भारत में आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत और इन स्रोतों पर अंकुश लगाने के लिये किये गए प्रयासों को बताइए। इस आलोक में हाल ही में नई दिल्ली में नवंबर 2022 में हुई ‘'नो मनी फॉर टेरर' (NMFT)’ संगोष्ठी के लक्ष्य एवं उद्देश्य की भी विवेचना कीजिये। (250 शब्द, UPSC मुख्य परीक्षा 2023)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- प्रश्न के संदर्भ को ध्यान में रखते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोतों तथा उन स्रोतों को कमज़ोर करने हेतु भारत द्वारा किये गए प्रयासों पर चर्चा कीजिये।
- हाल ही में आयोजित नो मनी फॉर टेरर (NMFT) सम्मेलन के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों पर चर्चा कीजिये।
- इस कथन के साथ निष्कर्ष लिखिये कि अपने पड़ोसियों से चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा है।
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परिचय:
वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के बाद से ही भारत विभिन्न प्रकार की आतंकवादी और विद्रोही गतिविधियों का साक्षी रहा है। विगत कुछ वर्षों में भारत ने अपनी गलतियों से सीख ली है और आतंकवाद के वित्तपोषण तथा अन्य संबंधित गतिविधियों को सबक देने के लिये कई तरीके विकसित किये हैं।
मुख्य भाग:
आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत:
- राज्य प्रायोजित आतंकवाद: राजनयिक हितों को आगे बढ़ाने के लिये आतंक का उपयोग एक पूर्व विदित अभ्यास रहा है। राज्य अपराधों को प्रायोजित करते हैं और आतंकवादियों का सहयोग एक नीति के रूप में करते हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर वे अपने उद्देश्यों के लिये उनका उपयोग कर सकें।
- जाली मुद्रा: इसमें जाली मुद्रा को सीधे छापना और बाज़ार में प्रसारित करना शामिल है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिये पड़ोसी राज्यों द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक उपकरण है।
- संगठित अपराध: आपराधिक संगठन आमतौर पर मिल जुलकर कार्य करते हैं और अक्सर बड़े आतंकवादी समूहों से संबद्ध होते हैं। इन दोनों के बीच संसाधनों का प्रवाह दोतरफा होता है।
- जबरन वसूली: यह भारत में विशेषकर उत्तर-पूर्व में आतंकवाद के वित्तपोषण का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है।
- हवाला प्रणाली: यह आमतौर पर अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के माध्यम से धन के स्थानांतरण का एक अवैध तरीका है जिसका उपयोग आपराधिक नेटवर्क द्वारा किया जाता है।
स्रोतों पर अंकुश के लिये किये गए प्रयास:
- राष्ट्रीय अंवेषण अभिकरण (NIA): यह राज्यों की विशेष अनुमति लिये बिना राज्यों में आतंकवादी गतिविधियों को संबोधित करने लिये भारत की प्रमुख संस्था है।
- गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA): यह आतंकवाद-रोधी कानून किसी व्यक्ति को "आतंकवादी" के रूप में नामित करने का प्रयास करता है।
- नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID): यह आतंक और अपराध से संबंधित सूचनाओं की एक केंद्रीकृत डेटा लाइब्रेरी है।
- समाधान सिद्धांत: इसे विशेष रूप से वामपंथी उग्रवाद की चुनौतियों को संबोधित करने के लिये विकसित किया गया था, इसका उद्देश्य आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण को समाप्त करना है।
हाल ही में आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर तीसरी ‘'नो मनी फॉर टेरर' (NMFT)’ मंत्रिस्तरीय संगोष्ठी नई दिल्ली, भारत में आयोजित की गई थी। इसके प्रमुख लक्ष्यों में:
- आतंकवाद एवं उग्रवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिये वैश्विक सहयोग स्थापित करना।
- इस संबंध में देश में एक सचिवालय की स्थापना करना, जो कि कोई जाँच संस्था नहीं होगी बल्कि सहकारिता एवं सहभागिता की अवधारणा पर कार्य करेगी।
- नवीन उभरते खतरों एवं आतंकवाद के प्रचार-प्रसार के तरीकों की जाँच करना।
निष्कर्ष:
दो शत्रु पड़ोसियों से घिरा होने के कारण भारत आंतरिक सुरक्षा के प्रश्न पर आत्मसंतुष्ट नहीं हो सकता है। भारत ने कई उपायों के माध्यम से आतंकवाद के विरुद्ध अपने संघर्ष को जारी रखा है ताकि आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत किया जा सके।