विभिन्न क्षेत्रों में मानव संसाधनों की आपूर्ति में वृद्धि में कौशल विकास कार्यक्रमों ने सफलता अर्जित की है। इस कथन के संदर्भ में शिक्षा, कौशल और रोज़गार के मध्य संयोजन का का विश्लेषण कीजिये। (250 शब्द, UPSC मुख्य परीक्षा 2023)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- शिक्षा, कौशल और रोज़गार के महत्त्व को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- शिक्षा, कौशल और रोज़गार के बीच अंतर्संबंध पर चर्चा कीजिये।
- इस बात पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष लिखिये कि कौशल विकास कार्यक्रम मानव संसाधनों को बढ़ाने में सफल रहे हैं।
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परिचय:
शिक्षा, कौशल और रोज़गार तीन बहुत बारीकी से जुड़ी हुई गतिविधियाँ हैं जो किसी व्यक्ति के लिये महत्त्वपूर्ण हैं तथा राष्ट्र निर्माण के लिये अनिवार्य हैं।
मुख्य भाग:
शिक्षा, कौशल और रोज़गार के बीच संबंध:
- शिक्षा नागरिक जीवन के आधार के लिये प्रारंभिक उपाय के रूप में कार्य करती है। यह किसी व्यक्ति के पर्याप्त विकास के लिये महत्त्वपूर्ण है और एक नागरिक को उचित रोज़गार प्राप्त करने का आधार देती है।
- बुनियादी और उच्च शिक्षा दोनों ही व्यक्ति को ज्ञान का आधार प्राप्त करने में संबंधित भूमिका निभाती है, जिसकी सहायता से वे किसी पेशे के लिये विशेष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- कौशल विकास आवश्यक व्यावसायिक या तकनीकी कौशल सीखने की गतिविधि है जिसकी किसी उद्योग में प्रत्यक्ष प्रयोज्यता होती है जिससे सफल रोज़गार प्राप्त होता है। उदाहरण के लिये, C++ का प्रमाणीकरण रोज़गार के बेहतर अवसर प्रदान कर सकता है।
- सॉफ्ट स्किल्स कौशल का एक उपसमूह हैं जिन्होनें पिछले दशकों में लोगो में रुचि बढ़ाई है और आज आधुनिक रोज़गार बाज़ार के लिये आवश्यक कौशल है।
- कौशल विकास से व्यक्ति न केवल रोज़गार प्राप्त कर सकता है, बल्कि उद्यमिता भी सीख सकता है, जो अंततः रोज़गार देने/सृजन करने में सक्षम बनाता है।
- रोज़गार शिक्षा और कौशल विकास का अंतिम लक्ष्य है। किसी भी राष्ट्र के विकास के लिये रोज़गार आवश्यक है। रोज़गार किसी अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य का एक आवश्यक संकेतक है। बेहतर रोज़गार राष्ट्र के विकास की उच्च संभावनाओं को दर्शाता है।
- शिक्षा और कौशल विकास दोनों ही व्यक्ति को रोज़गार प्राप्त करने में सहायता करने के लिये पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित करते हैं।
- आजकल कंपनियाँ अपने काम पर नियुक्त व्यक्ति को बेहतर बनाने के लिये उसके कौशल को बढ़ाने का एक तरीका अपनाती हैं।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तथा राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन जैसे विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों ने उद्योग को कुशल श्रमिक प्राप्त करने में सहायता की है; दूसरे शब्दों में वे विभिन्न क्षेत्रों में मानव संसाधन आपूर्ति बढ़ाने में सफल रहे हैं।