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प्रश्न :
प्रश्न. विनोद एक ईमानदार और निष्ठावान आईएएस अधिकारी है। हाल ही में उन्होंने राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण किया है, पिछले तीन साल में यह उनका छठा तबादला है। उनके साथी उनके विशाल ज्ञान, मिलनसारिता और ईमानदारी को स्वीकार करते हैं।
राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष एक शक्तिशाली राजनीतिज्ञ हैं, जो मुख्यमंत्री के बहुत करीबी हैं। विनोद को निगम की अनेक कथित अनियमितताओं और वित्तीय मामलों में अध्यक्ष की मनमानी के बारे में पता चला।
निगम के विरोधी दल के एक बोर्ड सदस्य विनोद से मुलाकात करते हैं और कुछ दस्तावेज़ों के साथ एक वीडियो रिकॉर्डिंग सौंपते हैं, जिसमें अध्यक्ष क्यूएमआर टायरों की आपूर्ति के लिये एक बड़ा ऑर्डर देने के लिये रिश्वत की मांग करते हुए दिखाई दे रहे हैं। विनोद को याद है कि अध्यक्ष ने क्यूआर टायरों के लंबित बिलों को तेज़ी से निपटाने का काम किया था।
विनोद, बोर्ड सदस्य से पूछते हैं कि वे अपने पास मौजूद तथाकथित ठोस सबूतों के साथ अध्यक्ष को बेनकाब करने से क्यों कतरा रहे हैं। सदस्य उन्हें सूचित करते हैं कि अध्यक्ष ने उनकी धमकियों के सामने झुकने से इनकार कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि अगर विनोद खुद अध्यक्ष को बेनकाब करेंगे तो उन्हें पहचान और जनता का समर्थन मिल सकता है। इसके अलावा वे विनोद से कहते हैं कि एक बार उनकी पार्टी में आने से विनोद की पेशेवर वृद्धि सुनिश्चित हो जाएगी।
विनोद को पता है कि अगर उन्होंने अध्यक्ष का भंडाफोड़ किया तो उसे दंडित किया जा सकता है और आगे चलकर उन्हें किसी दूर स्थान पर स्थानांतरित भी किया जा सकता है। विनोद जानते हैं कि आगामी चुनाव में विपक्षी दल के सत्ता में आने की बेहतर संभावना है। हालाँकि उन्हें यह भी पता है कि बोर्ड सदस्य अपने राजनीतिक लाभों के लिये उनका इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
(a) एक कर्त्तव्यनिष्ठ सिविल सेवक के रूप में विनोद के लिये उपलब्ध विकल्पों का मूल्यांकन कीजिये।
01 Dec, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
(b) उपर्युक्त मामले के आलोक में, नौकरशाही के राजनीतिकरण के कारण उत्पन्न होने वाले नैतिक मुद्दों पर टिप्पणी कीजिये।उत्तर :
उत्तर:
विनोद, एक कर्त्तव्यनिष्ठ सिविल सेवक है। वह चेयरमैन से संबंधित कथित भ्रष्टाचार को उजागर करना चाहता है परंतु वह अपने उत्तरदायित्व एवं सत्यनिष्ठा के आदर्शों का पालन करने अथवा व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक दोनों स्तरों पर संभावित नतीजों से बचने के लिये चुप रहने की नैतिक दुविधा का सामना कर रहा है।
उसके समक्ष ये विकल्प उपलब्ध हो सकते हैं:
- चेयरमैन एवं उसके कथित भ्रष्टाचार का खुलासा करना:
- फायदे: इससे सत्यनिष्ठा एवं नैतिक मूल्यों को कायम रखा जा सकता है।
- नुकसान: प्रतिशोध तथा उसके कॅरियर को संभावित नुकसान का खतरा, जिसमें दूरवर्ती क्षेत्रों में स्थानांतरण भी शामिल है।
- भ्रष्टाचार की अनदेखी करना और कर्त्तव्य निभाते रहना:
- फायदे: संभावित व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक जोखिमों से बचाव।
- नुकसान: भ्रष्टाचार को संबोधित करने और नैतिक मानकों को बनाए रखने के अपने कर्त्तव्य में विफलता।
- कानूनी एवं आंतरिक उपाय की सहायता:
- फायदे: उचित प्रक्रिया तथा कानून के शासन का पालन करके नैतिकता कायम रहेगी।
- नुकसान: चेयरमैन के प्रभाव के कारण निष्पक्ष आंतरिक जाँच कराने में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
- व्हिसलब्लोअर सुरक्षा उपायों की सहायता:
- फायदे: आत्म-सुरक्षा के साथ भ्रष्टाचार का खुलासा करने में मदद मिलेगी।
- नुकसान: अभी भी कुछ हद तक व्यावसायिक एवं व्यक्तिगत परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
(b) उपर्युक्त मामले के संदर्भ में नौकरशाही के राजनीतिकरण के कारण उत्पन्न होने वाले नैतिक मुद्दों पर टिप्पणी कीजिये।
उत्तर:
- सत्यनिष्ठा से समझौता: राजनीतिक दबाव के कारण नौकरशाहों को सत्यनिष्ठा का पालन करने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- सत्ता का दुरुपयोग: नौकरशाह राजनीतिक अथवा व्यक्तिगत लाभ के लिये सत्ता का दुरुपयोग कर सकते हैं।
- पक्षपातपूर्ण निर्णय लेना: राजनीतिकरण एक पक्षपातपूर्ण निर्णय लेने की ओर अग्रसर करता है।
- कम जवाबदेही: राजनीतिक माहौल में उत्तरदायित्व चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
- सिविल सेवकों का शोषण: राजनेता राजनीतिक उद्देश्यों के लिये सिविल सेवकों का शोषण कर सकते हैं।
- जन विश्वास में कमी: राजनीतिकरण के कारण सरकारी संस्थानों में जनता की विश्वसनीयता घट जाती है।
- अनैतिक आचरण का सामान्यीकरण: इस परिस्थिति में अनैतिक आचरण के विस्तारित होने की संभावना है।
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