प्रश्न :
रवीश (एक युवा और समर्पित सिविल सेवक जिन्हें अपनी योग्यता एवं ईमानदारी के लिये जाना जाता है) को एक ऐसे ज़िले में नियुक्त किया गया था, जिसमें साक्षरता अनुपात कम होने के साथ शिक्षा प्रणाली माफियाओं द्वारा नियंत्रित थी और यहाँ परीक्षा में नकल के बदले छात्रों से पैसे वसूले जाते थे। इस स्थिति की गंभीरता को पहचानते हुए रवीश ने माफियाओं की जटिल कार्यप्रणाली को समझने के साथ इसमें स्थानीय अधिकारियों और ताकतवर लोगों की मिलीभगत का पता लगाया।
जाँच करने पर रवीश ने इस अवैध गठबंधन में अपने कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की संलिप्तता का पता लगाया। निर्णायक कार्रवाई करते हुए उन्होंने उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए और इस अवैध प्रणाली को समाप्त करने के लिये जाँच कार्रवाइयाँ कीं। इस तरह के प्रतिरोध का सामना करने से अनभिज्ञ माफिया चिंतित हो गए, कुछ कार्यालय कर्मचारियों ने उन्हें ज़िले में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के उन्मूलन के क्रम में रवीश के दृढ़ संकल्प के बारे में बताया।
इसके विरोध में माफियाओं ने शत्रुतापूर्ण रुख अपनाते हुए जवाबी हमला किया। उन्होंने रवीश को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी तथा उनके परिवार (जिसमें उनकी पत्नी और बुज़ुर्ग माँ भी शामिल थीं) को नुकसान पहुँचाने की धमकी देने के कारण उन्हें अत्यधिक मानसिक परेशानी हुई। यह स्थिति तब और गंभीर हो गई जब एक माफिया रवीश के कार्यालय पहुँचा और उसने इससे संबंधित जाँच बंद करने या उनके कुछ पूर्ववर्तियों के समान परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी, उक्त माफिया ने एक दशक पहले एक अधिकारी की हत्या कर दी थी।
a. शिक्षा माफियाओं से निपटने में रवीश के समक्ष आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इस स्थिति को प्रभावी ढंग से हल करने के लिये रवीश के पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं?
b. इस ज़िले में शिक्षा माफियाओं द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से निपटने हेतु रवीश के लिये बताए गए प्रत्येक विकल्प का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
05 Jan, 2024
सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- सिविल सेवक के रूप में रवीश की विशेषताएँ और उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों के बारे में संक्षिप्त परिचय दीजिये।
- इस स्थिति से निपटने के लिये रवीश के समक्ष उपलब्ध चुनौतियों और विभिन्न विकल्पों पर चर्चा कीजिये।
- रवीश के पास उपलब्ध प्रत्येक विकल्प के पक्ष एवं विपक्ष के बारे में बताइये।
- उचित निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
एक समर्पित और सक्षम सिविल सेवक के रूप में रवीश को एक ऐसे ज़िले में जटिल परिस्थिति का सामना करना पड़ता है, जहाँ शिक्षा में बहुत भ्रष्टाचार है। जैसे ही वह इस अवैध नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश करता है, उसे विभिन्न खतरों का सामना करना पड़ता है साथ ही उसके परिवार को परेशान किया जाता है। इस कठिन परिस्थिति को संभालने के लिये, रवीश को ज़िले की शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के साथ अपने परिवार को सुरक्षित रखने के क्रम में सावधानीपूर्वक कदम उठाना होगा।
मुख्य भाग:
- ज़िले में अवैध गतिविधियों में शामिल शिक्षा माफियाओं द्वारा उत्पन्न चुनौती का सामना कर रहे रवीश के पास इस स्थिति से निपटने के लिये विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं:
- कड़ी कार्रवाई जारी रखना:
- रवीश शिक्षा माफियाओं के खिलाफ अपनी कड़ी कार्रवाई को जारी रखने के साथ उनके अवैध तंत्र को खत्म करने के लिये गहन जाँच और छापेमारी कर सकता है। कड़ा रुख अपनाकर, वह माफियाओं की अवैध गतिविधियों को रोक सकता है।
- बाहरी सहायता लेना:
- शिक्षा माफियाओं से निपटने में अधिक व्यापक और समन्वित प्रयास सुनिश्चित करने के लिये रवीश उच्च अधिकारियों से समर्थन मांग सकता है, जैसे इस मामले को राज्य या केंद्र सरकार के अधिकारियों तक पहुँचाना। कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग से उसके कार्यों की प्रभावशीलता बढ़ सकती है।
- परिवार की रक्षा करना:
- परिवार के समक्ष उत्पन्न खतरों को ध्यान में रखते हुए, रवीश सुरक्षा सुनिश्चित करने का विकल्प चुन सकता हैं। इसमें अतिरिक्त सुरक्षा की मांग करना या अपने परिवार को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करना शामिल हो सकता है।
- भ्रष्ट अधिकारियों को प्रकाश में लाना:
- यह देखते हुए कि उनके कार्यालय के कुछ कर्मचारी कथित तौर पर माफियाओं से जुड़े हुए हैं, रवीश आंतरिक जाँच शुरू करने के साथ भ्रष्ट व्यक्तियों को बेनकाब कर सकता है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है। इससे माफियाओं और स्थानीय पदाधिकारियों के बीच गठजोड़ को समाप्त करने में मदद मिलेगी।
- जन जागरूकता बढ़ाना:
- रवीश, शिक्षा माफियाओं द्वारा संचालित नकल के हानिकारक प्रभावों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने पर विचार कर सकता है। समुदाय के साथ जुड़कर, वह समर्थन जुटाने के साथ माफियाओं की गतिविधियों के खिलाफ सामूहिक प्रतिरोध पैदा कर सकता है।
- ज़िले में शिक्षा माफिया द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिये रवीश के समक्ष उपलब्ध प्रत्येक विकल्प का आलोचनात्मक मूल्यांकन:
- कड़ी कार्रवाई जारी रखना:
- पक्ष: इससे प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प प्रदर्शित होता है जिससे संभावित रूप से माफियाओं की गतिविधियों को रोका जा सकता है।
- विपक्ष: इससे शत्रुता बढ़ सकती है, जिससे रवीश और उनके परिवार को अधिक खतरा हो सकता है। इससे भ्रष्टाचार के मूल कारणों को हल नहीं किया जा सकता है।
- बाहरी सहायता लेना:
- पक्ष: इससे अतिरिक्त संसाधन और अधिकार प्राप्त होंगे। इसमें समन्वित प्रयासों के माध्यम से समग्र प्रभाव को बढ़ावा मिलेगा।
- विपक्ष: नौकरशाही प्रक्रिया धीमी हो सकती है। उच्च स्तर पर भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा हस्तक्षेप का भी खतरा हो सकता है।
- परिवार की रक्षा करना:
- पक्ष: इससे रवीश के परिवार की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित होता है।
- विपक्ष: इसे आक्रामक रणनीति के बजाय रक्षात्मक माना जा सकता है। यह प्रणाली के अंदर भ्रष्टाचार के मुद्दे को प्रत्यक्ष तौर पर संबोधित नहीं करता है।
- भ्रष्ट अधिकारियों को प्रकाश में लाना:
- पक्ष: आंतरिक भ्रष्टाचार में कमी आने से माफियाओं का समर्थन नेटवर्क कमज़ोर होगा।
- विपक्ष: इसमें संगठन के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। इसकी प्रतिक्रिया से बचने के लिये ठोस सबूत के साथ सावधानी से निपटने की आवश्यकता है।
- जन जागरूकता बढ़ाना:
- पक्ष: माफियाओं के खिलाफ लोगों को संगठित किया जा सकेगा।
- विपक्ष: इससे लोक व्यवस्था में व्यवधान हो सकता है।
- कानूनी कार्यवाही:
- पक्ष: इससे कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से जवाबदेही सुनिश्चित होने के साथ माफियाओं को दोषी ठहराया जा सकता है और उनके तंत्र को नष्ट किया जा सकता है।
- विपक्ष: कानूनी कार्यवाही लंबी हो सकती है। गवाहों को डराने-धमकाने का खतरा हो सकता है।
- गुप्त ऑपरेशन:
- पक्ष: माफियाओं को सचेत किये बिना बहुमूल्य खुफिया जानकारियाँ मिल सकती हैं।
- विपक्ष: इसमें कुशल कर्मियों की आवश्यकता के साथ गुप्त अभियानों में शामिल लोगों के लिये जोखिम और व्यक्तिगत खतरा हो सकता है।
निष्कर्ष:
ज़िले में ईमानदारी की संस्कृति बनाए रखने तथा भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये रवीश की अटूट प्रतिबद्धता एक सच्चे लोक सेवक के गुणों को दर्शाती है। रवीश द्वारा प्रदर्शित अनुकूलन क्षमता व्यवस्था में सुधार हेतु एक प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करती है।