‘देखभाल अर्थव्यवस्था’ और ‘मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था’ के बीच अंतर कीजिये। महिला सशक्तीकरण के द्वारा देखभाल अर्थव्यवस्था को मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था में कैसे लाया जा सकता है? ( 250 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- देखभाल अर्थव्यवस्था और मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था को संक्षेप में परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- देखभाल अर्थव्यवस्था और मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था के बीच मुख्य अंतरों पर चर्चा कीजिये।
- मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था के साथ देखभाल अर्थव्यवस्था को एकीकृत करने के महत्त्व पर बल देते हुए निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
'देखभाल अर्थव्यवस्था' और 'मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था' कार्य की प्रकृति एवं मूल्य से संबंधित हैं तथा ये आर्थिक गतिविधियों के दो अलग-अलग पहलू हैं। देखभाल अर्थव्यवस्था के तहत देखभाल और सामाजिक सहायता प्रदान करने से संबंधित अवैतनिक या कम भुगतान वाले कार्यों को संदर्भित किया जाता है जबकि मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था में ऐसी सभी आर्थिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं जिन्हें मौद्रिक मूल्य के संदर्भ में संबोधित किया जाता है।
मुख्य भाग:
- 'देखभाल अर्थव्यवस्था' के तहत ऐसे कार्य शामिल होते हैं जो अक्सर घरों के अंदर किये जाते हैं, उदाहरण के लिये; बच्चों की देखभाल, बुजुर्गों की देखभाल, घरेलू कार्य आदि। कुछ हद तक इसमें सीमित भुगतान वाली नर्सों की देखभाल सेवाएँ (अक्सर महिलाओं की) शामिल होती हैं। ऐसी गतिविधियों के लिये भुगतान आमतौर पर बिलकुल नहीं या बहुत कम मिलता है। मानव विकास एवं सामाजिक एकजुटता में महत्त्वपूर्ण भूमिका होने के बावजूद इसे बहुत कम महत्त्व दिया गया है।
- मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था में वस्तुओं के उत्पादन के साथ वित्त, व्यापार आदि को शामिल किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लाभ प्राप्त करना होता है। इसमें प्रतिकर मौद्रिक मूल्य के रूप में प्राप्त होता है। अर्थव्यवस्था में होने वाले कार्य एवं उत्पादित वस्तुओं का भुगतान, वेतन आदि के रूप में किया जाता है। इसका आकलन सकल घरेलू उत्पाद में इसके योगदान से किया जाता है और इसे अक्सर आर्थिक विकास के मापन के रूप में उपयोग किया जाता है।
महिला सशक्तीकरण के माध्यम से देखभाल अर्थव्यवस्था को मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था में एकीकृत करने के तरीके:
- सामाजिक सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है जो देखभाल संबंधी भूमिकाओं में महिलाओं के लिये आय सुरक्षा प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिये, ऐसी भूमिकाओं में संलग्न महिलाओं के लिये पेंशन बीमा।
- बेहतर परिवर्तन के लिये कौशल विकास और औपचारिक क्षेत्र में महिलाओं को शामिल करने पर ज़ोर दिया जाना चाहिये।
- देखभाल वाली अर्थव्यवस्था में सरकार एवं नागरिक समाज संगठनों के मध्य लैंगिक रूप से तटस्थ सुधारों और सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिये सहायक सरकारी नीतियों की आवश्यकता है ।
- उदाहरण के लिये, कामकाजी माताओं के बच्चों के लिये राष्ट्रीय क्रेच योजना आदि।
- देखभाल क्षेत्र के लिये तकनीकी समाधानों पर विचार किया जा सकता है जो समय की बचत और महिलाओं को औपचारिक क्षेत्र के रोज़गार के लिये समुचित परिस्थितियों का निर्माण करे ।
निष्कर्ष:
देखभाल अर्थव्यवस्था का मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था में एकीकरण न केवल महिलाओं के लिये आर्थिक अवसरों में वृद्धि करेगा बल्कि एक अधिक समावेशी तथा न्यायसंगत समाज के निर्माण में अहम भूमिका अदा करेगा।