सामाजिक पूंजी की व्याख्या कीजिये। यह सुशासन में वृद्धि कैसे करती है? (150 शब्द, UPSC मुख्य परीक्षा 2023)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- सामाजिक पूंजी को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- सुशासन को बढ़ाने में सामाजिक पूंजी की भूमिका पर चर्चा कीजिये।
- सामाजिक पूंजी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
सामाजिक पूंजी का आशय किसी समुदाय में सामाजिक संबंध, विश्वास और साझा मूल्यों के नेटवर्क से है जिससे प्रभावी सहयोग और समन्वय को बढ़ावा मिलता है।
मुख्य भाग:
सामाजिक पूंजी कई मायनों में सुशासन को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जैसे:
- इससे नागरिक सहभागिता एवं सहयोग को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे सरकारी संस्थानों की जवाबदेहिता में वृद्धि हो सकती है।
- इससे सामूहिक कार्रवाई के साथ समस्या का समाधान सुनिश्चित होता है, जिससे सार्वजनिक वस्तुओं और सेवाओं के वितरण में सुधार हो सकता है।
- इससे सामाजिक एकजुटता तथा समावेशन को बढ़ावा मिलने से संघर्ष और हिंसा की घटनाओं में कमी आने से सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिल सकता है।
- इससे सूचना अंतराल को कम करने के साथ विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय एवं सहयोग को बढ़ावा मिल सकता है।
- इससे नवाचार के साथ सीखने की भावना को प्रोत्साहन मिल सकता है, जिससे शासन प्रणालियों की अनुकूलनशीलता तथा प्रभावशीलता में वृद्धि हो सकती है।
निष्कर्ष:
सुशासन, विश्वास, सहयोग, नागरिक सहभागिता एवं सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देने हेतु सामाजिक पूंजी की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके मूल्य को पहचानते हुए लोकतांत्रिक संस्थानों में सामाजिक कल्याण को बढ़ाने के उद्देश्य से सामाजिक पूंजी को बढ़ावा देना चाहिये।