सरकार के एक मंत्रालय में आप ज़िम्मेदार पद पर हैं। एक दिन सुबह आपके 11 साल के बेटे के स्कूल से फोन आया कि आपको प्रिंसिपल से मिलने आना है। आप जब स्कूल गए तो आपने अपने बेटे को प्रिंसिपल के कार्यालय में देखा। प्रिंसिपल ने आपको सूचित किया कि जिस समय कक्षाएँ चल रही थीं, उस समय आपका बेटा मैदान में बेमतलब घूमता हुआ पाया गया था। कक्षा शिक्षक आपको बताते हैं कि आपका बेटा इधर अकेला पड़ गया है और कक्षा में सवालों का जवाब नहीं देता है, वह हाल ही में आयोजित फुटबॉल ट्रायल में भी अच्छा प्रदर्शन करने में असमर्थ रहा है। आप अपने बेटे को स्कूल से ले आते हैं और शाम को अपनी पत्नी के साथ बेटे के बदलते व्यवहार के कारणों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। बार-बार मनाने के बाद, आपके बेटे ने साझा किया कि कुछ बच्चे कक्षा में और छात्रों के व्हाट्सअप ग्रुप में उसे बौना, मूर्ख तथा मेंढक कहकर उसका मजाक उड़ा रहे थे। वह आपको कुछ बच्चों के नाम बताता है जो मुख्य दोषी हैं लेकिन आपसे मामले को शांत रहने देने की विनती करता है।
कुछ दिनों बाद एक खेल आयोजन के दौरान, जहाँ आप और आपकी पत्नी अपने बेटे को खेलते हुए देखने गए थे, आपके एक सहकर्मी का बेटा आपको एक वीडियो दिखाता है जिसमें छात्रों ने आपके बेटे का व्यंग्यचित्र बनाया है। इसके अलावा वह उन दोषी बच्चों की ओर इशारा करता है जो स्टैंड में बैठे थे। आप जान-बूझकर अपने बेटे के साथ उनके पास से गुज़रते हैं और घर लौटते हैं। अगले दिन, सोशल मीडिया पर आपको, आपके बेटे को तथा यहाँ तक कि आपकी पत्नी को भी बदनाम करने वाला एक वीडियो मिलता है, जिसमें कहा गया है कि आप खेल के मैदान पर बच्चों को शारीरिक रूप से परेशान करने में लगे हुए हैं। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। आपके मित्रों और सहकर्मियों ने पूरा विवरण जानने के लिये आपको फोन करना शुरू कर दिया। आपके एक जूनियर ने आपको एक जवाबी वीडियो बनाने की सलाह दी, जिसमें पृष्ठभूमि दी जाए तथा बताया जाए कि मैदान पर कुछ भी नहीं हुआ है। बदले में आपने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसे आपने खेल आयोजन के दौरान बनाया था, जिसमें संभावित गड़बड़ी करने वालों की पहचान की गई थी, जो आपके बेटे की परेशानी के लिये ज़िम्मेदार थे। आपने यह भी बताया है कि मैदान में वास्तव में क्या हुआ था एवं सोशल मीडिया के दुरुपयोग के प्रतिकूल प्रभावों को सामने लाने का प्रयास किया है।
(a) उपर्युक्त केस स्टडी को आधार बनाकर सोशल मीडिया के उपयोग में शामिल नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिये।
(b) अपने परिवार के खिलाफ फर्जी प्रचार का मुकाबला करने के लिये तथ्यों को सामने रखने हेतु आपके द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग करने के लाभ और हानियों पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द, UPSC मुख्य परीक्षा 2023)
15 Dec, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
हल करने का दृष्टिकोण:
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परिचय:
इस मामले में सोशल मीडिया के प्रभुत्व वाले समय में, एक सरकारी अधिकारी नैतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है क्योंकि उसका 11 वर्षीय बेटा ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से बदनामी का शिकार हो जाता है। इसका मुकाबला करने हेतु अधिकारी सबूत साझा करने तथा दोषियों को बेनकाब करने के लिये सोशल मीडिया का उपयोग करता है।
मुख्य भाग:
(a) मामले से जुड़े नैतिक मुद्दे:
(b) अपने परिवार के खिलाफ झूठे प्रचार का मुकाबला करने के लिये सोशल मीडिया का उपयोग करने के लाभ और हानि:
लाभ:
हानि:
निष्कर्ष:
झूठी जानकारी का खंडन करने के लिये सोशल मीडिया का उपयोग करना जोखिमपूर्ण हो सकता है। यह स्थितियों को संभालने और जागरूकता में वृद्धि का एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है, लेकिन इसके खतरे तथा संभावित कमियाँ भी हैं। ऐसी स्थितियों से सोच-समझकर निपटना, साथ ही यदि आवश्यक हो तो कानूनी सलाह लेना और अपने परिवार के कल्याण एवं गोपनीयता पर विचार करना महत्त्वपूर्ण है।