- फ़िल्टर करें :
- सैद्धांतिक प्रश्न
- केस स्टडीज़
-
प्रश्न :
अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के संदर्भ में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान हेतु राजनयिक, भावनात्मक बुद्धिमत्ता का लाभ किस प्रकार उठा सकते हैं? (150 शब्द)
28 Dec, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के संदर्भ में भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EI) को संक्षेप में परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये और राजनयिक प्रयासों के लिये इसकी प्रासंगिकता को स्पष्ट कीजिये।
- चर्चा कीजिये कि शांतिपूर्ण संघर्ष समाधान की सुविधा के लिये राजनयिक, EI का लाभ कैसे उठा सकते हैं।
- इस विचार पर बल देते हुए निष्कर्ष लिखिये कि शांतिपूर्ण संघर्ष समाधान की दिशा में कार्य करने वाले राजनयिकों के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता एक मूल्यवान संपत्ति है।
परिचय:
भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EI) विभिन्न स्थितियों में अपनी और दूसरों की भावनाओं को समझने और प्रबंधित करने की क्षमता है। EI उन राजनयिकों के लिये एक मूल्यवान कौशल हो सकता है जो अक्सर जटिल एवं संवेदनशील वार्ताओं में शामिल होते हैं, जहाँ भावनाएँ परिणामों एवं पक्षकारों के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं।
मुख्य भाग:
राजनयिक निम्नलिखित तरीकों से शांतिपूर्ण संघर्ष समाधान की सुविधा के लिये EI का लाभ उठा सकते हैं:
- सहानुभूति: राजनयिक दूसरे पक्ष के दृष्टिकोण को समझने, सम्मान देने एवं विश्वास को बढ़ावा देने के लिये सहानुभूति का लाभ उठाते हैं। यह दृष्टिकोण शत्रुता को कम करता है, सहयोग को बढ़ावा देता है और पारस्परिक रूप से लाभप्रद समाधानों के लिये सामान्य आधार तैयार करता है।
- उदाहरण के लिये वर्ष 1953 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष विजया लक्ष्मी पंडित ने सहानुभूति और सामाजिक जागरूकता के माध्यम से उपनिवेशवाद की समाप्ति एवं मानव अधिकारों के साथ विश्व शांति की वकालत की थी।
- आत्म-जागरूकता: राजनयिकों को आत्म-जागरूकता से लाभ होता है, जिससे उन्हें भावनाओं को प्रबंधित करने, पूर्वाग्रहों का विरोध करने एवं संघर्ष को बढ़ने से रोकने में सहायता मिलती है। यह कमज़ोरियों को पहचानने और सुधार की तलाश करने के साथ बेहतर रिश्तों को बढ़ावा देने में सहायता करता है।
- स्व-प्रबंधन: आवेगों को नियंत्रित करने, भावनाओं को सम्मानपूर्वक व्यक्त करने, संयम बनाए रखने तथा बदलती परिस्थितियों के अनुकूल ढलने, प्रभावी संचार एवं संघर्ष से बचने के लिये राजनयिकों को स्व-प्रबंधन से लाभ होता है।
- सामाजिक जागरूकता: राजनयिक चेहरे के भाव, शारीरिक भाषा और आवाज के स्वर जैसे भावनात्मक संकेतों को समझने एवं उनकी व्याख्या करने के लिये सामाजिक जागरूकता का लाभ उठाते हैं। यह कौशल उन्हें दूसरे पक्ष की भावनात्मक जरूरतों का अनुमान लगाने, उन्हें संबोधित करने, गलतफहमी को रोकने तथा स्थिति की गतिशीलता के आधार पर अपने दृष्टिकोण को समायोजित करने में सक्षम बनाता है।
- संबंध प्रबंधन: संबंध प्रबंधन से राजनयिक, स्थायी सकारात्मक संबंध विकसित करने में सक्षम होते हैं। यह प्रभावी संचार, सक्रिय श्रवण, संघर्ष समाधान एवं आलोचना से निपटने की सुविधा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त इससे पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणामों के लक्ष्य प्राप्ति के साथ सहयोग को बढ़ावा मिलता है।
- वर्ष 2009-2011 तक भारत की विदेश सचिव रहीं निरुपमा राव ने प्रभावी संबंध प्रबंधन एवं संचार कौशल के माध्यम से चीन सीमा विवाद, अमेरिकी परमाणु समझौते तथा श्रीलंकाई गृहयुद्ध जैसे संवेदनशील मामलों को कुशलता से प्रबंधित किया है।
निष्कर्ष:
EI भावनाओं को समझने एवं प्रबंधित करने के साथ सकारात्मक परिणामों को बढ़ावा देकर राजनयिकों को संघर्ष समाधान में सशक्त बनाता है। इससे अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में शांति और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print