैं जो असमानता एवं अन्याय को कायम रखते हैं।
- हाशिये पर पड़े समुदायों का समर्थन करना:
- संगठन शरणार्थियों और भेदभाव के शिकार लोगों जैसी हाशिये पर मौजूद आबादी को सहायता प्रदान करते हैं।
- सेवा के माध्यम से, स्वयंसेवक पीड़ा को कम करते हैं और प्रणालीगत परिवर्तन का समर्थन करते हैं।
- व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन:
- सेवा व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन का मार्ग प्रदान करती है।
- व्यक्तियों को दूसरों की सेवा करने, अधिक न्यायपूर्ण और दयालु समाज में योगदान करने में संतुष्टि मिलती है।
निष्कर्ष:
इस प्रकार, निस्वार्थता और करुणा के कार्यों के माध्यम से, व्यक्ति न केवल दूसरों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं बल्कि अपने जीवन में उद्देश्य एवं पूर्ति की गहरी भावना भी खोजते हैं।