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प्रश्न :
हाल ही में आप केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक नियुक्त हुए हैं। आपके प्रभाग के मुख्य आर्किटेक्ट, जो छह महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर उत्साहपूर्वक कार्य कर रहे हैं, जिसका सफल समापन उनके बचे हुए जीवन में एक स्थायी प्रतिष्ठा हासिल करेगा।
मैनचेस्टर आर्किटेक्चर स्कूल, यूके से प्रशिक्षित, एक नई महिला आर्किटेक्ट, सीमा ने आपके प्रभाग में बतौर वरिष्ठ आर्किटेक्ट कार्यभार सँभाला है। इस प्रोजेक्ट के बारे में विवरण देने के दौरान सीमा ने कुछ सुझाव दिये, जो न केवल प्रोजेक्ट में मूल्य वृद्धि करेंगे, बल्कि प्रोजेक्ट की समापन अवधि भी घटा देंगे। इससे मुख्य आर्किटेक्ट असुरक्षित हो गए और सारा श्रेय सीमा को प्राप्त होने की उन्हें लगातार चिंता होने लगी। नतीजतन, उन्होंने सीमा के प्रति एक निष्क्रिय एवं आक्रामक व्यवहार अपना लिया, जो सीमा के लिये अपमानजनक हो गया। सीमा उलझन में पड़ गई, क्योंकि मुख्य आर्किटेक्ट उसे नीचा दिखाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं। वह अक्सर दूसरे सहयोगियों के सामने सीमा को गलत ठहराते तथा उससे ऊँची आवाज़ में बात करते। इस लगातार उत्पीड़न से सीमा आत्मविश्वास और आत्मसम्मान खोने लगी। वह लगातार तनाव, चिंता एवं दबाव महसूस करती। ऐसा प्रतीत हुआ कि सीमा मुख्य आर्किटेक्ट से डर भरे विस्मय में थी क्योंकि वह एक लंबे समय से कार्यालय में थे तथा उनके पास इस कार्य क्षेत्र में व्यापक अनुभव था।
सीमा की उत्कृष्ट शैक्षणिक योग्यता और पूर्व संस्थाओं में कॅरियर रिकॉर्ड से आप अवगत हैं। हालाँकि आपको डर है कि इस उत्पीड़न से सीमा को इस महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट में अत्यंत आवश्यक योगदान पर समझौता करना पड़ सकता है तथा यह उसकी भावात्मक कुशलता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। आपको अपने समकक्ष लोगों से भी पता चला है कि वह त्यागपत्र देने के बारे में सोच रही है।
(a) उपर्युक्त मामले में कौन-से नैतिक मुद्दे शामिल हैं?
08 Dec, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
(b) प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिये तथा सीमा को संस्था में बनाए रखने हेतु आपके पास क्या विकल्प उपलब्ध हैं?
(c) सीमा की दुर्दशा के लिये आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? संस्था में ऐसी घटनाएँ रोकने के लिये आप क्या कदम उठाएंगे? ( 250 शब्द, UPSC मुख्य परीक्षा 2023)उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- इस मामले का संक्षिप्त परिचय देते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिये।
- इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दों को बताते हुए इस परियोजना को पूरा करने के साथ-साथ सीमा को संगठन में बनाए रखने के लिये अपने पास उपलब्ध विकल्प बताइये। इसके साथ ही सीमा की दुर्दशा पर अपनी प्रतिक्रिया पर चर्चा कीजिये।
- मुख्य बिंदुओं को बताते हुए निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
यह केस अध्ययन केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में एक चुनौतीपूर्ण परिदृश्य से संबंधित है, जहाँ सेवानिवृत्त मुख्य वास्तुकार और हाल ही में शामिल हुई वरिष्ठ वास्तुकार सीमा के बीच होने वाला तनाव इस प्रमुख परियोजना की सफलता को खतरे में डालता है। सीमा के नवीन सुझावों से मुख्य वास्तुकार में असुरक्षा की भावना विकसित हुई है, जिससे कार्य वातावरण विषाक्त हो गया है।
मुख्य भाग:
उपर्युक्त मामले में शामिल नैतिक मुद्दे:
- कार्यस्थल पर उत्पीड़न (गरिमा और सम्मान): मुख्य आर्किटेक्ट का सीमा के प्रति अपमान और गैर-सम्मानजनक व्यवहार उसकी गरिमा का उल्लंघन है और इससे एक प्रतिकूल कार्यस्थल वातावरण का निर्माण होता है।
- पेशेवर ईर्ष्या (सहयोग और टीम वर्क): मुख्य आर्किटेक्ट की असुरक्षा की भावना एवं सीमा के साथ सहयोग करने की अनिच्छा, प्रोजेक्ट की सफलता में बाधक बन सकता है और यह टीम वर्क की भावना के भी प्रतिकूल है।
- कर्मचारी के भावनात्मक स्वास्थ्य पर प्रभाव: मुख्य आर्किटेक्ट द्वारा सीमा को लगातार अपमानित किया जाना और इससे उत्पन्न तनाव उसके भावनात्मक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, जिससे उसकी कार्य उत्पादकता में बाधा आती है।
- नैतिक नेतृत्व की विफलता (नैतिक आचरण): एक सक्षम सहयोगी को अपमानित करने के रूप में मुख्य आर्किटेक्ट का अनैतिक आचरण, किसी संगठन में नैतिक नेतृत्व की विफलता को दर्शाता है।
(b) प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिये तथा सीमा को संस्था में बनाए रखने के लिये आपके पास क्या विकल्प उपलब्ध हैं?
- मध्यस्थता: मुख्य आर्किटेक्ट और सीमा के मध्य विवादों को सुलझाने के लिये उनके बीच निजी तौर पर बातचीत की सुविधा प्रदान करना।
- सहयोगात्मक कार्यों का वितरण: सीमा और मुख्य आर्किटेक्ट को उनकी क्षमता और विशेषज्ञता के आधार पर विशिष्ट प्रोजेक्ट कार्य सौंपना, सहयोग को बढ़ावा देंना तथा प्रोजेक्ट को पूरा करने में तेज़ी लाना।
(c) सीमा की दुर्दशा के लिये आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? संस्था में ऐसी घटनाएँ रोकने के लिये आप क्या कदम उठाएंगे?
सीमा की दुर्दशा के लिये प्रतिक्रिया:
- मार्गदर्शन और समर्थन: सीमा को इस बात से अवगत कराना कि उसके योगदान का काफी महत्त्व है तथा उसके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिये उसे भावनात्मक समर्थन प्रदान करना।
- आइडिया इनक्यूबेटर: "आइडिया इनक्यूबेटर" नाम से एक प्लेटफॉर्म का निर्माण करना जहाँ सीमा सहित अन्य कर्मचारी परियोजना संबंधी नवीन विचारों का प्रस्ताव रख सकें। इसके साथ ही रचनात्मकता की संस्कृति को बढ़ावा देते हुए योगदानकर्ताओं की पहचान कर उन्हें पुरस्कृत करने पर बल देना।
संस्था में ऐसी घटनाएँ रोकने के लिये कदम:
- निष्पक्ष मूल्यांकन: निष्पक्ष प्रदर्शन मूल्यांकन के माध्यम से योग्यता आधारित मान्यीकरण सुनिश्चित करना।
- शून्य-सहिष्णुता नीति: सुरक्षित कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिये एक सख्त उत्पीड़न-विरोधी नीति लागू करना और इसके विषय में सभी को जागरूक करना।
- पहचान रहित रिपोर्टिंग: पहचान रहित रिपोर्टिंग तंत्र की स्थापना करना, ताकि कर्मचारी प्रतिशोध के भय से मुक्त होकर उत्पीड़न अथवा संघर्ष की सुरक्षित रूप से रिपोर्टिंग कर सकें।
निष्कर्ष:
नैतिक मुद्दों को हल करने के रूप में तत्काल हस्तक्षेप, प्रभावित पक्ष के लिये समर्थन और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये प्रणालीगत परिवर्तनों का संयोजन शामिल है। एक ऐसे सम्मानजनक और समावेशी कार्य वातावरण पर बल देना चाहिये जो सभी कर्मचारियों के योगदान को महत्त्व देता हो।
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