भारतीय समाज में नवयुवतियों में आत्महत्या क्यों बढ़ रही है? स्पष्ट कीजिये। (150 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- उत्तर को एक ऐसे कथन के संदर्भ के साथ प्रस्तुत कीजिये जिससे संकेत मिलता हो कि नवयुवतियों में आत्महत्या बढ़ रही है।
- नवयुवतियों में बढ़ती आत्महत्याओं के पीछे ज़िम्मेदार कारकों को बताते हुए इस समस्या के कुछ संभावित समाधानों पर चर्चा कीजिये।
- एक सकारात्मक टिप्पणी के साथ निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, वर्ष 2021 में भारत में हुई कुल आत्महत्याओं में 27% महिलाएँ थीं, जिनमें गृहिणियाँ, छात्र और दिहाड़ी मज़दूर सबसे अधिक प्रभावित थे। यह एक गंभीर सामाजिक चिंता को रेखांकित करता है।
भारत में आत्महत्या के कारक:
- आर्थिक आयाम: पर्याप्त आर्थिक अवसरों की कमी और आर्थिक अतिनिर्भरता असहायता एवं निराशा का कारण बनती है।
- शीघ्र विवाह और विवाह के बाद के मुद्दे: कम उम्र में ज़बरन विवाह, दहेज की मांग, वैवाहिक एवं पारिवारिक झगड़े, वैवाहिक बलात्कार, भावनात्मक शोषण एवं मानसिक प्रताड़ना, निराशा और अलगाव को जन्म देते हैं।
- यौन उत्पीड़न और हिंसा: रिपोर्ट के अनुसार, यौन उत्पीड़न और हिंसा के कारण आघात तथा मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं।
- मीडिया प्रभाव और अवास्तविक उम्मीदें: सुंदरता और सफलता की आदर्श छवियाँ, ऑनलाइन उत्पीड़न और साइबरबुलिंग, कम आत्मसम्मान तथा शरीर के विषय में असंतोष (Body Dissatisfaction) उत्पन्न करती हैं।
कुछ संभावित समाधान:
- भावनात्मक स्वास्थ्य कार्यक्रम: स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में भावनात्मक बुद्धिमत्ता, लचीलापन और तनाव प्रबंधन कौशल शामिल करना।
- सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ: मोबाइल क्लीनिक, टेलीमेडिसिन और समुदाय-आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण तथा वंचित क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना।
- AI-पावर्ड अपस्किलिंग प्लेटफॉर्म: ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित करना जो गृहणियों के लिये कौशल विकास कार्यक्रमों को निजीकृत करें।
- सोशल मीडिया साक्षरता: सोशल मीडिया साक्षरता कार्यक्रमों को बढ़ावा दें जो युवा महिलाओं को आलोचनात्मक चिंतन कौशल सिखाते हैं।
निष्कर्ष:
नवयुवतियों में आत्महत्या एक रोकथाम योग्य त्रासदी है जिसे समय पर उचित हस्तक्षेप से टाला जा सकता है। समाज की यह सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि वह सभी नवयुवतियों हेतु उनकी उम्र, पृष्ठभूमि एवं आर्थिक स्थिति की परवाह किये बिना एक सहायक तथा सुलभ वातावरण बनाने के साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण को सुनिश्चित करे।