सल्तनत काल के दौरान किये गए बड़े तकनीकी बदलाव क्या थे? उन तकनीकी बदलावों ने भारतीय समाज को कैसे प्रभावित किया था? ( 250 शब्द, UPSC मुख्य परीक्षा 2023)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- भारत में सल्तनत काल (1206-1526) और इसके ऐतिहासिक संदर्भ का संक्षेप में परिचय दीजिये।
- सल्तनत काल के दौरान हुए प्रमुख तकनीकी परिवर्तनों पर चर्चा करते हुए बताइये कि इन परिवर्तनों ने भारतीय समाज को किस प्रकार प्रभावित किया।
- भारतीय इतिहास को आकार देने में इन प्रगतियों के महत्त्व पर बल देते हुए निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
दिल्ली सल्तनत (1206-1526) का शासनकाल लगभग 320 वर्षों तक रहा। मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में दिल्ली सल्तनत का भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्से पर प्रभुत्व होने के साथ यह अपने चरम पर थी। इस दौरान हुए कई महत्त्वपूर्ण तकनीकी बदलावों ने भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को नया आकार दिया।
मुख्य भाग:
सल्तनत काल के दौरान किये गए प्रमुख तकनीकी बदलाव:
- कृषि और सिंचाई: हौज़-ए-शम्सी जैसी परिष्कृत सिंचाई प्रणालियों तथा पर्शियन व्हील जैसे जल को लिफ्ट करने वाले उपकरण से बेहतर जल प्रबंधन के साथ फसल उत्पादकता को बढाने में सहायता मिली थी।
- वास्तुकला और संरचनात्मक निर्माण: इस शासनकाल के दौरान भारतीय तथा इस्लामी वास्तुकला शैलियों का सम्मिश्रण होने से इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का विकास हुआ। कुतुब मीनार इस मिश्रित वास्तुकला का विशिष्ट उदाहरण है।
- व्यापार और वाणिज्य: इस दौरान चाँदी तथा तांबे के मानकीकृत सिक्के ढाले गए जिन्हें क्रमशः टका और जीतल कहा जाता था। इन सिक्कों ने व्यापार को सुगम बनाया।
- सैन्य प्रौद्योगिकी: तुगलकाबाद किला जैसे किलेबंद शहरों तथा किलों ने रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा दिया। ये बदलाव सैन्य क्षमता में वास्तुशिल्प नवाचारों का प्रदर्शित करते हैं।
- खुफिया नेटवर्क: सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने एक गुप्त खुफिया नेटवर्क स्थापित किया था जिसे "बरीद-ए-मुमलिक" कहा जाता था।
इन बदलावों ने भारतीय समाज को निम्न प्रकार से प्रभावित किया:
- कृषि विस्तार: बेहतर सिंचाई प्रणालियों के परिणामस्वरूप कृषि भूमि का विस्तार होने से ग्रामीण समुदायों की आर्थिक उन्नति हुई।
- सांस्कृतिक सम्मिश्रण: भारतीय और इस्लामी स्थापत्य शैली तथा कलात्मक रूपों के मिश्रण से सांस्कृतिक सम्मिश्रण को बढ़ावा मिला था।
- मुद्राशास्त्रीय प्रणाली: मानकीकृत सिक्का प्रणाली से एकीकृत मुद्रा प्रणाली स्थापित करने में सहायता मिली थी।
- सैन्य बुनियादी ढाँचे की विरासत: इस दौरान सैन्य क्षेत्र में हुए संरचनात्मक नवाचारों की सहायता से रणनीतिक योजना बनाने के साथ सैन्य निपुणता हासिल करने में सहायता मिली थी।
- बौद्धिक विकास: विभिन्न ग्रंथों के संग्रह से ज्ञान का प्रसार होने से समाज के बौद्धिक विकास में उन्नति हुई।
- खुफिया नेटवर्क: गुप्त खुफिया नेटवर्क की स्थापना से आगे चलकर जासूसी तथा सूचना एकत्र करने की प्रणाली को आधार मिला था।
निष्कर्ष:
सल्तनत काल के तकनीकी बदलावों ने भारत की संस्कृति, अर्थव्यवस्था तथा रक्षा क्षेत्र को नया आयाम दिया था। इससे नवाचार एवं अनुकूलन की एक स्थायी विरासत स्थापित होने से समृद्धि एवं अनुकूलन को बढ़ावा देने में सहायता मिली थी।