नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारत में औपनिवेशिक शासन ने आदिवासियों को कैसे प्रभावित किया और औपनिवेशिक उत्पीड़न के प्रति आदिवासी प्रतिक्रिया क्या थी? ( 250 शब्द, UPSC मुख्य परीक्षा 2023)

    18 Dec, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भारत में औपनिवेशिक शासन द्वारा लाए गए परिवर्तनों तथा जनजातीय समाजों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, विभिन्न समुदायों पर इसके प्रभावों का संक्षेप में उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • औपनिवेशिक शासन द्वारा आदिवासियों में आए परिवर्तनों के प्रभाव तथा औपनिवेशिक उत्पीड़न के प्रति आदिवासियों की प्रतिक्रियाओं पर चर्चा कीजिये।
    • आदिवासियों की प्रतिक्रिया के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    औपनिवेशिक शक्तियों (विशेषकर ब्रिटिशों के आगमन) के कारण आदिवासी समुदायों के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक ताने-बाने में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आया। इसे आदिवासी लोगों का विस्थापन, इनकी भूमि पर कब्ज़ा, शोषण एवं पारंपरिक जीवनशैली के क्षरण के रूप में चिह्नित किया जाता है।

    मुख्य भाग:

    आदिवासियों पर औपनिवेशिक शासन का प्रभाव:

    • विस्थापन और भूमि पर कब्ज़ा: औपनिवेशिक शासन के सबसे प्रमुख प्रभावों में से एक आदिवासी समुदायों का विस्थापन और इनकी भूमि पर कब्ज़ा होना था।
    • शोषणकारी श्रम प्रथाएँ: आदिवासी समुदाय प्राय: शोषणकारी श्रम प्रथाओं का शिकार हुए। ब्रिटिश प्रशासन ने कई जनजातियों को खनन, वृक्षारोपण कार्य एवं सड़क निर्माण जैसी श्रम-केंद्रित गतिविधियों को करने के लिये मजबूर किया था।
    • सांस्कृतिक क्षरण: औपनिवेशिक कानूनों, शिक्षा प्रणालियों एवं धार्मिक प्रथाओं को लागू करने से आदिवासी संस्कृतियों एवं परंपराओं का क्षरण हुआ।
    • वन नीतियाँ: अंग्रेज़ों द्वारा लागू वन नीतियों के कारण आदिवासी समुदायों की वनों तक पहुँच प्रतिबंधित होने से उनकी आजीविका प्रभावित हुई।

    औपनिवेशिक उत्पीड़न के खिलाफ आदिवासी समुदायों की प्रतिक्रियाएँ:

    • सशस्त्र प्रतिरोध: आदिवासी समुदायों ने औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध सशस्त्र प्रतिरोध किया। उन्होंने अपनी भूमि, संस्कृति एवं जीवनशैली की रक्षा के लिये विद्रोह की योजना बनाई। उदाहरण: संथाल विद्रोह, मुंडा विद्रोह, कोया विद्रोह।
    • सांस्कृतिक संरक्षण: कुछ आदिवासी समुदायों ने औपनिवेशिक प्रभाव के बावजूद अपनी सांस्कृतिक विरासत एवं परंपराओं को संरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया।
    • गोरिल्ला युद्ध: कुछ आदिवासी समुदायों ने औपनिवेशिक शक्तियों का विरोध करने के लिये गोरिल्ला युद्ध रणनीति अपनाई। उन्होंने स्थानीय इलाके से संबंधित जानकारी का लाभ उठाते हुए गोरिल्ला युद्ध रणनीतियों का उपयोग किया।

    निष्कर्ष:

    भारत में औपनिवेशिक उत्पीड़न के प्रति आदिवासी समुदायों ने विभिन्न प्रतिक्रियाएँ (जिनमें सशस्त्र प्रतिरोध एवं अहिंसक आंदोलन दोनों शामिल थे) की थीं, जिनका उद्देश्य अपने अधिकारों, संस्कृति तथा पारंपरिक जीवनशैली की रक्षा करना था। इन प्रयासों से आधुनिक भारत में आदिवासी अधिकारों और विकास के संबंध में जारी चर्चाओं एवं नीतियों में योगदान मिला।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow