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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    स्थानीय समुदायों की भागीदारी, आंतरिक सुरक्षा उपायों को मज़बूत करने के साथ कट्टरपंथ एवं उग्रवाद के खिलाफ कार्रवाई को किस प्रकार बेहतर बना सकती है? (250 शब्द)

    07 Feb, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आंतरिक सुरक्षा

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • आंतरिक सुरक्षा में स्थानीय समुदाय की भूमिका का संक्षिप्त परिचय लिखिये।
    • उस रूप का उल्लेख कीजिये, जिसके माध्यम से स्थानीय समुदाय आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में उत्पादक के रूप में शामिल हो सकते हैं।
    • तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    स्थानीय समुदाय की भागीदारी से तात्पर्य कट्टरपंथ और हिंसक उग्रवाद की रोकथाम एवं प्रतिक्रिया में नागरिक समाज संगठनों, धार्मिक समूहों, युवाओं, महिलाओं तथा अन्य कमज़ोर समूहों जैसे स्थानीय अभिकर्त्ताओं की भागीदारी से है। स्थानीय समुदाय प्रायः कट्टरपंथ और उग्रवाद के संकेतों एवं प्रभावों का पता लगाने तथा अनुभव करने वाले पहले व्यक्ति होते हैं, जिनके पास अद्वितीय अंतर्दृष्टि, संसाधन व नेटवर्क होते हैं जिन्हें इन संकटों का सामना करने के लिये एकत्रित किया जा सकता है।

    मुख्य भाग:

    • स्थानीय समुदाय की भागीदारी निम्नलिखित के द्वारा आंतरिक सुरक्षा उपायों को बढ़ा सकती है:
      • कट्टरपंथ और उग्रवाद के चालकों, गतिशीलता एवं अभिकर्त्ताओं के संदर्भ में सूचना तथा खुफिया जानकारी प्रदान करना व संभावित जोखिमों एवं संकटों के बारे में प्राधिकरण को सचेत करना।
      • समुदाय-आधारित रोकथाम और हस्तक्षेप कार्यक्रमों को विकसित करना एवं कार्यान्वित करना, जो मूल कारणों तथा शिकायतों को संबोधित करते हैं, जिसमें कट्टरपंथ व उग्रवाद को बढ़ावा देना शामिल है, जैसे कि सामाजिक बहिष्कार, हाशिये पर जाना, भेदभाव, गरीबी और अवसरों की कमी आदि।
      • स्थानीय समुदायों और सुरक्षा एवं कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच विश्वास व सहयोग का निर्माण करना, जिसमें तनाव, गलतफहमी तथा रूढ़िवादिता को कम करने के लिये संवाद व संचार की सुविधा प्रदान करना शामिल है।
      • पूर्व चरमपंथियों और वापस लौटे लोगों के पुनर्वास एवं पुन:एकीकरण का समर्थन करना, उन्हें पुनरावर्तन को रोकने के लिये मनोसामाजिक, शैक्षिक तथा आर्थिक सहायता प्रदान करना।
    • स्थानीय समुदाय की भागीदारी निम्नलिखित द्वारा कट्टरपंथ और उग्रवाद के खिलाफ लचीलापन उत्पन्न कर सकती है:
      • स्थानीय समुदायों की सामाजिक पूंजी तथा एकजुटता को मज़बूत करना और सदस्यों के बीच अपनेपन, पहचान एवं आपसी समर्थन की भावना को बढ़ावा देना।
      • लोकतंत्र, मानवाधिकार, विविधता और सहिष्णुता के मूल्यों को बढ़ावा देना एवं शिक्षा, जागरूकता व समर्थन के माध्यम से कट्टरपंथ तथा उग्रवाद की कहानियों व विचारधाराओं को चुनौती देना।
      • कट्टरपंथ और उग्रवाद के आघातों व तनावों से निपटने एवं उबरने तथा बदलती परिस्थितियों के अनुरूप अनुकूलन एवं परिवर्तन करने के लिये स्थानीय समुदायों की क्षमता और सशक्तिकरण को बढ़ाना।

    निष्कर्ष:

    स्थानीय समुदाय की भागीदारी आंतरिक सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और कट्टरपंथ एवं उग्रवाद के विरुद्ध लचीलापन बनाने के लिये एक व्यापक तथा समग्र दृष्टिकोण का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। स्थानीय कार्यकर्त्ताओं को शामिल करके और सशक्त बनाकर, प्राधिकरण इन संकटों को रोकने तथा उनका सामना करने के साथ-साथ अधिक शांतिपूर्ण व समावेशी समाज को बढ़ावा देने के लिये उनके ज्ञान, कौशल एवं नेटवर्क का लाभ उठा सकते हैं।

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